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Kisan Union News : 30 सितंबर को किसान महापंचायत: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ किसानों की आवाज बुलंद करेगी भारतीय किसान यूनियन, प्रमुख मुद्दों पर उठेगा सवाल

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। 30 सितंबर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर भारतीय किसान यूनियन द्वारा एक महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र के किसानों की समस्याओं को लेकर शासन और प्रशासन के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराना है। इस महापंचायत की तैयारियों के तहत एक महत्वपूर्ण बैठक अंसल हाउसिंग कार्यालय में संपन्न हुई, जिसकी अध्यक्षता बेगराज प्रधान ने की और संचालन अनित कसाना ने संभाला। इस बैठक में किसानों के हितों की बात उठाई गई और कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई, जिन्हें महापंचायत में उठाया जाएगा।

महत्वपूर्ण मुद्दे और समस्याएं:

  1. स्टाफ की कमी और किसानों के मामलों का लटकना: नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में स्टाफ की कमी, जैसे लेखपाल, तहसीलदार, इंजीनियर, और अन्य कर्मचारियों की भारी कमी के कारण किसानों के मामले अटके हुए हैं। प्राधिकरणों द्वारा कर्मचारियों की कमी को समस्या का मुख्य कारण बताया गया है, जिसे शीघ्र हल करने की मांग की जा रही है।
  2. समिति की रिपोर्ट का लंबित फैसला: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित समिति ने किसानों की समस्याओं को लेकर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है, लेकिन अब तक उस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। यह किसानों के बीच आक्रोश का कारण बन रहा है।
  3. सर्किल रेट में वृद्धि की मांग: गौतमबुद्धनगर जिले में सर्किल रेट पिछले एक दशक से नहीं बढ़ाया गया है, जिससे किसानों को अधिग्रहण मुआवजे में नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसान मांग कर रहे हैं कि सर्किल रेट में कम से कम 100 प्रतिशत की वृद्धि की जाए।
  4. चार गुना मुआवजे का मुद्दा: नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किसानों को सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा मिलना चाहिए था, लेकिन उन्हें इसके बजाय कम मुआवजा दिया जा रहा है। किसान इस अन्याय को रोकने की मांग कर रहे हैं।
  5. 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा: अधिकांश किसानों को अब तक 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा नहीं मिला है, और उन्हें बिल्डरों और आवंटियों के बीच उलझा दिया गया है।
  6. यमुना एक्सप्रेसवे के किसानों के साथ धोखा: यमुना एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए जमीन देने वाले किसानों को आवासीय भूखंड नहीं दिया जा रहा है, जबकि यह उनके अधिकार में आता है।
  7. जेवर एयरपोर्ट मुआवजा और विस्थापन के मुद्दे: जेवर एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के चलते किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिला है और उन्हें विस्थापन के नाम पर मानसिक और आर्थिक शोषण का सामना करना पड़ रहा है।

इस महापंचायत में जिला अध्यक्ष रॉबिन नागर समेत सैकड़ों किसान नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे। भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में यह महापंचायत किसानों की आवाज को बुलंद करेगी और उनके साथ हो रहे अन्याय को रोकने के लिए कदम उठाएगी।

प्रमुख मांगें:

सर्किल रेट में बढ़ोतरी

64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा

चार गुना मुआवजा

यमुना एक्सप्रेसवे के प्रभावित किसानों को भूखंड

स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार में प्राथमिकता

महापंचायत का आयोजन किसानों के संघर्ष को और भी मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए किया जा रहा है, जिसमें प्राधिकरण और शासन से तुरंत समाधान की मांग की जाएगी।

प्रमुख नेताओं की उपस्थिति:


इस बैठक में प्रमुख किसान नेताओं जैसे पवन खटाना, रॉबिन नागर, इंद्रेश चेची, सुभाष वर्मा, सत्यपाल, जगत सिंह और अन्य सैकड़ों किसान कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। सभी ने 30 सितंबर को आयोजित होने वाली महापंचायत के लिए एकजुटता दिखाते हुए अपनी पूर्ण भागीदारी की घोषणा की।

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