UP CM Yogi News : नोएडा-ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो को मिली हरी झंडी, CM योगी आदित्यनाथ ने 3,000 करोड़ की परियोजना से बढ़ेगी क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, शराब होगी सस्ती, 23 प्रस्तावों पर लगी मुहर, जानिए विस्तार से, जानिए कब शुरू होगा काम
लखनऊ, रफ़्तार टुडे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के विकास को नई दिशा देने वाले कई अहम फैसले लिए गए। इनमें नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्वा लाइन मेट्रो विस्तार को मंजूरी दी गई है। यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी, बल्कि इससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लाखों निवासियों को सीधा लाभ होगा।
17.435 किमी लंबी मेट्रो लाइन का विस्तार
नोएडा सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के नॉलेज पार्क-5 तक कुल 17.435 किमी लंबी मेट्रो लाइन बनाई जाएगी। यह परियोजना 3,000 करोड़ रुपये की लागत से पूरी होगी। राज्य सरकार ने परियोजना में 50% वित्तीय भागीदारी के लिए केंद्र सरकार के साथ करार किया है। शेष 50% लागत में 40% नोएडा प्राधिकरण और 60% ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का योगदान होगा।
यातायात सुगमता और समय की बचत
यह नया विस्तार लाखों यात्रियों के दैनिक जीवन को आसान बनाएगा। नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बीच यात्रा करने वाले लोग अब जाम और लंबी दूरी की समस्या से बच सकेंगे। 17.435 किमी लंबी यह लाइन प्रमुख आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों को जोड़ते हुए क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा देगी।
कैबिनेट के अन्य बड़े फैसले
- नौ शहरों के विस्तार के लिए सीड कैपिटल
प्रदेश के नौ शहरी क्षेत्रों के विस्तार के लिए 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की सीड कैपिटल को मंजूरी दी गई। इसमें सहारनपुर, मथुरा-वृंदावन, लखनऊ, मेरठ, और मुरादाबाद जैसे शहर शामिल हैं।
- कानपुर विकास प्राधिकरण में 80 गांवों का समावेश
कानपुर विकास प्राधिकरण की सीमा में 80 गांव जोड़ने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय क्षेत्रीय विकास को गति देने के उद्देश्य से लिया गया है।
- सौर ऊर्जा को बढ़ावा
चित्रकूट में 800 मेगावाट के सौर ऊर्जा प्लांट के लिए 620 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई। यह परियोजना भारत सरकार के ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर का हिस्सा है।
नोएडा सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के नॉलेज पार्क-5 तक एक्वा लाइन मेट्रो परियोजना विस्तार को कैबिनेट की मंजूरी*
– प्रदेश के 9 शहरों के विस्तारीकरण के लिए विकास प्राधिकरणों को 4 हजार करोड़ से अधिक के सीड कैपिटल की मिली मंजूरी
– चित्रकूट में निर्माणाधीन 800 मेगावॉट सौर ऊर्जा प्लांट के सबस्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन के लिए धनराशि मंजूर
– यूपी में बनेगा गारंटी रिडम्प्शन फंड
मेट्रो परियोजना की विशेषताएं
- पर्यावरणीय लाभ
मेट्रो सेवा शुरू होने से सड़क यातायात पर दबाव कम होगा और प्रदूषण में कमी आएगी।
- रोजगार के अवसर
परियोजना के निर्माण और संचालन से स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
- वाणिज्यिक और आवासीय क्षेत्र को बढ़ावा
मेट्रो लाइन से जुड़े क्षेत्रों में रियल एस्टेट और व्यवसाय में तेजी आएगी।
राजस्व बढ़ाने के लिए अल्कोहल पर नया निर्णय
कैबिनेट ने एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल को जीएसटी से निकालकर वैट में शामिल किया। इससे यूपी सरकार को 100% राजस्व लाभ होगा। वित्तमंत्री ने बताया कि सेंट्रल एक्ट में संशोधन के बाद उत्तर प्रदेश में भी जीएसटी में संशोधन का फैसला मंत्री परिषद् द्वारा किया गया है। इसके तहत एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल को जीएसटी से निकालकर वैट में डाला गया है। इससे यूपी का राजस्व बढ़ेगा। अबतक एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल से 50 परसेंट राजस्व यूपी को मिलता था, जबकि इस फैसले के बाद 100 प्रतिशत राजस्व लाभ मिलेगा। इससे प्रदेश में शराब के दामों में कोई परिवर्तन नहीं आएगा।
क्यों महत्वपूर्ण है यह मेट्रो विस्तार?
बेहतर कनेक्टिविटी: नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बीच सीधा और तेज संपर्क।
आवासीय लाभ: हजारों परिवारों को सुगम और सस्ती परिवहन सुविधा।
विकास का द्वार: वाणिज्यिक और आवासीय परियोजनाओं को प्रोत्साहन।
चित्रकूट में निर्माणाधीन 800 मेगावॉट सौर ऊर्जा प्लांट के सबस्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन मंजूरी
चित्रकूट में 800 मेगावॉट की सौर परियोजना में ट्रांसमिशन लाइन और सबस्टेशन के लिए धन आंवटन को भी मंजूरी दी गई है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत कानपुर विकास प्राधिकरण की सीमा में 80 गांव को जोड़ने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट की मुहर लग गई है। यह फैसला कानपुर नगर के विकास को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
कानपुर विकास प्राधिकरण में जुड़ेंगे 80 गांव
वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि मंत्री परिषद् ने कानपुर विकास प्राधिकरण की सीमा में 80 गांव जोड़ने का फैसला लिया है। कानपुर नगर के विकास को ध्यान में रखते हुए इस प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया है। यह फैसला मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत लिया गया है। वहीं इसके अलावा प्रदेश के अन्य शहरी क्षेत्रों के विस्तार के लिए 3,000 करोड़ रुपए प्रस्तावित किया गया था। इसमें 9 विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद को भूमि खरीद के लिए 50 प्रतिशत पैसा दिया जा रहा है। इसके तहत सहारनपुर, मथुरा-वृंदावन, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, लखनऊ, मुरादाबाद, खुर्जा, बांदा एवं मेरठ विकास प्राधिकरण को 14 योजना में सीड कैपिटल के रूप में 4164.16 करोड़ रुपए प्रदान करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गयाा है। इस वित्तीय वर्ष में इसके अंतर्गत 1285 करोड़ रुपए अनुमोदित किया गया है।
यूपी में बनेगा गारंटी रिडम्प्शन फंड
वित्तमंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा अवस्थापना, सहकारिता और ग्राम विकास जैसे विभागों को विभिन्न फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से कर्ज उपलब्ध कराया जाता है। केंद्रीय वित्त आयोग, सीएजी और कैग की गाइडलाइन्स के अनुसार यूपी में गारंटी रिडम्पशन फंड बनाने का निर्णय लिया गया है। जिससे कि, कोई भी विभाग अगर डिफाल्ट होता है तो फंड से भुगतान किया जा सके। देश के 19 राज्यों में इस फंड का प्रावधान है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस फंड के लिए 1,63,399.82 करोड़ रुपए की गारंटी ली है। इस फंड में 8,170 करोड़ रुपए रखने फैसला लिया जाएगा। साथ ही हर वर्ष बजट में 1,634 करोड़ रुपए का प्राविधान इस फंड के लिए किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश का कोई भी विभाग डिफाल्ट नहीं है।
620 करोड़ रुपए से सौर ऊर्जा को मिलेगी और ताकत
नगर विकास और ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने बताया कि बुंदेलखंड सौर ऊर्जा के बहुत बड़े पोटेंशियल के रूप में उभर कर सामने आया है। वर्तमान में 4 हजार मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं क्रियान्वयन के अलग-अलग स्तर पर हैं। फिलहाल चित्रकूट में 800 मेगावॉट की परियोजना निर्माणाधीन है। इससे निकलने वाली ऊर्जा की निकासी भारत सरकार की ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के जरिए की जाएगी। इसके लिए 400/220 केवी और 500 एमवीए की दो लाइनें बनाई जाएंगी। इनके लिए मंत्रीपरिषद् से मंजूरी मिल गई है। इसकी लागत 619.90 करोड़ रुपए होगी। इससे सब स्टेशन और ट्रांसमिशन लाइनें बनाई जाएंगी। भारत सरकार इसमें सहायता दे रही है। इसमें 33 प्रतिशत यानी 204.57 करोड़ रुपए भारत सरकार कैपिटल ग्रांट के रूप में देगी। वहीं 20 प्रतिशत यानी 23.98 करोड़ रुपए राज्य सरकार पूंजी इक्विटी के रूप में लगाएगी। साथ ही 47 प्रतिशत यानी 291.35 करोड़ रुपए जर्मनी की संस्था केएफडब्ल्यू से लोन लेकर इसको कार्यान्वित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के अंतर्गत 4000 करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट भारत सरकार ने मंजूर किये हैं, जिसके तहत ये कार्य भी हो रहा है।
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