Diwali Crackers News : दिवाली पर प्रदूषण का बम फटा, दमघोंटू हवा ने बनाया ‘सुट्टा बार’! NCR की धुंध में घुला पटाखों का जहर, सांस लेना हुआ मुश्किल, AQI के आंकड़े खतरनाक स्तर पर
Noida News, Raftar Today। दीपावली की रंगीन रोशनी और खुशियों के उत्सव ने एनसीआर के आकाश को चटख रंगों से सजाया, लेकिन इसके साथ ही पटाखों का धुआं भी हवा में घुलता चला गया। गुरुवार की रात को पटाखों की अनगिनत आवाजों और चमकते हुए आसमान ने एनसीआर की हवा को इस कदर जहरीला बना दिया कि शुक्रवार की सुबह लोग मानो किसी ‘सुट्टा बार’ में कदम रख रहे हों। स्थानीय निवासी कह रहे हैं कि बिना सिगरेट का कश लिए भी सांसों में धुआं घुलता महसूस हो रहा है। वायु गुणवत्ता की हालत इतनी खराब हो गई है कि हर सांस भारी पड़ रही है।
AQI के आंकड़े खतरनाक स्तर पर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शुक्रवार सुबह 378 पर पहुंच गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। एनसीआर के अन्य शहर भी इससे अछूते नहीं रहे। नोएडा में AQI 357, गाजियाबाद में 373, फरीदाबाद में 251, और गुरुग्राम में 296 तक पहुंच गया। प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर ने चारों तरफ धुंध की चादर तान दी है, जो न केवल अस्थमा के मरीजों के लिए बल्कि स्वस्थ लोगों के लिए भी चिंता का विषय बन गई है।
पटाखों पर बैन के बावजूद धुआं ही धुआं
सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन लोगों ने उसे नकारते हुए पूरी रात पटाखे फोड़े। नतीजतन, दिल्ली-एनसीआर के आसमान में प्रदूषित धुआं छा गया। अधिकारियों ने नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई का वादा किया था, पर ऐसा लगता है कि नियम केवल कागजों तक ही सीमित रह गए। रातभर चले इस पटाखे बम के शोर और धुएं ने हवा को इस कदर विषैला बना दिया कि अगली सुबह लोग उस जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हुए।
स्वास्थ्य पर भारी असर, डॉक्टरों की चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस जहरीली हवा में बाहर निकलना गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है। कैलाश हॉस्पिटल की डायरेक्टर डॉक्टर पल्लवी शर्मा ने कहां कि यह हवा फेफड़ों और दिल पर गहरा असर डाल सकती है। उन्होंने बताया कि खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा से पीड़ित लोगों को बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। बाहर निकलते समय N95 मास्क का उपयोग अनिवार्य होना चाहिए, लेकिन सबसे बेहतर यही होगा कि लोग घर के अंदर ही रहें और बाहरी हवा के संपर्क में कम आएं।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रशासनिक कदम
प्रदूषण से निपटने के लिए प्रशासन ने कुछ कदम उठाए हैं। दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है और औद्योगिक गतिविधियों पर भी नियंत्रण लगाया गया है। प्रशासन का मानना है कि इन कदमों से स्थिति कुछ हद तक नियंत्रण में आएगी। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि सिर्फ प्रशासनिक कदम काफी नहीं हैं; लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
नागरिकों के लिए सुझाव
- निजी वाहनों का कम उपयोग करें: लोग कारपूलिंग का सहारा लें या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें ताकि सड़क पर वाहनों की संख्या कम हो और प्रदूषण घटे।
- स्मॉग में बाहर निकलने से बचें: खासकर सुबह और शाम के समय में जब स्मॉग का स्तर ज्यादा होता है, बाहर निकलने से बचें।
- एन95 मास्क का उपयोग करें: खासकर संवेदनशील समूहों के लिए मास्क पहनना जरूरी है।
- स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग बढ़ाएं: इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता दें ताकि प्रदूषण को रोका जा सके।
- पटाखों का पूर्ण बहिष्कार करें: त्योहारों पर पटाखे फोड़ने की बजाय, अन्य पर्यावरणीय विकल्प अपनाएं ताकि भविष्य में हवा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
दिवाली के बाद भी बने रहें सतर्क
त्योहार की खुशियां और रंगीन रातें हम सबको आनंद देती हैं, लेकिन इस उत्सव का असर हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण पर लंबे समय तक बना रहता है। हमारे छोटे-छोटे कदम और सावधानियां न केवल हमें बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी बेहतर हवा और स्वस्थ जीवन दे सकती हैं। प्रदूषण का यह खतरा हर साल और बढ़ता जा रहा है, ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपने फेस्टिवल सेलिब्रेशन को नए तरीके से मनाएं और पर्यावरण के प्रति सजग रहें।
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