Builder Bujal Water News “भूजल संकट को बढ़ावा, ऐस बिल्डर ने लाखों लीटर स्वच्छ पानी को नाली में बहाने की छूट, प्रशासन की अनदेखी!”, ACE बिल्डर की मनमानी, पहले भी हो चुकी है शिकायतें
नोएडा, रफ़्तार टुडे। एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार जल संरक्षण का संदेश दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नोएडा के एक प्रमुख बिल्डर ऐस ग्रुप द्वारा जल की बर्बादी करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। बिल्डर की मनमानी का आलम यह है कि प्रतिदिन लाखों लीटर साफ और स्वच्छ भूजल को नाली में बहाया जा रहा है। बिना किसी रोक-टोक के यह बर्बादी केवल पैसों के दम और राजनीतिक पहुंच की बदौलत संभव हो रही है, जिससे पर्यावरण और जिले के भूजल स्तर पर गंभीर असर पड़ रहा है।
सेक्टर 153 में निर्माण कार्य और पानी की बर्बादी
नोएडा के सेक्टर 153 में ACE ग्रुप द्वारा एक नई बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। इस निर्माण स्थल पर बिल्डर द्वारा पहले जमीन के नीचे से बड़े पैमाने पर भूजल निकाला जा रहा है, ताकि बिल्डिंग निर्माण में रुकावट न आए। पानी निकालने के लिए कई मशीनें लगाई गई हैं, जो लगातार पानी को नाली में फेंक रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि प्रतिदिन लाखों लीटर भूजल नाली में बहाया जा रहा है। यह अनमोल जल बर्बाद करने का सिलसिला पिछले कई महीनों से चल रहा है, जिससे भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है और जिले में पानी की गंभीर कमी का खतरा मंडरा रहा है।
पानी की चोरी और भूमिगत पाइप का इस्तेमाल
सूत्रों के अनुसार, ACE बिल्डर ने पानी निकालने के लिए ज़मीन के नीचे चोरी-छिपे पाइप लाइनें बिछाई हैं, जिनके माध्यम से भूजल को सीधे नाली में बहाया जा रहा है। पाइप के जरिए यह पानी नाली में फेंका जाता है, जिससे यह गतिविधि पिछले लंबे समय से बिना किसी रोक-टोक के जारी है। ऐसा लगता है कि बिल्डर की राजनीतिक और प्रशासनिक पकड़ इतनी मजबूत है कि कोई भी अधिकारी इस मुद्दे पर ठोस कार्रवाई करने से हिचकिचा रहा है।
बिल्डर की मनमानी: पहले भी हो चुकी है शिकायतें
ऐस बिल्डर द्वारा भूजल का दोहन और बर्बादी नई बात नहीं है। जिले में यह बिल्डर पहले भी कई स्थानों पर बिल्डिंग निर्माण कर चुका है, और हर बार निर्माण से पहले वहां के भूजल का बड़े पैमाने पर दोहन किया गया है। इस जल को निकालकर बर्बाद करने के चलते बिल्डिंग निर्माण में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती, लेकिन पर्यावरण पर इसका दुष्प्रभाव लगातार पड़ा है। भूजल विभाग द्वारा पूर्व में कुछ मामूली नोटिस और जुर्माने की औपचारिकताएं तो की गईं, परंतु बिल्डर ने हर बार इसे नजरअंदाज किया है।
प्रशासनिक उदासीनता और डीएम के आदेश की अनदेखी
कुछ दिनों पहले जिला अधिकारी (डीएम) ने जिले में भूजल का दुरुपयोग रोकने के लिए एक बैठक में सख्त निर्देश दिए थे। डीएम ने आदेश दिया था कि भूजल की बर्बादी करने वाले बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। बावजूद इसके, अधिकारियों द्वारा इन आदेशों की अनदेखी की जा रही है और ऐस बिल्डर की मनमानी बदस्तूर जारी है। प्रशासनिक उदासीनता के चलते ही ऐस बिल्डर की यह जल बर्बादी किसी ने किसी तरह से लगातार जारी है।
भविष्य के लिए गंभीर खतरा
अगर भूजल के इस प्रकार के दोहन को नहीं रोका गया, तो भविष्य में नोएडा और इसके आसपास के क्षेत्रों में जल संकट विकराल रूप ले सकता है। भूजल स्तर गिरने के कारण इलाके में पानी की कमी बढ़ सकती है, जिससे न केवल आम लोगों को पीने के पानी के संकट का सामना करना पड़ेगा, बल्कि खेती और अन्य कार्यों में भी मुश्किलें आएंगी।
समाजसेवियों और पर्यावरणविदों की मांग – सख्त कार्रवाई जरूरी
इस मामले को लेकर कई समाजसेवी और पर्यावरणविद् अब आवाज उठा रहे हैं। उनका कहना है कि भूजल का संरक्षण करना हम सबकी जिम्मेदारी है, और ऐसे में ऐस बिल्डर जैसे संस्थानों के खिलाफ कठोर कदम उठाना आवश्यक है। वे मांग कर रहे हैं कि बिल्डर के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसे अनियमितताएं रोकी जा सकें।
सरकार और जनता से अपील – जल बचाओ, जीवन बचाओ
देश में जल संरक्षण को लेकर कई मुहिमें चलाई जा रही हैं, और ऐसे में इस प्रकार के मामलों से हमें सबक लेना चाहिए। अगर भूजल का संरक्षण नहीं किया गया, तो आने वाली पीढ़ियों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। समाज के हर व्यक्ति को इस दिशा में सोचना होगा और जल संरक्षण की दिशा में कदम उठाने होंगे।
बिल्डर कर रहा है भू-जल दोहन,करप्शन फ्री इंडिया ने की शिकायत
ग्ग्रटर नोएडा के सूरजपुर स्थित जिला मुख्यालय पहुंचकर करप्शन फ्री इंडिया संगठन के संस्थापक चौधरी प्रवीण भारतीय ने जिलाधिकारी महोदय को पत्र देकर नोएडा के सेक्टर 153 में एक प्राइवेट बिल्डर के द्वारा पिछले एक वर्ष से लगातार भूजल दोहन करने की शिकायत पत्र देकर की।
करप्शन फ्री इंडिया संगठन के संस्थापक चौधरी प्रवीण भारतीय ने बताया कि नोएडा के सेक्टर 153 स्थित प्राइवेट ऐस ग्रुप बिल्डर के द्वारा कमर्शियल कंपलेक्स का निर्माण किया जा रहा है जिस निर्माण करने के दौरान कई बड़े (बोरिंग कर) वाटर पंप के द्वारा प्रतिदिन कई लाख लीटर पानी को बाहर फेंक कर भू-जल स्तर को काम किया जा रहा है जिससे आने वाले समय में यहां के स्थानीय एवं अन्य लोग पानी के लिए तरसेंगे। चौधरी प्रवीण भारतीय ने बताया कि यह भूजल दोहन पिछले लगभग एक वर्ष से लगातार किया जा रहा है। निर्माणाधीन प्लॉट के बग़ल वाले प्लॉट में भूजल दोहन कर साफ जल को बर्बाद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भूजल दोहन पर तत्काल रोक लगाई जाए एवं बिल्डर के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए। इस प्रकरण में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो करप्शन फ्री इंडिया संगठन आंदोलन करेगा।
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