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Samajwadi News : समाजवादी पार्टी की समीक्षा बैठक में हंगामा, गौतमबुद्ध नगर के नेताओं ने लगाए एक-दूसरे पर गंभीर आरोप, महेन्द्र सिंह नागर ने जीता अखिलेश यादव का भरोसा, जिले में बड़े संगठनात्मक बदलाव की आशंका

लखनऊ/ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। समाजवादी पार्टी (सपा) के गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र की हार की समीक्षा के लिए लखनऊ में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में जमकर हंगामा हुआ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में हुई इस बैठक में पार्टी के भीतर की खींचतान और व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप खुलकर सामने आए। बैठक में नेताओं ने एक-दूसरे पर हार का जिम्मेदार ठहराते हुए तीखे शब्दों का आदान-प्रदान किया। बैठक का माहौल इतना गर्म हो गया कि नेताओं के बीच तीखे आरोप और निजी टिप्पणियां भी होने लगीं।

सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक पार्टी के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं थी। जहां एक तरफ नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सपा कार्यकर्ता एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर, सपा के लोकसभा प्रत्याशी डॉ. महेन्द्र सिंह नागर ने महफिल लूट ली। अखिलेश यादव ने डॉ. नागर को खास महत्व दिया और मंच पर अपने बगल में जगह दी, जिससे यह संकेत मिलता है कि नागर को पार्टी नेतृत्व का पूरा भरोसा मिल रहा है।

समीक्षा बैठक में फूटा नेताओं का गुस्सा, संगठन पर उठे सवाल

बैठक में सपा के जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी पर सबसे ज्यादा निशाना साधा गया। कई नेताओं ने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान संगठन की कमजोरियों के चलते गौतमबुद्ध नगर सीट पर पार्टी को भारी हार का सामना करना पड़ा। शहरी मतदाताओं, विशेष रूप से हाईराइज हाउसिंग सोसायटी में सपा प्रत्याशी को अपेक्षित समर्थन नहीं मिल सका, जिसके कारण यह सीट पार्टी के हाथ से निकल गई।

महेन्द्र सिंह नागर का बढ़ता कद, पार्टी में हो सकते हैं बड़े बदलाव

बैठक में डॉ. महेन्द्र सिंह नागर को लेकर जो चर्चा हुई, उससे साफ हो गया कि अखिलेश यादव का उन पर विश्वास बढ़ रहा है। डॉ. नागर को अखिलेश ने लोकसभा प्रभारी के रूप में आगे की जिम्मेदारियां सौंपने के संकेत दिए हैं। जानकारों का मानना है कि नागर अब पार्टी के नए सिपाही के रूप में उभर सकते हैं और गौतमबुद्ध नगर में उनका प्रभाव और भी बढ़ सकता है। डॉ. नागर ने बैठक में यह स्पष्ट किया कि अगर पार्टी को जिले में मजबूती से खड़ा करना है तो संगठन में बड़े बदलाव जरूरी हैं।

पर्ची की गूंज: क्या छुपा था अखिलेश यादव को दी गई पर्ची में?

समीक्षा बैठक में डॉ. महेन्द्र सिंह नागर द्वारा अखिलेश यादव को दी गई एक पर्ची भी चर्चा का विषय बनी रही। इस पर्ची में क्या लिखा था, इस पर सस्पेंस बरकरार है। कुछ नेताओं का मानना है कि इस पर्ची में पार्टी के भीतर की भितरघात की जानकारी थी, जबकि कुछ इसे चुनावी लेनदेन से जुड़ा बता रहे हैं। अखिलेश यादव ने पर्ची को बिना पढ़े ही अपने पास रख लिया और कहा कि वह इस पर संज्ञान लेंगे।

राजकुमार भाटी का विरोध: मुस्लिम समाज के नेताओं ने उठाई आवाज

समीक्षा बैठक में पार्टी प्रवक्ता राजकुमार भाटी का मुस्लिम समाज के कुछ नेताओं द्वारा विरोध भी देखने को मिला। मुस्लिम समाज ने अखिलेश यादव के सामने यह स्पष्ट किया कि अगर राजकुमार भाटी को दादरी विधानसभा से टिकट दिया गया, तो वे उनके खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगे। इस विरोध का मुख्य कारण लोकसभा चुनाव के दौरान सिकंदराबाद में अखिलेश की सभा में मुस्लिम समाज की अनदेखी को माना जा रहा है।

अखिलेश यादव का फैसला: तय करेगा गौतमबुद्ध नगर का भविष्य

बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अखिलेश यादव के फैसले से ही गौतमबुद्ध नगर में समाजवादी पार्टी की दिशा तय होगी। डॉ. महेन्द्र सिंह नागर को दी गई तवज्जो यह संकेत देती है कि जिले में बड़े संगठनात्मक बदलाव हो सकते हैं। अब यह देखना होगा कि पार्टी किस तरह से इन बदलावों को लागू करती है और आगामी विधानसभा चुनावों में कैसा प्रदर्शन करती है।

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