शिक्षाग्रेटर नोएडा

Bangaldesh News : “बांग्लादेश में हिंदू और इस्कॉन अनुयायियों पर बढ़ते हमले, शारदा विश्वविद्यालय ने निकाला कैंडल मार्च, शांति और सुरक्षा की उठाई मांग”

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों और इस्कॉन अनुयायियों पर हो रहे हमलों ने न केवल वहां के लोगों को, बल्कि भारत में भी कई समुदायों को गहरी चिंता में डाल दिया है। इसी के विरोध में ग्रेटर नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय के जैन स्टडी सेंटर ने कैंडल मार्च का आयोजन किया। यह मार्च शांतिपूर्ण तरीके से विश्वविद्यालय परिसर से लेकर एक्सपो मार्ट गोलचक्कर तक निकाला गया। इस प्रदर्शन में छात्रों, शिक्षकों, और प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।


सैकड़ों लोगों ने जताई संवेदनाएं

मार्च में सैकड़ों छात्रों और शिक्षकों ने हिस्सा लिया। वे हाथों में जलती हुई मोमबत्तियां और पोस्टर लेकर चल रहे थे, जिन पर लिखा था:

“Stop Persecution of Hindus

“Protect ISKCON Devotees

“Minority Rights Matter”

मार्च के दौरान प्रतिभागियों ने बांग्लादेश सरकार के रवैये की आलोचना की और भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की।


रजिस्ट्रार का बयान: अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर जोर

डॉ. विवेक कुमार गुप्ता, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, ने कहा:

“भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित और सम्मानित हैं। बांग्लादेश को भी ऐसा माहौल सुनिश्चित करना चाहिए। अगर वहां हिंदू समुदाय सुरक्षित नहीं है, तो भारत सरकार को उन्हें देश में लाने की व्यवस्था करनी चाहिए।”
उन्होंने यह भी अपील की कि भारत सरकार बांग्लादेश के साथ व्यापारिक समझौतों की समीक्षा करे और हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए।


विदेशी छात्रों की सहभागिता

इस मार्च में विशेष रूप से बांग्लादेश के छात्रों ने भी भाग लिया। उनका कहना था कि यह केवल धार्मिक या जातीय मुद्दा नहीं है, बल्कि मानवता का सवाल है।

“हम एक ऐसे समाज में विश्वास करते हैं जहां हर व्यक्ति, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, सम्मान और सुरक्षा के साथ रह सके।”


शांति और सौहार्द की अपील

मार्च के अंत में सभी प्रतिभागियों ने बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के लिए अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और वहां शांति और सौहार्द स्थापित करने की अपील की।


समारोह में अन्य प्रमुख लोग

इस आयोजन में शारदा विश्वविद्यालय के कई विभागों के डीन और एचओडी ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे:

डॉ. आर.सी. सिंह

डॉ. अन्विति गुप्ता

डॉ. प्रमोद कुमार

डॉ. मोहित साहनी

डॉ. एम. सिद्धार्थ

डॉ. श्रीराजा

डॉ. राजीव गुप्ता


भारत सरकार से अपील

शारदा विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों ने भारत सरकार से यह अपील की:

  1. बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
  2. वहां पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की जाए।
  3. यदि आवश्यकता हो, तो पीड़ित समुदाय को भारत लाने की व्यवस्था की जाए।

कट्टरपंथियों पर सख्ती की मांग

मार्च के दौरान यह भी मांग उठी कि बांग्लादेश सरकार कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।

“हम चाहते हैं कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले तुरंत बंद हों। कट्टरपंथियों को न्याय के कठघरे में लाया जाए।”


सोशल मीडिया पर समर्थन

इस आयोजन को लेकर सोशल मीडिया पर भी व्यापक समर्थन देखा गया। विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने घटना की तस्वीरें और वीडियो साझा किए, जिनमें #StopViolenceAgainstHindus, #JusticeForISKCON, #MinorityRights, और #ShardaUniversityCandleMarch जैसे हैशटैग ट्रेंड करते रहे।


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रफ़्तार टुडे की न्यूज़

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