New Noida News : सैटेलाइट इमेजिंग से न्यू नोएडा बनेगा आधुनिक शहर, किसानों के मुआवजे से लेकर मास्टर प्लान तक हर पहलू में पारदर्शिता, सैटेलाइट सर्वेक्षण, आबादी और जमीन का डिजिटल आंकलन
न्यू नोएडा, रफ्तार टुडे। नोएडा शहर की स्थापना 17 अप्रैल 1976 को हुई थी। इसके बाद यहां 2011 में सैटेलाइट सर्वे किया गया, लेकिन इससे आबादी का सही ढंग से निस्तारण करने में कई समस्याएं आईं। इसी को ध्यान में रखते हुए न्यू नोएडा के लिए एक बेहद आधुनिक और पारदर्शी योजना बनाई जा रही है, जिसमें सैटेलाइट इमेजिंग को आधार बनाकर विकास कार्य किए जाएंगे। यह योजना 209 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में 80 गांवों को शामिल करेगी और यहां की मौजूदा आबादी को मुआवजा देकर व्यवस्थित बसाने का काम किया जाएगा।
सैटेलाइट सर्वेक्षण, आबादी और जमीन का डिजिटल आंकलन
न्यू नोएडा के निर्माण के लिए सबसे पहले सैटेलाइट इमेजिंग से मौजूदा संरचनाओं और जमीन का आंकलन किया जाएगा।
कैसे होगा सर्वेक्षण?
नेशनल स्पेस इंस्टीट्यूट द्वारा सैटेलाइट इमेजिंग की जाएगी। हर किसान की जमीन और निर्माण की सटीक जानकारी डिजिटल रूप से दर्ज की जाएगी। इसी डेटा के आधार पर मुआवजे का निर्धारण होगा।
कार्यपालक अधिकारी सतीश पाल ने कहा, “सैटेलाइट इमेजिंग से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और विवादों को कम किया जाएगा। यह डेटा न्यू नोएडा के विकास का आधार बनेगा।”
मुआवजा देने में सटीकता, किसानों की जमीन और निर्माण का डिजिटल रिकॉर्ड
किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया: सैटेलाइट इमेज से स्पष्ट होगा कि किस किसान के पास कितनी जमीन और निर्माण है। हर किसान को उनकी जमीन और संपत्ति के अनुसार उचित मुआवजा दिया जाएगा।
मुआवजे में पारदर्शिता: सटीक सैटेलाइट डेटा के आधार पर गलत मुआवजे के मामलों से बचा जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी किसान अपने हक से वंचित न हो।
80 गांव होंगे अधिसूचित, पहले चरण में 15 गांवों का अधिग्रहण
न्यू नोएडा की परियोजना में कुल 80 गांव शामिल होंगे। पहले चरण में 15 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी। प्रत्येक गांव में लगभग 200 किसान परिवार होंगे, जिससे कुल 16,000 किसान परिवार प्रभावित होंगे। पहले फेज में 3165 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा।
मास्टर प्लान, चार चरणों में विकसित होगा न्यू नोएडा
न्यू नोएडा को 209.11 वर्ग किलोमीटर (20,911.29 हेक्टेयर) क्षेत्रफल में विकसित किया जाएगा।
पहला चरण (2023-27): 3165 हेक्टेयर जमीन का विकास।
दूसरा चरण (2027-32): 3798 हेक्टेयर जमीन का विकास।
तीसरा चरण (2032-37): 5908 हेक्टेयर जमीन विकसित होगी।
चौथा चरण (2037-41): शेष 8230 हेक्टेयर जमीन का विकास।
परियोजना में सलाहकार कंपनियों की भूमिका
किसानों से जमीन खरीदने और समझौते में पारदर्शिता लाने के लिए सलाहकार कंपनियों की मदद ली जाएगी।
भूमिका: भू-लेख अधिकारियों के साथ मिलकर किसानों को जागरूक करना।
उचित मुआवजे और सहमति के आधार पर जमीन खरीदना।
लक्ष्य: किसानों का विश्वास जीतना और परियोजना को विवाद मुक्त बनाना।
नोएडा जैसी समस्याओं से बचने के प्रयास
नोएडा में 2011 के सैटेलाइट सर्वे के बाद आबादी निस्तारण में कई समस्याएं आईं।
सीख: नोएडा में जमीन अधिग्रहण और मुआवजे में विवाद पैदा हुए।
न्यू नोएडा में बदलाव:
सटीक सैटेलाइट डेटा के आधार पर मुआवजा। मास्टर प्लान की मंजूरी के बाद ही निर्माण कार्य शुरू होगा। पहले से मौजूद आबादी का व्यवस्थित पुनर्वास।
डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर: न्यू नोएडा का भविष्य
सैटेलाइट इमेजिंग और डिजिटल डेटा के आधार पर विकास कार्य होंगे।
सुपरइंपोज़िंग:
सैटेलाइट इमेज पर यूटिलिटीज, प्लॉट नक्शा, और विकास योजनाओं को सुपरइंपोज किया जाएगा।
लाभ: योजनाओं को ज़मीन पर लागू करने में आसानी।
स्मार्ट सिटी मॉडल की दिशा में कदम।
किसानों और स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
न्यू नोएडा परियोजना को लेकर किसानों और निवासियों में उत्साह और सवाल दोनों हैं।
किसानों की उम्मीदें: पारदर्शी मुआवजा प्रक्रिया से विवाद खत्म होंगे। उचित पुनर्वास की उम्मीद।
स्थानीय निवासियों की राय:
“सैटेलाइट इमेजिंग से सही आंकलन होगा।”
“न्यू नोएडा आधुनिक और योजनाबद्ध शहर बनेगा।”
न्यू नोएडा: एक स्मार्ट और आधुनिक शहर की ओर कदम
न्यू नोएडा की परियोजना उत्तर प्रदेश के विकास में एक नया मील का पत्थर साबित होगी।
उद्देश्य:
पारदर्शी मुआवजा प्रक्रिया। योजनाबद्ध विकास। नोएडा की पुरानी समस्याओं से सबक लेकर नए मॉडल की स्थापना।
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