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Grand Venice Mall News : “ग्रेटर नोएडा में बड़ा बवाल, ग्रैंड वेनिस मॉल के मालिक सतिंदर भसीन को पड़ा 48 लाख का झटका, उपभोक्ता आयोग ने सुनाया सख्त आदेश”, आयोग का सख्त रुख और आदेश

Greater Noida News, रफ़्तार टुडे। ग्रेटर नोएडा के ग्रैंड वेनिस मॉल से जुड़ा एक मामला अब तूल पकड़ चुका है। इस मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने ग्रैंड वेनिस मॉल के मालिक सतिंदर भसीन और उनकी कंपनी भसीन इंफोटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए अहम फैसला सुनाया है। लंबे समय से न्याय की उम्मीद में प्रतीक्षा कर रहे उपभोक्ता, ग्रेटर नोएडा निवासी राजवीर सिंह, के पक्ष में आयोग ने महत्वपूर्ण आदेश दिए हैं। इस फैसले के मुताबिक, अब भसीन ग्रुप को 48 लाख रुपये का भुगतान ब्याज सहित करना होगा।

कैसे शुरू हुआ यह मामला?

यह मामला तब शुरू हुआ जब राजवीर सिंह ने ग्रैंड वेनिस मॉल में एक दुकान बुक की थी। इस बुकिंग के लिए उन्होंने लगभग 48 लाख रुपये का भुगतान किया था। इस दौरान बिल्डर ने दो से ढाई साल में दुकान सौंपने का वादा किया था। लेकिन, यह वादा समय पर पूरा नहीं हुआ। आठ साल बाद भी राजवीर सिंह को उनकी दुकान का स्वामित्व नहीं मिल पाया। बार-बार अलॉटमेंट लेटर साइन करवाने के बावजूद बिल्डर ने अपने वादे को नजरअंदाज कर दिया। आखिरकार, हताश राजवीर ने जिला उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया और न्याय की मांग की।

आयोग का सख्त रुख और आदेश

राजवीर सिंह द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद, जिला उपभोक्ता आयोग ने इस मामले में सुनवाई की। आयोग के अध्यक्ष अनिल कुमार पुंडीर ने भसीन ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सतिंदर सिंह भसीन, डायरेक्टर हरप्रीत सिंह छाबड़ा और अधिकृत हस्ताक्षरी प्रणय सिंह को कानूनी नोटिस भेजा। लेकिन निर्धारित समय में कोई भी प्रतिवादी अदालत में पेश नहीं हुआ। इस अनुपस्थिति के चलते आयोग ने एकपक्षीय फैसला सुनाते हुए भसीन ग्रुप को 48 लाख रुपये 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, मानसिक उत्पीड़न के लिए राजवीर सिंह को 5,000 रुपये का अतिरिक्त मुआवजा देने का भी निर्देश दिया गया है।

उपभोक्ताओं के लिए न्याय की उम्मीद की किरण

इस फैसले ने अन्य उपभोक्ताओं के लिए भी न्याय की एक उम्मीद जगाई है। जो लोग बिल्डरों की वादाखिलाफी का शिकार हुए हैं, उनके लिए यह एक साहसिक कदम है। इस निर्णय से उन सभी बिल्डरों को भी चेतावनी मिलती है, जो उपभोक्ताओं के साथ अनदेखी और वादों का उल्लंघन करते हैं। उपभोक्ता आयोग के इस फैसले से यह साफ है कि अब ग्राहकों के अधिकारों की अनदेखी नहीं की जा सकेगी।

नोएडा में उपभोक्ता अधिकारों पर आयोग का कड़ा रुख

नोएडा जैसे बड़े और विकसित शहर में आए दिन उपभोक्ता अधिकारों के हनन की खबरें आती हैं। इस शहर में रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी से विकास के साथ-साथ उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन भी देखा गया है। बिल्डर और खरीदार के बीच अक्सर विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है, जिसमें खरीदार अपने निवेश की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं। ऐसे में उपभोक्ता आयोग द्वारा उठाए गए इस कदम से नोएडा और आसपास के क्षेत्रों में उपभोक्ता अधिकारों को लेकर एक सशक्त संदेश गया है। आयोग का यह रुख दिखाता है कि उपभोक्ता हितों की रक्षा अब सर्वोपरि है।

क्या आगे होगा असर?

आयोग के इस सख्त कदम के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा के रियल एस्टेट क्षेत्र में हलचल मच गई है। अब उम्मीद है कि इस तरह के फैसले से अन्य बिल्डर कंपनियां भी सतर्क होंगी और उपभोक्ताओं के साथ किए गए वादों को समय पर पूरा करेंगी। इससे ग्राहकों का भरोसा रियल एस्टेट सेक्टर में बढ़ेगा और एक पारदर्शी व्यवस्था की ओर भी कदम बढ़ेगा।

ग्रैंड वेनिस मॉल का वर्तमान स्थिति और बिल्डर की जिम्मेदारी

ग्रैंड वेनिस मॉल नोएडा का एक प्रमुख मॉल है, लेकिन बिल्डर द्वारा किए गए इस तरह के वादाखिलाफी ने मॉल की प्रतिष्ठा पर भी असर डाला है। इस मामले में भसीन ग्रुप की जवाबदेही और पारदर्शिता सवालों के घेरे में आ गई है। ग्राहकों को समय पर सेवा देने और उनकी शिकायतों का निवारण करने की जिम्मेदारी बिल्डर की है। यह मामला केवल राजवीर सिंह के लिए ही नहीं, बल्कि उन सभी के लिए एक नजीर है जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।

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रफ़्तार टुडे की न्यूज़

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