Sharda University News : शारदा विश्वविद्यालय में विश्व ध्यान दिवस पर विशेष ध्यान सत्र का आयोजन, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता, भारतीय परंपरा और ध्यान
ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय में विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर एक विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज और छात्र कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ। सत्र का उद्देश्य छात्रों और स्टाफ को ध्यान की महत्ता से परिचित कराना और इसे उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित करना था।
ध्यान के लाभों पर जोर
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ऑर्ट ऑफ लिविंग संस्था के प्रतिनिधि प्रतीक राय का प्रेरक भाषण रहा। उन्होंने ध्यान के विभिन्न आयामों और इसके मानसिक, शारीरिक, तथा आध्यात्मिक लाभों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा:
“ध्यान कोई लग्ज़री नहीं, बल्कि आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। यह हमें अवसाद, तनाव और गुस्से से दूर रखता है। ध्यान लगाने से एकाग्रता और याद्दाश्त बढ़ती है, जो छात्रों और प्रोफेशनल्स के लिए अत्यंत उपयोगी है।”
प्रतीक राय ने यह भी बताया कि ध्यान न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि यह शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाने में भी सहायक है। उन्होंने ध्यान के निम्नलिखित लाभों पर विस्तार से चर्चा की:
माइंडफुलनेस: ध्यान करने से व्यक्ति वर्तमान में जीने की कला सीखता है।
भावनात्मक स्वास्थ्य: यह अवसाद और चिंता जैसी मानसिक स्थितियों से निपटने में मदद करता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार: ध्यान करने से शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ती है।
नींद में सुधार: ध्यान नींद से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
भारतीय परंपरा और ध्यान
स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज की डीन, डॉ. अन्विति गुप्ता, ने अपने संबोधन में ध्यान के भारतीय परंपरा में महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने इसे “वसुधैव कुटुंबकम” के सिद्धांत से जोड़ा, जिसका अर्थ है, “पूरी दुनिया एक परिवार है।”
उन्होंने कहा:
“ध्यान भारतीय सभ्यता का अभिन्न हिस्सा है, जो व्यक्तिगत संतोष और आंतरिक शांति का साधन है। यह न केवल मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करता है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ करता है।”
महत्वपूर्ण उपस्थितियां और कार्यक्रम की सराहना
इस अवसर पर छात्र कल्याण विभाग के डीन डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. कपिल दवे, डॉ. रितु चाकू, डॉ. शिवओम आचार्य, शिवम भारद्वाज, आलोक गुप्ता, और अवधेश तोमर समेत कई विभागों के डीन और एचओडी उपस्थित रहे। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ध्यान जैसे सत्र मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने में सहायक हैं।
समारोह का समापन
कार्यक्रम का समापन छात्रों और स्टाफ द्वारा ध्यान सत्र में सहभागिता के साथ हुआ। प्रतिभागियों ने ध्यान के सकारात्मक प्रभावों को महसूस करते हुए इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का संकल्प लिया।
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