Noida Authority News : नोएडा प्राधिकरण के निलंबित अधिकारी OSD रविंद्र यादव पर विजिलेंस का शिकंजा, 16 करोड़ की बेनामी संपत्ति, इटावा और नोएडा में छापेमारी से बड़ा खुलासा, इटावा के स्कूल में भी करोड़ों का निवेश
नोएडा, रफ़्तार टुडे। नोएडा विकास प्राधिकरण के निलंबित OSD रवींद्र सिंह यादव पर आय से अधिक संपत्ति के गंभीर आरोपों के चलते विजिलेंस विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। SP विजिलेंस मेरठ इंदु सिद्धार्थ की अगुवाई में 18 सदस्यीय टीम ने नोएडा और इटावा में कई जगह छापेमारी की। इस दौरान करीब 20 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ, जिसमें महंगे उपकरण, नकदी, आभूषण और बेनामी संपत्तियां शामिल हैं।
नोएडा सेक्टर-47 स्थित आवास बना आलीशान खजाना
छापेमारी में नोएडा सेक्टर-47 में स्थित तीन मंजिला घर से कई अहम खुलासे हुए। विजिलेंस की टीम ने घर से:
37 लाख रुपये के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
62.44 लाख रुपये के आभूषण
2.47 लाख रुपये नकद
बरामद किए।
इसके अलावा, बैंक खातों, बीमा पॉलिसियों और निवेश से जुड़े दस्तावेज भी जब्त किए गए।
इटावा के स्कूल में भी करोड़ों का निवेश
रवींद्र यादव के इटावा के मलाजनी स्थित स्कूल पर भी छापेमारी की गई। विजिलेंस की टीम ने इस स्कूल की कीमत करीब 15 करोड़ रुपये बताई। यहां से:
2 करोड़ रुपये के स्कूल उपकरण
1.04 करोड़ रुपये की बसे
बरामद की गईं। स्कूल में भवन निर्माण और उपकरणों के नाम पर बड़े पैमाने पर धनराशि खर्च की गई, जिसकी जांच जारी है।
2007 से OSD पद पर रहते हुए की गई अनियमितताएं
रवींद्र यादव 2007 में नोएडा प्राधिकरण में OSD पद पर नियुक्त हुए थे।
उन पर सरकारी जमीनों के नियमविरुद्ध आवंटन का गंभीर आरोप है।
उन्होंने प्राधिकरण में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बेहिसाब संपत्ति अर्जित की।
छापेमारी के दौरान 12 घंटे से अधिक समय तक जांच चली, जिसमें उनके खिलाफ ठोस सबूत जुटाए गए हैं।
कहां-कहां हुई कार्रवाई?
- नोएडा सेक्टर-47 का तीन मंजिला आवास:
यहां से नकदी, आभूषण और महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए।
- इटावा का मलाजनी स्कूल:
स्कूल में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां मिलीं।
स्कूल से जुड़े वाहन और अन्य संपत्तियों का भी खुलासा हुआ।
विजिलेंस का बयान: आय से कई गुना अधिक संपत्ति का मामला
SP विजिलेंस इंदु सिद्धार्थ ने कहा:
“रवींद्र यादव की संपत्ति उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से कई गुना अधिक पाई गई है। जांच में बड़ी मात्रा में नकदी, निवेश और संपत्तियों का खुलासा हुआ है। सभी दस्तावेज और साक्ष्य जांच प्रक्रिया में शामिल कर लिए गए हैं।”
आने वाले दिनों में कार्रवाई और तेज़
विजिलेंस विभाग अब उनकी:
- संपत्तियों के स्वामित्व और खरीद के दस्तावेजों की जांच करेगा।
- वित्तीय रिकॉर्ड का अध्ययन कर यह पता लगाएगा कि अवैध संपत्ति अर्जित करने में किन तरीकों का इस्तेमाल हुआ।
- इसके अलावा, उनके परिवार और करीबियों के निवेश की भी जांच होगी।
नोएडा प्राधिकरण में भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण
रवींद्र यादव का मामला नोएडा प्राधिकरण में बढ़ते भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गया है।
इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि पद का दुरुपयोग कर सरकारी संपत्तियों का बड़ा गबन किया गया।
विजिलेंस की कार्रवाई से अन्य भ्रष्ट अधिकारियों में डर का माहौल बना है।
लोगों की प्रतिक्रिया: प्रशासन में पारदर्शिता की मांग
नोएडा के स्थानीय नागरिकों ने विजिलेंस विभाग की कार्रवाई की सराहना की।
लोगों ने प्राधिकरण में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की।
कई निवासियों ने कहा कि ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई से ही भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सकती है।
रवींद्र यादव की संपत्ति का विस्तृत विवरण
छापेमारी में सामने आई संपत्ति की जानकारी:
- अचल संपत्ति:
नोएडा और इटावा में 16 से अधिक संपत्तियां।
- नकदी और आभूषण:
कुल मूल्य: 65 लाख रुपये से अधिक।
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरण:
37 लाख रुपये।
- वाहन और स्कूल उपकरण:
करीब 3 करोड़ रुपये।
भ्रष्टाचार के खिलाफ विजिलेंस की मुहिम
यह कार्रवाई विजिलेंस विभाग की भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार बढ़ती सख्ती को दर्शाती है।
रवींद्र यादव के खिलाफ मिली संपत्ति और साक्ष्यों के आधार पर उन्हें कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है।
विभाग अब अन्य अधिकारियों पर भी नजर बनाए हुए है।
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