Escon Infra & Trilokpuram News : जिला पंचायत गौतमबुद्धनगर में अवैध कॉलोनियों के नक्शे पास होने का मुद्दा फिर सुर्खियों में, बिल्डरों की साजिश या प्राधिकरण की मिलीभगत ?एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर्स, त्रिलोकपुरम जैसी अवैध कॉलोनिया ?

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। अवैध कॉलोनियों के नक्शे पास कराने का जिन्न फिर से बोतल से बाहर आ गया है। क्या नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे योजनाबद्ध शहरों में त्रिलोकपुरम और एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर्स जैसी अवैध कॉलोनियों को वैध बनाने की कोई साजिश रची जा रही है? या फिर जिला पंचायत गौतमबुद्धनगर का नाम लेकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है? इन सवालों के बीच एक बार फिर जिला पंचायत, बिल्डरों और प्राधिकरण की मिलीभगत पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
हालांकि जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी श्रीमती प्रियंका चतुर्वेदी ने साफ कहा है कि वह ऐसे किसी भी अवैध निर्माण का नक्शा पास नहीं करेंगी, फिर भी सूत्रों की मानें तो जिला पंचायत के कुछ कर्मचारी अवैध कॉलोनाइजरों के साथ मिलकर इस काम को अंजाम देने की कोशिश में जुटे रहते हैं।
अवैध कॉलोनियों का खेल और जिला पंचायत की भूमिका
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बढ़ती प्रॉपर्टी की कीमतों के बीच अवैध कॉलोनियों का धंधा जोर पकड़ता जा रहा है। इन कॉलोनियों के बिल्डर और भूमाफिया, प्राधिकरण क्षेत्रों की सीमा से सटे गांवों की जमीनों पर अवैध कॉलोनियां विकसित कर बेच रहे हैं। इस धोखाधड़ी में जिला पंचायत का नाम प्रमुखता से सामने आता है, जहां नक्शा पास कराने का झांसा देकर लोगों को फ्लैट या प्लॉट बेचने की साजिश की जा रही है।
त्रिलोकपुरम ग्रीन्स: एक केस स्टडी
ग्रेटर नोएडा के गुलिस्तानपुर गांव की सैकड़ों बीघा भूमि पर त्रिलोकपुरम ग्रीन्स नामक अवैध कॉलोनी बसाई जा रही है। कभी यूपीसीडा (UPSIDA) का बोर्ड लगाकर, तो कभी जिला पंचायत से नक्शा पास कराने का झांसा देकर, कॉलोनाइजर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। हालांकि जिला पंचायत को केवल उन जगहों पर नक्शे पास करने का अधिकार है जो प्राधिकरण और नगर निगम के अधीन नहीं हैं। परंतु अधिसूचित भूमि पर जिला पंचायत के नक्शा पास करने के अधिकार पर अभी भी संशय बना हुआ है।

अफवाहों का बाजार और जिला पंचायत का रुख
अवैध कॉलोनाइजर लगातार जिला पंचायत द्वारा नक्शे पास करने की अफवाहें फैलाते रहते हैं, जिससे घर खरीदने के इच्छुक लोग इनके जाल में फंस जाते हैं। हालांकि, श्रीमती प्रियंका चतुर्वेदी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी अवैध निर्माण का नक्शा पास नहीं करेंगी। फिर भी जिला पंचायत के अंदर बैठे कुछ कर्मचारी अवैध कॉलोनियों को वैधता दिलाने में लगे हुए हैं, जो चिंता का विषय है।
क्या जिला पंचायत और प्राधिकरण की मिलीभगत?
प्रश्न यह उठता है कि क्या जिला पंचायत और नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कुछ अधिकारी और बिल्डर मिलकर अवैध कॉलोनियों को वैधता दिलाने की कोशिश कर रहे हैं? इस पूरे मामले की गहराई से जांच की आवश्यकता है ताकि आम लोगों के साथ हो रही धोखाधड़ी पर अंकुश लगाया जा सके।
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