गाजियाबाद, रफ्तार टुडे। शनिवार की शाम गाजियाबाद के कौशांबी इलाके में एक हृदयविदारक घटना घटी, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया। 9वीं मंजिल से छलांग लगाकर 45 वर्षीय कारोबारी अजय गुप्ता ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। यह घटना न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक दर्दनाक और सोचने पर मजबूर करने वाली घटना है।
घटना का विस्तृत विवरण: जीवन का अंत या समाज की चूक?
थाना कौशांबी चौकी वैशाली अंतर्गत स्थित नंदिनी स्वीट्स बिल्डिंग से शनिवार शाम सूचना मिली कि एक व्यक्ति ने ऊंचाई से छलांग लगा दी है। मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि नंदिनी स्वीट्स की 9वीं मंजिल पर रहने वाले कारोबारी अजय गुप्ता गंभीर हालत में जमीन पर पड़े थे।
तुरंत उन्हें नजदीकी मैक्स अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मामले को आत्महत्या बताया है, लेकिन घटना के पीछे छुपे कारण समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है।
मानसिक तनाव और नशे की लत बनी कारण
सहायक पुलिस आयुक्त स्वतंत्र कुमार सिंह ने परिवार से बात कर बताया कि अजय गुप्ता पिछले कई सालों से नशे की लत और मानसिक तनाव से जूझ रहे थे। जून 2024 में उन्हें एक रीहैब सेंटर में भर्ती कराया गया था, लेकिन वहां से लौटने के बाद भी उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। वे डिप्रेशन की दवाइयां ले रहे थे और उनकी मानसिक स्थिति बेहद खराब थी।
सोसाइटी में शोक का माहौल: क्यों जरूरी है जागरूकता?
नंदिनी स्वीट्स बिल्डिंग के अन्य निवासियों ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। सोसाइटी के एक निवासी ने बताया, “अजय गुप्ता बहुत ही विनम्र और मिलनसार व्यक्ति थे, लेकिन पिछले कुछ महीनों से उनका व्यवहार बदल गया था। हमें नहीं पता था कि वे इतनी बड़ी मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं।”
आर्थिक दबाव और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी
जानकारी के मुताबिक, अजय गुप्ता का कारोबार ठीक नहीं चल रहा था, जिससे वे और अधिक तनाव में आ गए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि आर्थिक अस्थिरता और मानसिक स्वास्थ्य का कमजोर होना, दोनों मिलकर कई लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं।
सहायक पुलिस आयुक्त स्वतंत्र कुमार सिंह की अपील, मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें
घटना के बाद सहायक पुलिस आयुक्त स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा, “यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को हल्के में न लें। समय पर सही कदम उठाकर ऐसी घटनाओं को टाला जा सकता है।”
सिखाती है यह घटना?
अजय गुप्ता की आत्महत्या केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे समाज की सामूहिक विफलता है। मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना, तनावग्रस्त व्यक्तियों की मदद करना, और उन्हें सही समय पर चिकित्सकीय सहायता दिलाना अत्यंत जरूरी है।
जरूरत है जागरूकता की
- मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को पहचानें और उनके प्रति संवेदनशील बनें।
- नशे के आदी लोगों की मदद करें और उन्हें सही उपचार दिलाएं।
- परिवार और दोस्तों का सहारा बनें और उनके साथ संवाद बढ़ाएं।
शव का पोस्टमार्टम और आगे की कार्रवाई जारी
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटना की गहराई से जांच की जा रही है ताकि इसके पीछे के अन्य कारणों का पता लगाया जा सके।
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