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Fortis Hospital News : “पेट रहेगा फिट, तभी बनेगी सेहत हिट, जीवनशैली और खानपान में बदलाव से खत्म होगी कब्ज की समस्या”, डॉ. अपूर्व पांडे ने वर्ल्ड कॉन्स्टिपेशन अवेयरनेस मंथ पर दिए खास सुझाव


क्या है वर्ल्ड कॉन्स्टिपेशन अवेयरनेस मंथ?

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। दिसंबर महीने को दुनियाभर में वर्ल्ड कॉन्स्टिपेशन अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को कब्ज के कारण, लक्षण, और रोकथाम के तरीकों के बारे में जागरूक करना है।
आज के दौर में, बदलती जीवनशैली, अनियमित खानपान और शारीरिक श्रम की कमी के कारण यह समस्या तेजी से बढ़ रही है।

फोर्टिस अस्पताल, ग्रेटर नोएडा के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. अपूर्व पांडे का कहना है, “कब्ज केवल एक आम समस्या नहीं है, बल्कि यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।”


कब्ज का आधुनिक जीवनशैली से गहरा संबंध

डॉ. पांडे बताते हैं कि हाल के वर्षों में वर्क फ्रॉम होम और हाइब्रिड मॉडल ने लोगों की दिनचर्या को काफी हद तक प्रभावित किया है।

लंबे समय तक बैठे रहना:
घर से काम करने वाले कई लोग घंटों कुर्सी पर बैठे रहते हैं, जिससे पाचन तंत्र धीमा पड़ जाता है।

शारीरिक गतिविधि की कमी:
काम की व्यस्तता के कारण व्यायाम करने का समय नहीं मिल पाता।

जंक फूड का बढ़ता चलन:
आसानी से उपलब्ध मोमो, पिज्जा, नूडल्स जैसे फास्ट फूड बच्चों और युवाओं में खासे लोकप्रिय हो गए हैं।


कब्ज के प्रमुख कारण

डॉ. पांडे के अनुसार, कब्ज के मुख्य कारण इस प्रकार हैं:

  1. खानपान:

फाइबर की कमी वाले आहार का सेवन।

पानी कम पीना।

ताजा फल और सब्जियां न खाना।

  1. दवाओं के साइड इफेक्ट:

आयरन सप्लीमेंट, दर्द निवारक दवाएं, और एंटीडिप्रेसेंट।

  1. तनाव और मानसिक स्वास्थ्य:

तनाव पाचन क्रिया को प्रभावित करता है।

  1. अनियमित दिनचर्या:

मल त्याग की आदतों का सही समय पर पालन न करना।


कब्ज के लक्षण और गंभीर परिणाम

लक्षण:

मल त्याग में कठिनाई।

पेट दर्द और भारीपन।

भूख में कमी।

मल में खून आना।

पेट साफ न होने का अहसास।

गंभीर परिणाम:
अगर कब्ज को नजरअंदाज किया जाए, तो यह कई समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे:

बवासीर और गुदा फटना: लगातार दबाव के कारण।

आंतों की सूजन: पाचन तंत्र की स्थायी क्षति।

आंतों का कैंसर: दुर्लभ लेकिन गंभीर दुष्प्रभाव।


कब्ज का समाधान और रोकथाम

डॉ. पांडे का मानना है कि कब्ज को रोकने और ठीक करने के लिए खानपान और जीवनशैली में सुधार सबसे महत्वपूर्ण है।

आहार में सुधार:

  1. फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं:

फल (जैसे पपीता, सेब, और केला)।

सब्जियां (जैसे पालक और गाजर)।

साबुत अनाज (जैसे ओट्स और ब्राउन राइस)।

  1. ताजा भोजन करें और जंक फूड से बचें।
  2. रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।

जीवनशैली में बदलाव:

  1. नियमित व्यायाम करें, जैसे योग, तेज चलना या दौड़ना
  2. हर दिन एक निश्चित समय पर मल त्याग करने की आदत डालें
  3. तनाव को दूर करने के लिए ध्यान और रिलैक्सेशन तकनीक का अभ्यास करें

उपचार के लिए आधुनिक तकनीक:

गंभीर मामलों में बायोफीडबैक तकनीक और नई दवाइयां मददगार हो सकती हैं।


डॉ. पांडे का संदेश

“छोटी-छोटी आदतों में बदलाव लाकर कब्ज को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है। सही समय पर भोजन करना, पानी की सही मात्रा पीना, और शारीरिक रूप से सक्रिय रहना आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाएगा।”


निष्कर्ष

कब्ज केवल एक स्वास्थ्य समस्या नहीं है, बल्कि यह आपके दैनिक जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकती है। इसके इलाज और रोकथाम के लिए जागरूकता और अनुशासन जरूरी है।


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रफ़्तार टुडे का न्यूज़

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