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UP Police News : UP के रॉबिनहुड पुलिस डिप्टी एसपी, उत्तर प्रदेश के DSP अर्जुन अवॉर्डी पहलवान से अनुज चौधरी, बहादुरी और बेबाक बयानबाजी से बने चर्चा का केंद्र, संभल से पहले रामपुर में सुर्खियों में रहे अनुज चौधरी की गूंज

UP News, रफ्तार टुडे। उत्तर प्रदेश पुलिस के जांबाज अधिकारी और अर्जुन अवॉर्डी DSP अनुज चौधरी, जिन्हें प्यार से लोग अनुज पहलवान भी कहते हैं, इन दिनों सोशल मीडिया और आम चर्चा का बड़ा विषय बने हुए हैं। अपनी बहादुरी, निष्पक्षता और बेबाक अंदाज के लिए प्रसिद्ध DSP चौधरी ने हाल ही में संभल में हुए बवाल के दौरान एक बयान दिया, जिसने इंटरनेट पर धूम मचा दी है।


संभल बवाल: DSP अनुज चौधरी के बयान की गूंज

संभल में तनावपूर्ण स्थिति के बीच मीडिया से बातचीत में DSP अनुज चौधरी ने साफ शब्दों में कहा, “पुलिसकर्मी भी इंसान हैं, उनके भी परिवार और बच्चे हैं। पुलिस फोर्स में भर्ती मरने के लिए नहीं होते।” उनके इस बयान ने पुलिस बल के अधिकारों और उनके समर्पण पर नई बहस छेड़ दी है।

इस बयान में DSP चौधरी ने समाज और पुलिस के बीच के रिश्ते पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जो हालात 4-6 घंटे तक बने रहे, उन्हें समझना चाहिए। पुलिस के प्रति संवेदनशीलता की अपील करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है, लेकिन उनकी भी सीमाएं हैं।

फाइल फोटो

संभल से पहले रामपुर में सुर्खियों में रहे अनुज चौधरी

DSP अनुज चौधरी की बेबाकी कोई नई बात नहीं है। रामपुर में तैनाती के दौरान उनका सपा नेता आजम खान से विवाद चर्चा का विषय बना था। आजम खान ने उन्हें समाजवादियों द्वारा पहलवानों को पहचान दिलाने का एहसान याद दिलाया था। इस पर अनुज चौधरी ने दो-टूक जवाब दिया था, “अर्जुन अवॉर्ड एहसान से नहीं मिलता।”

इसी तरह राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया था कि कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। उन्होंने अपने बयान से साबित किया कि वह केवल कानून का पालन करवाने वाले अधिकारी नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी समझने वाले पुलिस अधिकारी भी हैं।


अर्जुन अवॉर्डी पहलवान से DSP तक का सफर

मुजफ्फरनगर जिले के बहेड़ी गांव से ताल्लुक रखने वाले DSP अनुज चौधरी का सफर प्रेरणादायक है। अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में देश का नाम रोशन करने वाले अनुज चौधरी ने 2002 और 2010 के नेशनल गेम्स में दो सिल्वर मेडल और एशियाई चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीते थे। स्पोर्ट्स कोटे से उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती होने के बाद उन्होंने अपने मजबूत कद-काठी और बेधड़क अंदाज से पुलिस विभाग में अलग पहचान बनाई।

फाइल फोटो

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ बयान

DSP चौधरी का बयान न केवल यूपी बल्कि पूरे देश में वायरल हो चुका है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोग उनके साहस और ईमानदारी की तारीफ कर रहे हैं।

कई लोगों ने लिखा, “पुलिस को आत्मरक्षा का अधिकार दिलाने के लिए यह बयान जरूरी था।”

वहीं, कुछ ने उनकी साफगोई और सख्त रवैये को पुलिस बल के लिए आदर्श बताया।


जनता का लाड़ला बेटा: अनुज चौधरी

उत्तर प्रदेश की जनता ने हमेशा अनुज चौधरी को अपने लाड़ले बेटे के रूप में स्वीकारा है। चाहे वह पहलवानी का क्षेत्र हो या पुलिस विभाग, उन्होंने हर भूमिका में खुद को साबित किया है। DSP चौधरी का नाम आज केवल पुलिस विभाग में ही नहीं, बल्कि हर उस जगह गूंज रहा है, जहां बहादुरी और ईमानदारी की कद्र होती है।

फाइल फोटो

अनुज चौधरी: प्रेरणा का प्रतीक

अनुज चौधरी न केवल पुलिसकर्मियों के लिए बल्कि युवा पीढ़ी के लिए भी प्रेरणा हैं। उनका मानना है कि हर व्यक्ति को अपनी ड्यूटी निभाने के साथ-साथ समाज के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए।


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