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Greater Noida West News : भूमाफिया का बढ़ता काला साम्राज्य, ग्रेटर नोएडा की ग्रीन बेल्ट पर अवैध टावर और विला, प्रशासन मूकदर्शक, मुख्यमंत्री योगी का बुलडोजर कब चलेगा?

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे । ग्रेटर नोएडा में भूमाफिया का आतंक सिर चढ़कर बोल रहा है। प्रशासन की नाक के नीचे शहर की बेशकीमती ग्रीन बेल्ट और अन्य सरकारी जमीनों पर अवैध निर्माणों का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा। ये अवैध निर्माण न केवल शहर के नियोजित विकास को बाधित कर रहे हैं, बल्कि पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुँचा रहे हैं। स्थानीय निवासियों की लगातार शिकायतों के बावजूद प्राधिकरण के अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। इस पूरे मामले में प्राधिकरण के अधिकारियों की भूमाफिया के साथ मिलीभगत की खबरें भी आ रही हैं, जिससे मामला और गंभीर हो गया है।

ग्रीन बेल्ट और नाले की जमीन पर अवैध निर्माण: भूमाफिया के मंसूबे आसमान पर

ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ईस्ट क्षेत्रों में भूमाफिया ने ग्रीन बेल्ट और नाले की किनारी पर अवैध रूप से 14 मंजिल ऊंचे टावर और विला खड़े कर दिए हैं। होंडा सीएल कंपनी के सामने बनी ग्रीन बेल्ट पर भूमाफिया ने रातों-रात बहुमंजिला इमारतें खड़ी कर दीं। इसके अलावा, प्राधिकरण द्वारा छोड़ी गई नाले के किनारे की जमीन पर अवैध विला और बार बनाए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय निवासियों के जीवन में असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। यह अवैध निर्माण पर्यावरण और शहर के संतुलन को गहरा आघात पहुँचा रहे हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी इस पर ध्यान देने को तैयार नहीं है।

अधिकारियों की भूमिका पर गहरे सवाल: क्या प्राधिकरण के भीतर हो रहा भ्रष्टाचार?

इन अवैध निर्माणों को देख कर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर कैसे भूमाफिया प्रशासन की नाक के नीचे इतना बड़ा खेल खेलने में कामयाब हो रहा है? क्या प्राधिकरण के अधिकारी इस पूरे खेल में शामिल हैं? स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रोजेक्ट विभाग के डिवीजन 8 के कुछ अधिकारी भूमाफिया को संरक्षण दे रहे हैं और आर्थिक लाभ उठा रहे हैं। भ्रष्टाचार का यह गठजोड़ दिन-रात अवैध निर्माण कार्यों को सुचारू रूप से चला रहा है। कई बार इन अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग उठी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हो गए हैं।

स्थानीय निवासियों और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव: अवैध निर्माणों से बढ़ी समस्याएं

अवैध निर्माणों से स्थानीय निवासियों के जीवन पर गहरा असर पड़ रहा है। जहां एक ओर इन अवैध इमारतों से यातायात की समस्या बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी गहरा नुकसान पहुँच रहा है। हरे-भरे इलाकों को काटकर अवैध इमारतें बनाई जा रही हैं, जिससे पेड़-पौधों का विनाश हो रहा है और प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। इसके अलावा, इन अवैध इमारतों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इनके निर्माण में किसी भी तरह की सरकारी स्वीकृति नहीं ली गई है। इससे स्थानीय निवासियों की सुरक्षा भी खतरे में है।

शिकायतों पर कार्रवाई नहीं: प्रशासन की उदासीनता से लोग परेशान

स्थानीय निवासियों ने कई बार इन अवैध निर्माणों के खिलाफ शिकायतें दर्ज करवाई हैं, लेकिन हर बार उनकी आवाज को अनसुना कर दिया गया। प्राधिकरण के पास इन इमारतों को अवैध घोषित करने के पर्याप्त सबूत हैं, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। जांच के बाद भी प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है और भूमाफिया अपने मंसूबों में कामयाब हो रहे हैं।

ग्रेटर नोएडा विकास समिति की चेतावनी: मुख्यमंत्री को भेजा पत्र, सख्त कार्रवाई की मांग

ग्रेटर नोएडा विकास समिति ने इस गंभीर समस्या को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है और प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गुहार लगाई है। राजेश कुमार ने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते इन अवैध निर्माणों पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह स्थिति और भी भयावह हो सकती है। समिति ने मांग की है कि इन अवैध इमारतों को तुरंत तोड़ा जाए और इसमें शामिल अधिकारियों और भूमाफिया पर कड़ी कार्रवाई हो।

भोले-भाले लोगों को बनाया जा रहा है ठगी का शिकार: विला और फ्लैट्स की ऊंची कीमतें

भूमाफिया ने अवैध तरीके से बनाए गए विला और फ्लैट्स को बेचकर लोगों को ठगने का काम भी शुरू कर दिया है। ये विला 50 लाख से 1 करोड़ रुपये की कीमत पर बेचे जा रहे हैं, जिनमें रहने वाले लोगों को न तो कोई कानूनी सुरक्षा मिलती है और न ही कोई सरकारी सुविधाएं। भोले-भाले लोग आकर्षक ऑफर्स में फंसकर अपने जीवन की सारी जमा-पूंजी गंवा रहे हैं, जबकि इन अवैध इमारतों का कोई वैध अस्तित्व ही नहीं है। इस तरह की धोखाधड़ी से लोगों में भारी आक्रोश है और वे प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

लखनऊ पहुंचा मामला: क्या सरकार उठाएगी ठोस कदम या फिर बढ़ेगा भूमाफिया का साम्राज्य?

यह मामला अब लखनऊ तक पहुँच चुका है और मुख्यमंत्री कार्यालय से इस पर जल्द ही कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या इस बार सरकार भूमाफिया के खिलाफ ठोस कदम उठाएगी, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा? स्थानीय निवासियों की मांग है कि भूमाफिया और इसमें शामिल प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि ग्रेटर नोएडा को इस काले साम्राज्य से बचाया जा सके।

निष्कर्ष: भूमाफिया के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत

ग्रेटर नोएडा में भूमाफिया का आतंक अपने चरम पर है। प्रशासन की मिलीभगत से अवैध निर्माणों का सिलसिला तेजी से बढ़ता जा रहा है। अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। सरकार को भूमाफिया और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने होंगे ताकि शहर का नियोजित विकास सुरक्षित रह सके और स्थानीय निवासियों को राहत मिल सके।


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