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Nirbhaya Case Nine Years Doctors Were Crying After Seeing Victim Condition – निर्भया कांड के नौ साल: सिहर उठा था देश, हालत देख कांप उठी थी डॉक्टरों की रूह, बोले- पहले कभी नहीं देखी ऐसी घटना

nirbhaya case
– फोटो : अमर उजाला

निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के आज नौ साल पूरे हो गए हैं। दिल्ली के मुनीरका में 16 दिसंबर 2012 की रात सड़क पर दौड़ रही बस में एक जिंदगी चीख रही थी..वो हैवानों से गुहार लगा रही थी। अपनी जान बख्शने के लिए, लेकिन छह दरिंदों को तरस नहीं आया। हैवानियत की पार हदों से पूरी दुनिया रो पड़ी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।

लड़की के साथ दरिंदों ने न सिर्फ दुष्कर्म किया बल्कि उसके जिस्म के साथ वो खिलवाड़ किया, जिसे सुनकर देश भर के लोग सिहर उठे। दरिंदों ने दुष्कर्म करने के बाद निर्वस्त्र हालत में चलती बस से उसे नीचे फेंक दिया था। आज भी जब निर्भया के जख्मों और उसके दर्द की बात आती है तो उसका इलाज करने वाले डॉक्टर सहम जाते थे। निर्भया की चीखों और हिम्मत को याद कर आंखें भर आती हैं। एक बार उन्होंने अमर उजाला से बातचीत में निर्भया के इलाज के दौरान हुई पूरी दास्तां सुनाई थी, जिसे सुनकर आप भी सिहर जाएंगे।

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– फोटो : अमर उजाला

16 दिसंबर 2012 की रात तकरीबन डेढ़ बजे जब निर्भया को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पहुंचाया गया था। वहां सबसे पहले देहरादून के डॉ. विपुल कंडवाल ने निर्भया का इलाज किया था। विपुल कंडवाल इस वक्त दून अस्पताल में कार्यरत हैं। लेकिन, उन दिनों वे सफदरजंग अस्पताल में कार्य कर रहे थे। आइए जानते हैं विपुल कंडवाल की जुबानी, एक निजी अखबार को दिए अपने इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि निर्भया की हालत देख वे अंदर से दहल गए थे। जिदंगी में पहले कभी ऐसा केस नहीं देखा था।

 

निर्भया का इलाज करने वाले डॉक्टर ने बताई दर्दनाक दास्तां
– फोटो : अमर उजाला

डॉ. कंडवाल ने बताया कि रात डेढ़ बजे का वक्त रहा होगा। मैं अस्पताल में नाइट ड्यूटी पर था। तभी रोज की तरह सायरन बजाती तेज रफ्तार एंबुलेंस अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर आकर रुकी। तत्काल ही घायल को इमरजेंसी में इलाज के लिए पहुंचाया गया। 

निर्भया का इलाज करने वाले डॉ. कंडवाल
– फोटो : अमर उजाला

कंडवाल बताते हैं कि मेरे सामने 21 साल की एक युवती थी। उसके शरीर के फटे कपड़े हटाए, अंदर की जांच की तो दिल मानों थम सा गया। ऐसा केस मैंने अपनी जिदंगी में पहले कभी नहीं देखा। मन में सवाल बार-बार उठ रहा था कि कोई इतना क्रूर कैसे हो सकता है?

 

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– फोटो : अमर उजाला

मैंने खून रोकने के लिए प्रारंभिक सर्जरी शुरू की। खून नहीं रुक रहा था। क्योंकि रॉड से किए गए जख्म इतने गहरे थे कि उसे बड़ी सर्जरी की जरूरत थी। आंत भी गहरी कटी हुई थी। मुझे नहीं पता था कि ये युवती कौन है। इतने में पुलिस और मीडिया के कई वाहन भी अस्पताल पहुंचने लगे। 

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