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Noida ED EX IAS News : नोएडा प्राधिकरण का सबसे बड़ा घोटाला, अरबों के घपलेबाज IAS मोहिंदर सिंह की दौलत पर ED का शिकंजा, मिला सिर्फ काली कमाई का ‘खुरचन’

Noida News, रफ्तार टुडे। नोएडा प्राधिकरण के पूर्व CEO और उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड IAS अधिकारी सरदार मोहिंदर सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। भ्रष्टाचार और काले धन के मामलों में पहले से ही घिरे इस अधिकारी पर आरोप हैं कि उसने अपने कार्यकाल के दौरान अरबों की अवैध संपत्ति जुटाई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित घर पर छापा मारा, जहां से अधिकारियों को करोड़ों के हीरे, सोना और नगदी मिली। यह सब मोहिंदर सिंह की काली कमाई का एक छोटा हिस्सा मात्र है, जिसे ED ने ‘खुरचन’ कहकर संबोधित किया।

मोहिंदर सिंह का काला साम्राज्य: नोएडा के एक अखबार के पास है पुख्ता सबूत

मोहिंदर सिंह के भ्रष्टाचार और घोटालों के खिलाफ एक अख़बार और पोर्टल के लगातार आवाज उठाता रहा है। उसकी रिपोर्टों के अनुसार, सिंह ने नोएडा प्राधिकरण को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था। उसने हज़ारों करोड़ रुपये के घोटाले किए, जिनमें से कई के सबूत के पास हैं। हालांकि ED के ताज़ा छापे में 7 करोड़ रुपये के हीरे और सोना बरामद हुआ है, मगर अख़बार का कहना है कि यह मोहिंदर सिंह की काली कमाई का महज ‘खुरचन’ है। हकीकत में उसकी अवैध संपत्ति अरबों में है।

भ्रष्टाचार का अड्डा बना था नोएडा प्राधिकरण

मोहिंदर सिंह की तैनाती के दौरान नोएडा प्राधिकरण भ्रष्टाचार के दलदल में डूब चुका था। 2010 से 2012 के बीच, जब वह नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का चेयरमैन और CEO था, तब उसने बड़े पैमाने पर बिल्डरों को कौड़ियों के भाव जमीनें आवंटित कीं। उसके कार्यकाल के दौरान बिल्डर लॉबी और राजनीतिक आकाओं के बीच सांठगांठ के कारण हज़ारों करोड़ का खेला किया गया। आम्रपाली, सुपरटेक, लॉजिक्स और थ्रीसी जैसे नामी बिल्डरों को सरकारी ज़मीन मात्र 10% राशि जमा कराकर दे दी गई, जबकि बाकी का पैसा सीधे रिश्वत के रूप में मोहिंदर सिंह और उसके आकाओं तक पहुंचा।

नोएडा प्राधिकरण के अरबों डूबे, बिल्डर बने कंगाल

मोहिंदर सिंह के कार्यकाल में किए गए घोटालों की वजह से नोएडा प्राधिकरण की वित्तीय हालत भी खस्ताहाल हो गई। बिल्डरों से बकाया वसूलने में असमर्थ प्राधिकरण के करीब 9,000 करोड़ रुपये डूब गए हैं। आम्रपाली, सुपरटेक और अन्य कई बिल्डर दिवालिया घोषित हो चुके हैं, और प्राधिकरण का पैसा वापस मिलने की उम्मीद ना के बराबर है। नोएडा प्राधिकरण का सबसे बड़ा बकाया आम्रपाली बिल्डर पर है, जो 4500 करोड़ रुपये से अधिक है।

मोहिंदर सिंह ने रचा था ‘आवंटन घोटाले’ का जाल

नोएडा प्राधिकरण की बेशकीमती जमीनों को 10% राशि पर बिल्डरों को आवंटित कर मोहिंदर सिंह ने अरबों का घोटाला किया। इसके बदले में उसे और उसके राजनीतिक आकाओं को मोटी रिश्वतें मिलीं। मोहिंदर सिंह का यह ‘आवंटन खेल’ सिर्फ नोएडा ही नहीं, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में भी चला, जिससे कुल मिलाकर करीब 28,000 करोड़ रुपये की सरकारी संपत्ति पर बकाया हो गया।

विदेश भाग गया भ्रष्ट अफसर, न्याय की राह देख रही है नोएडा

इतने बड़े घोटाले के बावजूद मोहिंदर सिंह अब विदेश में रह रहा है। चेतना मंच के सूत्रों का दावा है कि हजारों करोड़ के घोटालेबाज ने भारत छोड़कर विदेश में शरण ली है। हालांकि सीबीआई और ED उसकी काली करतूतों की परतें खोल रही हैं, लेकिन अब तक उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।

क्या होगी मोहिंदर सिंह पर कार्रवाई?

अब सवाल यह उठता है कि क्या भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली केंद्र और प्रदेश की सरकार मोहिंदर सिंह जैसे घोटालेबाजों पर सख्त कार्रवाई कर पाएगी? क्या नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण से जुड़े इस ‘आवंटन घोटाले’ के दोषियों को सज़ा मिलेगी? या फिर ये घोटालेबाज अपने राजनीतिक रसूख और काली कमाई से बच निकलेंगे?

भारी नुकसान का घोटाला

नोएडा प्राधिकरण के बकाये की राशि 9,000 करोड़ रुपए से भी अधिक है। दिवालिया हो चुके बिल्डर जैसे आम्रपाली, सुपरटेक और लॉजिक्स पर यह बकाया है। मोहिंदर सिंह के कार्यकाल में इन बिल्डरों को मात्र 10 प्रतिशत राशि पर करोड़ों की जमीनें आवंटित की गईं थीं। बाकी की राशि, घोटाले के तहत रिश्वत के रूप में वसूली गई।

नोएडा का विनाश

नोएडा और ग्रेटर नोएडा को औद्योगिक राजधानी के रूप में जाना जाता था, लेकिन पिछले एक दशक में हुए घोटालों ने इस क्षेत्र की छवि को धूमिल कर दिया है। रियल एस्टेट सेक्टर पूरी तरह से चौपट हो चुका है, और देशभर के लाखों बायर्स आज भी न्याय की उम्मीद में अदालतों के चक्कर काट रहे हैं।

नोएडा के विकास की रफ्तार को पटरी से उतारने वाला यह घोटाला देश के सबसे बड़े आवंटन घोटालों में से एक माना जा रहा है। अब देखना यह है कि इस परत-दर-परत खुलते रहस्य से आखिरकार न्याय होगा या भ्रष्टाचार की स्याही में सना हुआ सच हमेशा के लिए दफन हो जाएगा।

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रफ़्तार टुडे की न्यूज़

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