Noida International Airport News: जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर और रनवे बनकर तैयार, जल्द शुरू होगा ट्रायल, AAI को सौंपा गया प्रोजेक्ट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का पहला चरण 5,700 करोड़ रुपये के निवेश से तैयार किया गया है, जिसमें एक रनवे और 12 मिलियन यात्रियों को सालाना संभालने की क्षमता वाला टर्मिनल शामिल है। यह एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर, नोएडा, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए कनेक्टिविटी को और सशक्त बनाएगा। जेवर में स्थित यह हवाई अड्डा नोएडा से लगभग 60 किलोमीटर दूर है और एक ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है।
जेवर, रफ़्तार टुडे। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसमें एयरपोर्ट के महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) टॉवर और रनवे (Runway के निर्माण के पूरा होने की पुष्टि हुई है। एयरपोर्ट के संचालन के लिए आवश्यक एटीसी टॉवर बनकर तैयार हो गया है और इसे एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को सौंप दिया गया है।
ट्रायल उड़ानें अगले महीने से हो सकती हैं शुरू
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, डॉ. अरुणवीर सिंह ने शुक्रवार को यह जानकारी साझा की कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर अब AAI के नियंत्रण में है। AAI अब आवश्यक टेस्टिंग और औपचारिकताओं को पूरा करेगा, जिसके बाद निर्माण करने वाली कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) सौंपा जाएगा। इसके साथ ही, अगले महीने से हवाई जहाज उड़ाने के ट्रायल शुरू हो सकते हैं।
पांच महीने की देरी के बाद हुआ ATC टॉवर का हस्तांतरण
यह ATC टॉवर मार्च 2024 तक AAI को सौंपा जाना था, लेकिन परियोजना में लगभग पांच महीने की देरी हुई। अब, यह महत्वपूर्ण संरचना पूरी हो गई है और AAI के अधीन कर दी गई है। इसके साथ ही, एयरपोर्ट का पहला रनवे भी तैयार हो गया है, और उसे भी जल्द ही AAI को सौंपे जाने की योजना है।
एयरपोर्ट से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का पहला चरण 5,700 करोड़ रुपये के निवेश से तैयार किया गया है, जिसमें एक रनवे और 12 मिलियन यात्रियों को सालाना संभालने की क्षमता वाला टर्मिनल शामिल है। यह एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर, नोएडा, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए कनेक्टिविटी को और सशक्त बनाएगा। जेवर में स्थित यह हवाई अड्डा नोएडा से लगभग 60 किलोमीटर दूर है और एक ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है।
केंद्र और राज्य सरकार की सहभागिता
इस एयरपोर्ट का निर्माण और संचालन यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) द्वारा किया जा रहा है, जो ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी की 100% सहायक कंपनी है। इसे केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से तैयार किया जा रहा है।
साल 2019 में इस परियोजना के पहले चरण के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू हुआ था, जो नियत समय 2020 में पूरा हुआ। 2024 के अंत तक एयरपोर्ट के पहले चरण का संचालन शुरू होने की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय मान्यता और कनेक्टिविटी
एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) द्वारा “DXN” हवाई अड्डा कोड प्रदान किया गया है। इसके साथ ही, इसे यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाली 760 मीटर सड़क का निर्माण भी अंतिम चरण में है। 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट की आधारशिला रखी थी, और अब यह एयरपोर्ट 2024 के अंत तक संचालन के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।
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