भूजल के लगातार दोहन का आलम यह है कि क्षेत्र में जहां पहले 90 और 100 फीट पर पानी मिल जाता था वहीं, अब 180 फीट से 220 फीट पर मिलता है, बोरवेल बंद होने से किसी ना किसी सोसाइटी में पानी की आपूर्ति बंद हो जाती है।
नोएडा, रफ़्तार टुडे। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में रहने वालों के लिए जरूरी खबर है। आपको बता दें कि नोएडा (Noida) में भूजल स्तर (Ground Water Level) को संभालने के लिए प्राधिकरण (Authority) कड़ा रुख अपनाने जा रहा है। लगातार कम हो रहे जलस्तर को देखते हुए अब प्राधिकरण ने पानी की बर्बादी पर लगाम लगाने का फैसला लिया है। वाहन धोने, सड़क साफ करने और पौधों की सिंचाई में पाइप का प्रयोग करने वाले लोगों पर एक्शन लिया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) की ओर से जनता को पानी की बर्बादी न करने की चेतावनी दी गई है।
नोएडा प्रधिकरण के उपमहाप्रबंधक आरपी सिंह ने कहा कि लोगों को सार्वजनिक नोटिस जारी कर जल संरक्षण के लिए आगाह किया गया है। वाहनों को धोने, सड़क साफ करने और पौधों की सिंचाई में पाइप का प्रयोग करने वालों पर नजर रखी जाएगी। ऐसा करने वालों पर अर्थदंड के साथ-साथ पर्यावरण कानून के तहत भी कार्रवाई की होगी। पेयजल की बर्बादी पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना और पांच साल की जेल हो सकती है।
साल 2020 के अक्टूबर से पहले पानी की बर्बादी पर कोई प्रावधान नहीं था। राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने 24 जुलाई 2019 को पानी की बरबादी पर रोक लगाने की मांग पर सुनवाई की थी। लगभग एक साल बाद 15 अक्टूबर 2020 को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के तहत केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ने आदेश जारी किया। इस आदेश के मुताबिक, पेयजल के दुरुपयोग पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना और 5 साल की जेल की सजा हो सकती है। केंद्रीय भूजल बोर्ड ने 8 अक्टूबर 2020 को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत सभी प्राधिकरणों, स्थानीय निकायों और नागरिकों को निर्देशित किया कि वे भूजल से मिलने वाले पेयजल की बरबादी और बेवजह प्रयोग नहीं करेंगे। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। अब प्राधिकरण इस नियम का पालन करवाने जा रहा है।