Noida News: नोएडा महर्षि आश्रम के नाम पर खुली लूट, सीएम योगी के पास पहुंची घोटाले की चिट्ठी, जानिए क्या है पूरा धंधा
एडवोकेट राकेश नागर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस भूमि घोटाले (अजय प्रकाश श्रीवास्तव) की जांच की मांग की है। नागर का आरोप है कि महिला ध्यान विद्यापीठ सोसाइटी, जो महर्षि आश्रम के नाम से भी जानी जाती है, ने लगभग तीन हजार बीघा जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है।
नोएडा, रफ़्तार टुडे। नोएडा शहर के बीचों-बीच पिछले करीब तीन साल से बड़े भूमि घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है। महर्षि योगी आश्रम की भूमि पर अवैध कॉलोनाइजेशन और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण हो रहा है। इस मामले को ‘रफ़्तार टुडे’ ने प्रमुखता से उठाया है, जिससे नोएडा से लेकर लखनऊ तक हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को इस मामले की चिट्ठी भेजी गई है, जिसमें जांच की मांग की गई है।
अजय प्रकाश श्रीवास्तव के खिलाफ जांच की मांग
दादरी बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट राकेश नागर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस भूमि घोटाले की जांच की मांग की है। नागर का आरोप है कि महिला ध्यान विद्यापीठ सोसाइटी, जो महर्षि आश्रम के नाम से भी जानी जाती है, ने लगभग तीन हजार बीघा जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। यह जमीन भोले-भाले किसानों की थी, जिसे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हड़प लिया गया है।
सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा और राजस्व की हानि
एडवोकेट नागर के अनुसार, महर्षि आश्रम ने न केवल निजी भूमि पर कब्जा किया है, बल्कि सरकारी जमीन पर भी अपना अधिकार जमा लिया है, जिससे राज्य सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है। आश्रम के अंदर एक विलासिता का केंद्र चलाया जा रहा है, जहां लगभग 500 लोग सेवादार के रूप में कार्यरत हैं। आरोप है कि आश्रम अपनी जमीन को नोएडा विकास प्राधिकरण की दरों से भी अधिक कीमत पर बेच रहा है और इससे प्राप्त धन को देश से बाहर भेजा जा रहा है।
अवैध गतिविधियों में अधिकारियों का सहयोग
नागर का आरोप है कि कुछ राजस्व अधिकारियों ने इन अवैध गतिविधियों में सहयोग किया है। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग, सीबीआई और एसआईटी जैसी एजेंसियों को शामिल करने की मांग की है। नागर ने कहा है कि यह मामला उत्तर प्रदेश के सबसे विकसित शहर में चल रहे एक बड़े भूमि घोटाले को उजागर करता है और कई निर्दोष किसानों को न्याय दिलाने में मदद कर सकता है।
प्राधिकरण से भी स्पष्टीकरण मांगा जाए
नागर ने यह भी कहा है कि संबंधित तहसील के भूलेख रिकॉर्ड की जांच की जाए और नोएडा विकास प्राधिकरण से भी स्पष्टीकरण मांगा जाए। इस घोटाले की जांच न केवल भ्रष्टाचार को उजागर करेगी, बल्कि कई निर्दोष किसानों को न्याय दिलाने में भी मदद कर सकती है।
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