
नोएडा, रफ्तार टुडे।
नोएडा की बहुप्रचलित शांति को झकझोर देने वाला सेक्टर-12 हत्याकांड आखिरकार पुलिस की सटीक रणनीति और बहादुरी के दम पर सुलझ गया है। एक खौफनाक ठग गिरोह, जो विदेशी मुद्रा विनिमय के नाम पर लूट और हत्या की वारदातों को अंजाम देता था, का पर्दाफाश हुआ है। इस गिरोह के चार बदमाश – जिनमें पिता-पुत्र की खतरनाक जोड़ी भी शामिल है – को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है।
एक साधारण चेकिंग बनी पुलिस के लिए बड़ी सफलता की शुरुआत
घटना का खुलासा शनिवार, 14 जून 2025 की सुबह हुआ, जब सेक्टर-54 में एलिवेटेड रोड के नीचे पुलिस नियमित वाहनों की जांच कर रही थी। तभी एक बाइक पर सवार दो संदिग्ध युवकों – मुकुल शर्मा और आकाश उपाध्याय – को रोका गया। लेकिन शक पक्का हो गया जब दोनों ने रुकने की बजाय पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी और भागने लगे।
जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने दोनों को गोली मारकर घायल कर दिया और उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनके पास से बरामद हुआ –
- एक पिस्टल और तमंचा,
- 9 ज़िंदा कारतूस,
- एक चोरी की मोटरसाइकिल,
- 4 लाख रुपये नकद,
- 9,900 कनाडाई डॉलर (लगभग 6.27 लाख रुपये)।
अपराध की जड़ में निकला मास्टरमाइंड बाप – अजय शर्मा उर्फ ‘अज्जू’
पूछताछ के दौरान जो बातें सामने आईं, उसने पुलिस को भी चौंका दिया। घायल मुकुल शर्मा के पिता अजय शर्मा उर्फ अज्जू ही इस गैंग का मास्टरमाइंड निकला। उसने ही बेटे और उसके साथी आकाश को लूट व हत्या की ट्रेनिंग दी थी। गैंग का चौथा सदस्य आर्यन यादव भी गिरफ्तार हुआ है, जो किराए के मकानों का बंदोबस्त और प्लानिंग में मदद करता था।
कैसे करते थे वारदात? विदेश से रुपए की लालच बनता था जाल
गिरोह के पास एक खास रणनीति थी –
- शहर में किराए पर मकान लेना,
- फॉरेक्स डीलर या विदेशी मुद्रा कारोबारियों को लालच देकर वहां बुलाना,
- पहले भारतीय रुपए दिखाकर विश्वास जमाना,
- फिर मौका पाकर हथियार दिखाकर लूटपाट,
- और आखिर में फरार हो जाना।
इसी मॉड्यूल का इस्तेमाल करते हुए 11 जून को उन्होंने नोएडा सेक्टर-12 के एक मकान में सेक्टर-18 के फॉरेक्स डीलर ओमपाल भाटी की हत्या कर दी।
सेक्टर-12 हत्याकांड: प्लानिंग से मौत तक का खौफनाक सफर
11 जून को गिरोह ने ओमपाल भाटी को 7 लाख रुपये के कनाडाई डॉलर के सौदे के नाम पर बुलाया। ओमपाल जैसे ही डील के लिए फ्लैट में पहुंचे, गिरोह ने उन्हें घेर लिया। छीना-झपटी के दौरान गोली चली और ओमपाल भाटी की मौत हो गई। इसके बाद आरोपी अपनी स्कूटी मौके पर छोड़कर भाग निकले।
क्राइम शेल्फ से निकला इनका पुराना काला इतिहास
पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह गाजियाबाद के इंदिरापुरम में भी इसी तरह की ठगी कर चुका है। इन अपराधियों का अपराधिक इतिहास पहले से दर्ज था, लेकिन इस बार इन्होंने हदें पार करते हुए हत्या भी कर दी।
थाना सेक्टर-24 की टीम को मिलेगा सम्मान
इस बेहद जटिल केस को सुलझाने में थाना सेक्टर-24 की टीम ने शानदार भूमिका निभाई। पुलिस आयुक्त ने टीम की बहादुरी और तेजी से काम करने के लिए उन्हें पुरस्कृत करने की घोषणा की है। डीसीपी यमुना प्रसाद के अनुसार –
“इस केस को हल करने के लिए तकनीकी, खुफिया और मैनुअल तीनों स्तर पर जांच की गई। यह गिरफ्तारी एक बड़ा ऑपरेशन था।”
साक्ष्यों से भरी पोटली: डिजिटल सबूतों से खुली परतें
पुलिस को आरोपियों के मोबाइल से:
- विदेशी मुद्रा सौदों के चैट रिकॉर्ड,
- लोकेशन डेटा,
- और CCTV फुटेज की मदद मिली, जिससे साजिश का पूरा ढांचा सामने आया।
यह ऑपरेशन क्यों है महत्वपूर्ण?
- ✅ एक हत्या की गुत्थी सुलझी।
- ✅ अंतर्राज्यीय अपराधी गिरोह बेनकाब हुआ।
- ✅ विदेशी मुद्रा के नाम पर हो रहे अपराध का खुलासा हुआ।
- ✅ आम जनता का भरोसा पुलिस पर और मजबूत हुआ।
स्थानीय प्रतिक्रिया: “अब डर खत्म, भरोसा कायम”
नोएडा के फॉरेक्स कारोबारियों ने राहत की सांस ली है। व्यापारी संघों ने पुलिस के ऑपरेशन की सराहना की और अपील की कि भविष्य में इस तरह के अपराध रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखी जाए।
🛡️ रफ्तार टुडे की अपील – सतर्क रहें, सूचित करें
अगर कोई भी व्यक्ति विदेशी मुद्रा या अन्य लेन-देन में संदेहास्पद गतिविधि करता नजर आए, तो 100 नंबर पर कॉल करें या पुलिस को तुरंत सूचित करें।
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