Fortis Hospital News : वर्ल्ड किडनी कैंसर डे पर चेतावनी, बढ़ते वज़न और धूम्रपान की मार, किडनी कैंसर के मामलों में 40 की उम्र में ही बजने लगे खतरे की घंटी!, विशेषज्ञों की राय में जागरूकता, परहेज़ और नियमित जांच ही है उपाय

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।
19 जून 2025 को वर्ल्ड किडनी कैंसर डे के मौके पर विशेषज्ञों ने बढ़ती चिंताओं की ओर इशारा करते हुए बताया कि किडनी कैंसर अब बुज़ुर्गों की बीमारी नहीं रह गई है।
एनसीआर क्षेत्र, खासकर ग्रेटर नोएडा में, बदलती जीवनशैली, खराब खानपान, धूम्रपान और मोटापा जैसे कारणों से यह गंभीर बीमारी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है।
3 से 4 प्रतिशत ओपीडी केस किडनी कैंसर के, चेतावनी दे रहा है आंकड़ा!
फोर्टिस ग्रेटर नोएडा के नेफ्रोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. संकेत किशोर पाटिल ने बताया कि
“हमारी ओपीडी में हर महीने जो नए कैंसर केस आते हैं, उनमें करीब 3-4% मरीज किडनी कैंसर से पीड़ित होते हैं। पहले ये बीमारी बुज़ुर्गों तक सीमित थी, लेकिन अब 40 साल की उम्र के लोग भी इसकी गिरफ्त में आने लगे हैं।”
धूम्रपान और मोटापा: किडनी की सबसे बड़ी दुश्मन जो बनती जा रही है कैंसर की वजह
डॉ. पाटिल के अनुसार किडनी कैंसर के पीछे मुख्य कारण हैं:
- धूम्रपान और तंबाकू का सेवन
- बढ़ता मोटापा
- हाई ब्लड प्रेशर
- प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड की आदतें
- व्यायाम की कमी
पुरुषों में महिलाओं की तुलना में किडनी कैंसर होने का जोखिम दोगुना अधिक होता है। इसके पीछे उनके तंबाकू सेवन की अधिकता और जीवनशैली को बड़ा कारण माना जा रहा है।
समय पर जांच और स्वस्थ जीवनशैली है बचाव की चाबी
विशेषज्ञ मानते हैं कि समय पर जांच और नियमित मेडिकल चेकअप से बीमारी की जल्द पहचान संभव है।
डॉ. पाटिल सलाह देते हैं कि:
🟢 वजन नियंत्रित रखें
🟢 धूम्रपान और शराब से दूर रहें
🟢 अधिक से अधिक हरी सब्ज़ियां और फल खाएं
🟢 नियमित रूप से BP और शुगर की जांच कराएं
🟢 सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें
लक्षणों को हल्के में न लें — ये हो सकते हैं चेतावनी संकेत
अगर आप या आपके किसी परिजन को इन लक्षणों में से कोई दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
- बिना वजह वज़न घटना
- कमर या पेट के आसपास लगातार दर्द
- पेशाब में खून आना
- भूख में कमी और थकान
डॉ. पाटिल कहते हैं, “कई बार लोग इन लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं और जब तक बीमारी पकड़ में आती है, वह तीसरे या चौथे स्टेज में पहुंच जाती है।”
बदलती जीवनशैली ने बढ़ाई चिंता, अब जागरूकता ही है बचाव का हथियार
आधुनिक जीवनशैली, देर रात तक जागना, रेडी-टू-ईट फूड्स, मोबाइल पर घंटों बिताना और फिजिकल एक्टिविटी की कमी – ये सभी आदतें धीरे-धीरे शरीर में रोगों को न्योता दे रही हैं।
किडनी शरीर का वो अंग है, जो चुपचाप काम करता है, लेकिन जब तक ये शिकायत करता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। ऐसे में समय रहते सतर्कता जरूरी है।
विशेषज्ञों की राय में जागरूकता, परहेज़ और नियमित जांच ही है उपाय
डॉ. पाटिल के मुताबिक:
“छोटी-छोटी आदतें जैसे हेल्दी खाना, स्मोकिंग से दूरी और वॉक करना, बड़ी बीमारियों से बचा सकती हैं।
अगर हम रोज़ाना की आदतों में सुधार करें, तो किडनी कैंसर से दूर रह सकते हैं।”
📢 Raftar Today की सलाह: जानिए, जागिए और बचिए
आज वर्ल्ड किडनी कैंसर डे के अवसर पर, हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि:
- अपने शरीर की signals को गंभीरता से लें
- अपने लाइफस्टाइल में संतुलन लाएं
- परिवार और दोस्तों को भी जागरूक करें
क्योंकि रोकथाम इलाज से बेहतर है।
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