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आख़िर इन पेट्रोलियम कम्पनियों का चुनावों से क्या लेना देना है? कि 25 परसेंट तक दाम बढ़े क्रूड ऑयल के, लेकिन पेट्रोल के प्राइस नहीं बढ़े

सरकार की हो रही है निंदा, आखिर क्यों नहीं बढ़े पेट्रोल और डीजल के दाम, और चुनाव के बाद क्यों बढ़ाएगी सरकार

@gks14
रफ्तार टुडे, गौरव सिंह
रफ्तार टुडे खबर सच होती दिख रही है जिसमें कि हमने बताया था कि चुनाव के बाद बड़ सकते हैं पेट्रोल व डीजल के रेट,पिछले सिर्फ़ दो महीनों में ही क्रूड ओईल के दामों में 20% का इज़ाफ़ा हो गया है, लेकिन हमारे यहाँ पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स की दाम स्थित हैं।

लेकिन दाम बढ़ाने घटाने का फ़ैसला तो ओईल कम्पनियाँ करती हैं, जो कि विशुद्ध रूप से मुनाफ़ा कमाने के उद्देश्य से बिज़नेस कर रही हैं। तो जब ओईल के दाम इतने बढ़ गए तो देश में पेट्रोल डीज़ल की क़ीमतें क्यों नहीं बढ़ाई जा रही?

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ऐसे तो रोज़ देश का नुक़सान हो रहा है, और देश का नुक़सान कराना तो देशद्रोह है न?

आख़िर इन पेट्रोलियम कम्पनियों का चुनावों से क्या लेना देना है? किसी वकील को कोर्ट में केस लगाना चाहिए इन कम्पनियों के ख़िलाफ़.

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सरकार की नीतियों की हर तरफ निंदा हो रही है क्योंकि चुनाव पांच राज्यों में है अब पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाएंगे तो उनकी विरोधी पार्टियां इसे मुद्दा बना लेंगे और विरोधी पार्टी इसको मुद्दा बनाएंगे से बचने के लिए दाम नही बढ़ रहे। इसीलिए पेट्रोल डीजल के दाम इस समय नहीं बढ़ा रहे और लेकिन यह बात भी सही है कि जैसे ही चुनाव चले जाएंगे और डीजल के और पेट्रोल के दाम बढ़ जाएंगे

Raftar Today
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