सार
प्रधानमंत्री मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किया है। हालांकि अभी एमएसपी पर टकराव होने की आशंका है। इसके संकेत राकेश टिकैत के बयान से मिल रहे हैं।
सिंघु बॉर्डर पर किसान
– फोटो : पीटीआई
देश में आज गुरु नानक जयंती और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती मनाई जा रही है। इसी के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किया है। अचानक से लिए गए प्रधानमंत्री मोदी के इस निर्णय ने एक ओर लोगों को चौंकाया तो वहीं किसानों में इससे काफी खुशी है। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए बीते डेढ़ साल से कुछ किसान संगठन विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि अभी एमएसपी पर टकराव होने की आशंका है, जिसके संकेत राकेश टिकैत ने दे दिए हैं।
तत्काल वापस नहीं होगा आंदोलन, बात करने की जरूरत
किसान नेता और आंदोलन के अगुआ राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। संसद में कानून वापस होने के बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा। टिकैत ने कहा कि सरकार एमएसपी के मुद्दे पर भी बात करें। इसके साथ ही किसानों से अन्य मुद्दों पर भी बात करने की जरूरत है। वहीं, कुछ किसान संगठनों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।
विधानसभा चुनाव से पहले सरकार का बड़ा फैसला
पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले पर सियासी दलों के नेता प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर तंज कसा। राहुल गांधी ने कहा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो!
कांग्रेस नेता संसद में उठाएंगे यह मुद्दा
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह किसानों की जीत है, जो इतने दिनों से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन के दौरान 700 से अधिक किसानों की मौत हो गई, किसानों की मुश्किलों की जिम्मेदारी कौन लेगा? इसके लिए केंद्र दोषी है। हम इन मुद्दों को संसद में उठाएंगे। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि काला कानून वापस लेना सही दिशा में उठाया गया कदम है।
विस्तार
देश में आज गुरु नानक जयंती और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती मनाई जा रही है। इसी के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किया है। अचानक से लिए गए प्रधानमंत्री मोदी के इस निर्णय ने एक ओर लोगों को चौंकाया तो वहीं किसानों में इससे काफी खुशी है। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए बीते डेढ़ साल से कुछ किसान संगठन विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि अभी एमएसपी पर टकराव होने की आशंका है, जिसके संकेत राकेश टिकैत ने दे दिए हैं।
तत्काल वापस नहीं होगा आंदोलन, बात करने की जरूरत
किसान नेता और आंदोलन के अगुआ राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। संसद में कानून वापस होने के बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा। टिकैत ने कहा कि सरकार एमएसपी के मुद्दे पर भी बात करें। इसके साथ ही किसानों से अन्य मुद्दों पर भी बात करने की जरूरत है। वहीं, कुछ किसान संगठनों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।
विधानसभा चुनाव से पहले सरकार का बड़ा फैसला
पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले पर सियासी दलों के नेता प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर तंज कसा। राहुल गांधी ने कहा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो!
कांग्रेस नेता संसद में उठाएंगे यह मुद्दा
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह किसानों की जीत है, जो इतने दिनों से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन के दौरान 700 से अधिक किसानों की मौत हो गई, किसानों की मुश्किलों की जिम्मेदारी कौन लेगा? इसके लिए केंद्र दोषी है। हम इन मुद्दों को संसद में उठाएंगे। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि काला कानून वापस लेना सही दिशा में उठाया गया कदम है।
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