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उत्तर प्रदेश का चुनाव तय करेगा कि देश का अगला राष्ट्रपति कौन बनेगा?, एनडीए का या यूपी का, 300 सीटें बिहार में जीती तो एनडीए का बनेगा और नहीं तो UPA का बनेगा

आरिफ खान, नीतीश कुमार, शरद पवार और मायावती से एक हो सकता है अगले राष्ट्रपति?

गौरव शर्मा, रफ्तार टुडे । उत्तर प्रदेश के चुनाव में जो पार्टी विजय होगी उस पार्टी का राष्ट्रपति चुनाव में बड़ा रोल होगा क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव में कुल वोट की वैल्यू 10 लाख 98 हजार 882 होती है। एक एमपी के वोट की कीमत 708 होती है बाकी प्रदेशों की आबादी के हिसाब से एमएलए की वोटों की कीमत होती है।

उत्तर प्रदेश के एमएलए की कुल वोट की पावर 83824 है जबकि पंजाब की कुल वोटों की 13572 है उत्तराखंड की 4480 है। ऐसे ही आंकड़ों को देखें तो उत्तर प्रदेश से आने वाले विधायकों के वोट की कीमत बहुत ज्यादा है राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए 549000 वोटों की जरूरत पड़ेगी।

एनडीए यानी भारतीय जनता पार्टी गठबंधन उत्तर प्रदेश में यदि 300 विधानसभा जीत लेता है मजबूत स्थिति में होगा।
क्योंकि कांग्रेस और अन्य भाजपा के विरोधी दल जैसे पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी तेलंगाना में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव राजस्थान में कॉन्ग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना एनसीपी तमिलनाडु में स्टालिन द्रविड़ केरल में कम्युनिस्ट आंध्रा में जगन रेड्डी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस बिहार की परिस्थितियां भी मोड ले रही हैं।


यदि नीतीश कुमार ने भाजपा से गठबंधन तोड़ा तो भाजपा के लिए राष्ट्रपति चुनाव में जीतना बहुत कठिन हो जाएगा इन परिस्थितियों में भारतीय जनता पार्टी चल रहे पांच राज्यों के चुनाव में जीत दर्ज करना चाहती है जिससे उत्तर प्रदेश पंजाब उत्तराखंड मणिपुर और गोवा में वोटों का इंतजाम हो सके।

पिछले कुछ दिनों से तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव एक नया राष्ट्रीय गठबंधन बनाना चाहते हैं जिसको लेकर वह बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिवसेना के उदय ठाकरे एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार वह आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री दिल्ली सहित सभी विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ एकजुट कर रहे हैं क्योंकि इसी साल 2022 में राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा हो रहा है इसलिए नए राष्ट्रपति को चुनने के लिए अभी से सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं।

पूरा विपक्ष भाजपा को 2024 के आम चुनाव से पहले 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में ही कड़ी टक्कर दे कर अपनी ताकत का एहसास कराना चाहता है एनडीए गठबंधन के सामने भी राष्ट्रपति को जिताना इतना आसान नहीं है क्योंकि भारत के बड़े-बड़े प्रांत जैसे राजस्थान पश्चिम बंगाल तमिल नाडु केरल आंध्र प्रदेश तेलंगाना छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र में विपक्ष मजबूत स्थिति में है।

ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी ने अपना पूरा जोर उत्तर प्रदेश के चुनावों को जीतने में लगा रखा है क्योंकि उत्तर प्रदेश के हर विधायक की वोट की कीमत आबादी के अनुसार ज्यादा है।

इसलिए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व और समस्त विपक्ष पांच राज्यों के परिणाम जो 10 मार्च को आने हैं उस पर टकटकी लगा कर बैठा है यदि भाजपा की कम सीटें आई तो विपक्ष को भाजपा को हराने का मौका मिल जाएगा यह बात भारतीय जनता पार्टी का सिर्फ नेतृत्व भी जानता है कि इन पांच राज्यों के चुनाव 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में हार और जीत तय करेंगे।।
रफ्तार टुडे का मानना है कि यदि 5 राज्यों में अच्छी संख्या में सीट भाजपा कि नहीं आई तो एनडीए के लिए अपना राष्ट्रपति जिताना मानो लोहे के चने चबाने जैसा होगा।

देखते हैं रफ्तार टुडे की यह पड़ताल किसका भाग्य भारत के राष्ट्रपति बनाने में उदय करता है

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