न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Vikas Kumar
Updated Tue, 14 Dec 2021 01:34 AM IST
सार
बॉर्डर के बंद होने से कुंडली क्षेत्र की कई फैक्ट्रियां भी बंद रहीं। दोबारा इन्हें चालू होने में थोड़ा वक्त लग सकता है। फैक्ट्रियों, पेट्रोल और सीएनजी पंपों के साथ साथ दुकानों पर भी पहले की तरह रौनक लौटने से कारोबार में भी बढ़ोतरी होगी।
किसानों को जत्थे को रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर पर लगाए गए अवरोधक को हटाने का काम सोमवार को जारी रहा। भारी भरकम सीमेंट के स्लैब और कंटेनर को हटाने के लिए बड़ी बड़ी मशीनें लगाई गई हैं। क्रेन और जेसीबी सहित दूसरे उपकरण भी लगाए गए हैं ताकि जल्द से जल्द वाहनों की आवाजाही शुरू हो सके। अवरोधकों का वजन कई क्विंटल है, इसलिए मशीनों से भी इन्हें हटाने में मशक्कतें पेश आ रही हैं। बड़े अवरोधकों को हटाने से पहले तोड़ा जा रहा है, मगर इससे इकट्ठा होने वाला मलबे का वजट टनों में है। इसे हटाने का काम भी युद्धस्तर पर चल रहा है ताकि ट्रैफिक को बाधाओं को सामना न करना पड़े।
जीटी करनाल रोड पर ट्रैफिक के चालू होने के बाद भी परेशानियां आएंगी, क्योंकि बीच मे फ्लाई ओवर का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए करीब 30 फीसदी सड़क पर निर्माण कार्य कई किलोमीटर तक चल रहा है। वाहनों की भारी तादाद के सड़क पर उतरते ही फिर सड़क पर सोनीपत तक जाम की स्थिति से जूझना पड़ सकता है। सड़क खुलने के इंतजार में आसपास के ग्रामीणों और दुकानोंदारों सहित पेट्रोल और सीएनजी पंप मालिकों को भी है। एक साल से बंद पड़े कारोबार को रफ्तार देने के लिए सभी जगह साफ सफाई का काम जोरों पर है।
भारी भरकम स्लैब को तोड़ने के साथ साथ हटाया भी जा रहा है। हटाने के बाद नजदीक में रखा जाने वाले मलबे का ढेर इतना अधिक हो गया है कि इसे हटाने में भी वक्त लगेगा। कुंडली की तरफ बनाए गए सभी टेंट हटा दिए गए हैं, इक्का दुक्का अगर थे तो उन्हें भी हटाने के लिए लोग लगे हुए थे। निगम कर्मियों ने इसे हटाने में काफी मेहनत और वक्त लगने की बात कहते हुए उम्मीद जताई कि बुधवार तक वाहनों की आवाजाही के लिए सड़क के खुलने की उम्मीद है। हालांकि सड़कों से सभी निर्माण को हटाने के बाद भी मलबे को हटाने में कुछ वक्त लगेगा। दिल्ली के इलाके में टेंट हटाने के बाद सुबह से ही निगम कर्मी साफ सफाई में जुट गए ताकि जल्द से जल्द रास्ते से रुकावटें कम हो सके। सिंघु बॉर्डर से नरेला की तरफ जाने वाली सड़क से भी किसानों का जत्था जा चुका है। मगर, इस सड़क पर भी बैरिकेड लगे हैं ताकि वाहनों के साथ लोग अंदर प्रवेश न कर सकें, इससे अवरोधकों को हटाने में और देरी हो सकती है।
90 फीसदी से अधिक निर्माण हटाए, सुबह तक पूरा होने की उम्मीद
सिंघु बॉर्डर पर बने मुख्य मंच को हटाने का काम करने वाली एजेंसी के प्रबंधक ने बताया कि सोनीपत में भी काफी हिस्से में जगह जगह टेंट और आशियाना बनाए गए थे। अभी तक 90 फीसदी से अधिक काम पूरा हो चुका है और कोशिश है कि मंगलवार दोपहर तक इसे पूरा कर लिया जाए। लेकिन प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए दीवार सरीखे अवरोधक को पार करना जितना मुश्किल था, उन्हें हटाना भी आसान नहीं है। बावजूद इसके पूरे दिन दोनों तरफ की सड़कों पर सामान्य वाहनों की आवाजाही बंद रही। बसें पहले की तरह करीब दो किलामीटर पहले ही रोक दी जा रही थी। कुंडली सीमा तक किसी साधन से पहुंचने वालों को आगे फिर पैदल चलना पड़ा ताकि दिल्ली के अलग अलग हिस्सों तक पहुंचने के लिए बस, ऑटो या दूसरे परिवहन साधनों को अपना सकें।
टोल प्लाजा खोलने की भी तैयारी
टोल प्लाजा को भी फिर से चालू करने के लिए तैयारियां की जा रही हैं। इस मार्ग पर खुदाई कर दी गई थी, जिन्हें भरने के बाद आगे से अवरोधक हटाने के बाद ही वाहनों की आवाजाही के लिए टोल प्लाजा को चालू किया जा सकेगा। सोमवार पूरे दिन सिंघु बॉर्डर पर अवरोधकों को हटाने का सिलसिला जारी रहा, इस कारण हर तरफ धूलकणों से धुंध रही। लंबे समय से ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को भी सड़कें खुलने का इंतजार है। टोल के बंद होने से वाहनों की आवाजाही बंद रही, नतीजतन टोल के मद में भी हर माह लाखों का नुकसान भी हो रहा है।
फिर लौटेगी रौनक, कारोबार में बढ़ोतरी की उम्मीद
बॉर्डर के बंद होने से कुंडली क्षेत्र की कई फैक्ट्रियां भी बंद रहीं। दोबारा इन्हें चालू होने में थोड़ा वक्त लग सकता है। फैक्ट्रियों, पेट्रोल और सीएनजी पंपों के साथ साथ दुकानों पर भी पहले की तरह रौनक लौटने से कारोबार में भी बढ़ोतरी होगी। राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही शुरू होने से लाखों की संख्या में रोजाना वाहनों का फिर आवागमन होगा, इससे कारोबार को भी नई रफ्तार मिलेगी। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार की संभावनाएं फिर बनेंगी और इससे दुकानदारों को भी फायदा होगा।
विस्तार
किसानों को जत्थे को रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर पर लगाए गए अवरोधक को हटाने का काम सोमवार को जारी रहा। भारी भरकम सीमेंट के स्लैब और कंटेनर को हटाने के लिए बड़ी बड़ी मशीनें लगाई गई हैं। क्रेन और जेसीबी सहित दूसरे उपकरण भी लगाए गए हैं ताकि जल्द से जल्द वाहनों की आवाजाही शुरू हो सके। अवरोधकों का वजन कई क्विंटल है, इसलिए मशीनों से भी इन्हें हटाने में मशक्कतें पेश आ रही हैं। बड़े अवरोधकों को हटाने से पहले तोड़ा जा रहा है, मगर इससे इकट्ठा होने वाला मलबे का वजट टनों में है। इसे हटाने का काम भी युद्धस्तर पर चल रहा है ताकि ट्रैफिक को बाधाओं को सामना न करना पड़े।
जीटी करनाल रोड पर ट्रैफिक के चालू होने के बाद भी परेशानियां आएंगी, क्योंकि बीच मे फ्लाई ओवर का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए करीब 30 फीसदी सड़क पर निर्माण कार्य कई किलोमीटर तक चल रहा है। वाहनों की भारी तादाद के सड़क पर उतरते ही फिर सड़क पर सोनीपत तक जाम की स्थिति से जूझना पड़ सकता है। सड़क खुलने के इंतजार में आसपास के ग्रामीणों और दुकानोंदारों सहित पेट्रोल और सीएनजी पंप मालिकों को भी है। एक साल से बंद पड़े कारोबार को रफ्तार देने के लिए सभी जगह साफ सफाई का काम जोरों पर है।
भारी भरकम स्लैब को तोड़ने के साथ साथ हटाया भी जा रहा है। हटाने के बाद नजदीक में रखा जाने वाले मलबे का ढेर इतना अधिक हो गया है कि इसे हटाने में भी वक्त लगेगा। कुंडली की तरफ बनाए गए सभी टेंट हटा दिए गए हैं, इक्का दुक्का अगर थे तो उन्हें भी हटाने के लिए लोग लगे हुए थे। निगम कर्मियों ने इसे हटाने में काफी मेहनत और वक्त लगने की बात कहते हुए उम्मीद जताई कि बुधवार तक वाहनों की आवाजाही के लिए सड़क के खुलने की उम्मीद है। हालांकि सड़कों से सभी निर्माण को हटाने के बाद भी मलबे को हटाने में कुछ वक्त लगेगा। दिल्ली के इलाके में टेंट हटाने के बाद सुबह से ही निगम कर्मी साफ सफाई में जुट गए ताकि जल्द से जल्द रास्ते से रुकावटें कम हो सके। सिंघु बॉर्डर से नरेला की तरफ जाने वाली सड़क से भी किसानों का जत्था जा चुका है। मगर, इस सड़क पर भी बैरिकेड लगे हैं ताकि वाहनों के साथ लोग अंदर प्रवेश न कर सकें, इससे अवरोधकों को हटाने में और देरी हो सकती है।
90 फीसदी से अधिक निर्माण हटाए, सुबह तक पूरा होने की उम्मीद
सिंघु बॉर्डर पर बने मुख्य मंच को हटाने का काम करने वाली एजेंसी के प्रबंधक ने बताया कि सोनीपत में भी काफी हिस्से में जगह जगह टेंट और आशियाना बनाए गए थे। अभी तक 90 फीसदी से अधिक काम पूरा हो चुका है और कोशिश है कि मंगलवार दोपहर तक इसे पूरा कर लिया जाए। लेकिन प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए दीवार सरीखे अवरोधक को पार करना जितना मुश्किल था, उन्हें हटाना भी आसान नहीं है। बावजूद इसके पूरे दिन दोनों तरफ की सड़कों पर सामान्य वाहनों की आवाजाही बंद रही। बसें पहले की तरह करीब दो किलामीटर पहले ही रोक दी जा रही थी। कुंडली सीमा तक किसी साधन से पहुंचने वालों को आगे फिर पैदल चलना पड़ा ताकि दिल्ली के अलग अलग हिस्सों तक पहुंचने के लिए बस, ऑटो या दूसरे परिवहन साधनों को अपना सकें।
टोल प्लाजा खोलने की भी तैयारी
टोल प्लाजा को भी फिर से चालू करने के लिए तैयारियां की जा रही हैं। इस मार्ग पर खुदाई कर दी गई थी, जिन्हें भरने के बाद आगे से अवरोधक हटाने के बाद ही वाहनों की आवाजाही के लिए टोल प्लाजा को चालू किया जा सकेगा। सोमवार पूरे दिन सिंघु बॉर्डर पर अवरोधकों को हटाने का सिलसिला जारी रहा, इस कारण हर तरफ धूलकणों से धुंध रही। लंबे समय से ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को भी सड़कें खुलने का इंतजार है। टोल के बंद होने से वाहनों की आवाजाही बंद रही, नतीजतन टोल के मद में भी हर माह लाखों का नुकसान भी हो रहा है।
फिर लौटेगी रौनक, कारोबार में बढ़ोतरी की उम्मीद
बॉर्डर के बंद होने से कुंडली क्षेत्र की कई फैक्ट्रियां भी बंद रहीं। दोबारा इन्हें चालू होने में थोड़ा वक्त लग सकता है। फैक्ट्रियों, पेट्रोल और सीएनजी पंपों के साथ साथ दुकानों पर भी पहले की तरह रौनक लौटने से कारोबार में भी बढ़ोतरी होगी। राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही शुरू होने से लाखों की संख्या में रोजाना वाहनों का फिर आवागमन होगा, इससे कारोबार को भी नई रफ्तार मिलेगी। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार की संभावनाएं फिर बनेंगी और इससे दुकानदारों को भी फायदा होगा।
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