नई दिल्ली3 घंटे पहले
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दिल्ली मंडल के डीआरएम डिंपी गर्ग से मिलकर विस्तृत जानकारी मांगी
दिल्ली मंडल में एक बार फिर अनियमितता का मामला सामने आने के बाद उत्तर रेलवे के मुख्यालय बड़ौदा हाउस में हड़कंप मच गया है। जीएम ने इस मामले में सीनियर डीईएन स्टेट का ट्रांसफर कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में संलग्न सभी चार अधिकारियों पर गाज गिर सकती हैं।
चर्चा है कि किसी कॉन्ट्रेक्टर के शिकायत पर रेलवे सतर्कता विभाग द्वारा जांच में दिल्ली मंडल के पूर्व डीआरएम एससी जैन, एडीआरएम इन्फ्रा एके यादव, एडीआरएम प्रशांत के साथ सीनियर डीईएन स्टेट दीपक सिंह का नाम सामने आया है।
इस मामले में उत्तर रेलवे के जीएम आशुतोष गंगल ने 8 नवंबर सोमवार को सुबह प्रिंसिपल चीफ इंजीनियर(पीसीई)सीपी गुप्ता सहित एक अन्य अधिकारी काे अपने कार्यालय में बुलाकर एडीआरएम इन्फ्रा एके यादव, एडीआरएम प्रशांत कुमार और सीनियर डीईएन स्टेट दीपक सिंह सख्ती से तुंरत दिल्ली से बाहर तबादला करने का आदेश दिया था। इसके बाद सीनियर डीईएन स्टेट दीपक सिंह का तबादला 9 नंवबर को लखनऊ डिप्टी चीफ इंजीनियर ब्रिज वर्क्स शॉप कर दिया गया था।
इसके बाद 11 नवंबर को एडीआरएम इन्फ्रा एके यादव, एडीआरएम प्रशांत कुमार दोनों अधिकारियों के पद पर अनुपम सिंह और कॉफमो से अनिरुद्ध कुमार को नियुक्त कर दिया गया है। फिलहाल एडीआरएम इन्फ्रा एके यादव, एडीआरएम प्रशांत कुमार की पोस्टिंग कहां होगी यह ऑर्डर नहीं निकला है।
दिल्ली मंडल बना हुआ अनियमितता अड्डा
कॉन्ट्रेक्टरों का आरोप है कि दिल्ली मंडल के कई अधिकारी अपने चहेते कांन्ट्रेक्टरों के अलावा अन्य कॉन्ट्रेक्टरों का बिल फाइल, एक्सटेंशन रोक देते है। इसके बाद संबधित अधिकारी का खास दलाल कॉन्ट्रेक्टर से फाइल पास करवाने के लिए संपर्क करता है। बताया जाता है कि दिल्ली मंडल में बिना दलाल के दिल्ली मंडल के इन अधिकारियों से फाइल निकलवाना बेहद मुश्किल काम है। अधिकारी महीनों, महीनों फाइल को अपने टेबल पर रखकर बैठे रहते हैं। कुछ पीड़ित कॉन्ट्रेक्टरों ने बताया कि दिल्ली मंडल के एक सीनियर डीईएन पर भी कई कॉन्ट्रेक्टरों के फाइल दबा कर रखने का आरोप है। यही नहीं कॉन्ट्रेक्टरों का कहना है कि अपने स्तर पर जीएम से लेकर सीआरबी तक इस अधिकारी के कारगुजारी का शिकायत कर चुके हैं, पर इस अधिकारी को पीसीई का वरदहस्त बताया जा रहा है इसलिए इस अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
डीआरएम गर्ग बोले-ये मुख्यालय का मामला
इस खबर को लेकर दिल्ली मंडल के डीआरएम डिंपी गर्ग से मिलकर विस्तृत जानकारी मांगी। उन्होंने इसे मुख्यालय का मामला बताते हुए सीपीआरओ से बात करने को कहा। लेकिन मामला अनियमितता और विभागीय मिलीभगत का होने के कारण उत्तर रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने भी रेलवे का पक्ष नहीं रखा। उनसे फोन और व्हाट्सअप के माध्यम से संपर्क का प्रयास किया, लेकिन उनका जवाब नहीं आया।