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नई दिल्ली। उच्च न्यायालय ने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत मानहानि मामले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ निचली अदालत से जारी समन पर रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने विजेंद्र गुप्ता की समन को चुनौती याचिका पर कैलाश गहलोत व दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। गुप्ता ने याचिका में 1,000 लो फ्लोर बसों की खरीद में कथित अनियमितताओं पर अपमानजनक बयान देने के मामले में समन को चुनौती दी है। अदालत ने मामले पर अगली सुनवाई चार मार्च तय की है।
गुप्ता को दिल्ली के परिवहन मंत्री की शिकायत पर 11 अक्तूूबर को निचली अदालत ने बतौर आरोपी समन जारी कर 16 नवंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था। निचली अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया मानहानि के कथित अपराध के लिए गुप्ता को आरोपी के तौर पर समन भेजे जाने के पर्याप्त सबूत हैं।
वहीं, गुप्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अजय बर्मन ने हाईकोर्ट में दलील दी कि उनका मुवक्किल भारतीय दंड संहिता के तहत मानहानि के अपवादों के दायरे में आता है क्योंकि विपक्ष के नेता के तौर पर जन सेवा करते हुए ये बयान दिए गए।
गहलोत की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष वशिष्ठ ने कहा कि गुप्ता के ट्वीट ‘पूरी तरह निंदनीय’ है और ये किसी न्यायिक संस्था द्वारा ठोस निष्कर्ष पर पहुंचे बिना किए गए।
गुप्ता ने बसों की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।
नई दिल्ली। उच्च न्यायालय ने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत मानहानि मामले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ निचली अदालत से जारी समन पर रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने विजेंद्र गुप्ता की समन को चुनौती याचिका पर कैलाश गहलोत व दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। गुप्ता ने याचिका में 1,000 लो फ्लोर बसों की खरीद में कथित अनियमितताओं पर अपमानजनक बयान देने के मामले में समन को चुनौती दी है। अदालत ने मामले पर अगली सुनवाई चार मार्च तय की है।
गुप्ता को दिल्ली के परिवहन मंत्री की शिकायत पर 11 अक्तूूबर को निचली अदालत ने बतौर आरोपी समन जारी कर 16 नवंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था। निचली अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया मानहानि के कथित अपराध के लिए गुप्ता को आरोपी के तौर पर समन भेजे जाने के पर्याप्त सबूत हैं।
वहीं, गुप्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अजय बर्मन ने हाईकोर्ट में दलील दी कि उनका मुवक्किल भारतीय दंड संहिता के तहत मानहानि के अपवादों के दायरे में आता है क्योंकि विपक्ष के नेता के तौर पर जन सेवा करते हुए ये बयान दिए गए।
गहलोत की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष वशिष्ठ ने कहा कि गुप्ता के ट्वीट ‘पूरी तरह निंदनीय’ है और ये किसी न्यायिक संस्था द्वारा ठोस निष्कर्ष पर पहुंचे बिना किए गए।
गुप्ता ने बसों की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।