Noida International Airport News : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का रियलिटी चेक!, जेवर पहुंचे यूपी के मुख्य सचिव मनोज सिंह, निर्माण एजेंसियों को चेतावनी – "देरी बर्दाश्त नहीं होगी!", यमुना प्राधिकरण के सीईओ भी रहे मौजूद, 15 जून की डेडलाइन पर टिकी नजरें

जेवर, रफ्तार टुडे।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण कार्यों की प्रगति का जमीनी सच जानने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह मंगलवार को स्वयं जेवर पहुंचे। यह दौरा महज़ औपचारिक नहीं था, बल्कि एक सख्त प्रशासनिक संदेश देने वाला था—कि निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एयरपोर्ट साइट पर हाई-लेवल मीटिंग, ग्राउंड रिपोर्ट के साथ समीक्षा
मुख्य सचिव मनोज सिंह ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की साइट पर पहुंचकर कार्य प्रगति का मुआयना किया।
इसके बाद उन्होंने निर्माण में संलग्न सभी एजेंसियों और विभागों के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक में यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह और एयरपोर्ट निर्माण कंपनी Yamuna International Airport Pvt. Ltd. (YIAPL) के अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में मुख्य सचिव ने कहा –
“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश है कि तय समयसीमा पर काम पूरे हों। यदि कोई एजेंसी लापरवाही बरतती है, तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी।”
15 जून की डेडलाइन, जिम्मेदार एजेंसियों पर बढ़ा दबाव
एयरपोर्ट निर्माण कर रही कंपनी YIAPL ने वादा किया था कि 15 जून 2025 तक कई प्रमुख निर्माण कार्य जैसे रनवे लेवलिंग, टर्मिनल बेस स्ट्रक्चर और कंट्रोल टॉवर के बेसिक स्ट्रक्चर तैयार कर लिए जाएंगे। अब जब यह डेडलाइन पास आ चुकी है, तो प्रदेश के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी स्वयं कार्यों की स्थिति का रियलिटी चेक करने पहुंचे।
क्यों अहम है यह दौरा?
- यह दौरा बताता है कि मुख्यमंत्री कार्यालय इस प्रोजेक्ट को लेकर अत्यंत गंभीर है।
- नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार के “ब्रांड यूपी” अभियान का अहम हिस्सा है।
- यह दौरा उन अफवाहों और संदेहों का जवाब है, जिनमें एयरपोर्ट निर्माण में देरी और धीमी गति की बात कही जा रही थी।
क्या बोले अधिकारी?
बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया –
“मुख्य सचिव ने प्रत्येक एजेंसी से कार्यों की रिपोर्ट मांगी। उन्हें साफ कहा गया है कि जो भी काम तय समय पर पूरा नहीं होगा, उसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।”
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने कहा –
“हमारा फोकस रनवे, टर्मिनल और सड़क कनेक्टिविटी पर है। कार्य लगातार प्रगति पर हैं और डेडलाइन से पहले काम पूरा किया जाएगा।”

अब तक कितना काम हुआ?
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले फेज़ में जिन कार्यों की प्रगति हो चुकी है, वे इस प्रकार हैं:
- रनवे क्षेत्र की ज़मीन का लेवलिंग और स्ट्रेंथनिंग लगभग पूरा
- एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर (ATC) की नींव का काम शुरू
- टर्मिनल भवन की स्टील स्ट्रक्चर फेब्रिकेशन जारी
- परिधीय रोड और बिजली व्यवस्था के कार्य तेज़ी से चल रहे
चेतावनी का असर – अब हर सप्ताह समीक्षा बैठकें होंगी!
मुख्य सचिव ने बैठक में निर्देश दिया कि:
- हर सप्ताह प्रगति रिपोर्ट भेजी जाए
- यमुना प्राधिकरण, निर्माण कंपनी और जिला प्रशासन के बीच कोऑर्डिनेशन स्ट्रॉन्ग हो
- जनरल और तकनीकी बाधाओं को 72 घंटे में हल किया जाए
देश को मिलेगा एक और वर्ल्ड क्लास एयरपोर्ट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के पहले फेज़ की लागत लगभग ₹5,700 करोड़ है।
यह एयरपोर्ट न केवल दिल्ली NCR के लिए बल्कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और मध्यप्रदेश के लिए भी एक वैकल्पिक इंटरनेशनल हब बनने जा रहा है।
यहां से हर साल पहले फेज़ में 1.2 करोड़ यात्री उड़ान भर सकेंगे।
क्या कहता है जनमानस?
स्थानीय निवासी और उद्यमी राहुल चौधरी का कहना है –
“जब राज्य का मुख्य सचिव साइट पर आकर समीक्षा करे, तो यह भरोसा बढ़ता है कि यह प्रोजेक्ट कागज़ों में नहीं, हकीकत में आकार ले रहा है।”
✅ Raftar Today की ग्राउंड रिपोर्ट:
मुख्य सचिव मनोज सिंह का यह दौरा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण में एक नए मोड़ की शुरुआत है। यह सिर्फ एक समीक्षा नहीं, बल्कि एक संदेश है—कि उत्तर प्रदेश अब तेजी और समयबद्धता से विकास करेगा।
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