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नई दिल्ली। उच्च न्यायालय ने सभी जिला न्यायाधीशों से रिपोर्ट मांगी है जो अदालतें संबंधित पक्षों के अनुरोध पर हाइब्रिड या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा की अनुमति देने के निर्देश का पालन नहीं कर रही हैं। अदालत ने कहा पूरे विवरण सहित दो सप्ताह में रिपोर्ट पेश करें। इसके अलावा अदालत ने वकील के आग्रह पर उन्हें विडियो कांफ्रेंसिंग से पेश होने की इजाजत न देने पर संबंधित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ अनिल कुमार हजले द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में उन वकीलों को हाइब्रिड सुनवाई के जरिये पेश होने की छूट की मांग की गई है जो बीमारी से पीड़ित हैं और कोविड के कारण शारीरिक रूप से अदालत के सामने पेश होने में असमर्थ हैं। उन्होंने पीठ को बताया कि जिला अदालतें हाईकोर्ट की फुल कोर्ट के इस मुद्दे पर दिए निर्देशों के बावजूद हाइब्रिड सुनवाई की अनुमति नहीं दे रही हैं।
याची ने कहा उनके द्वारा वर्चुअल सुनवाई के अनुरोध के बाद पटियाला हाउस कोर्ट में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा उनके एक निजी मामले को खारिज कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अदालत के कर्मचारियों को बार-बार ईमेल और संचार करने के बावजूद, कोई जवाब नहीं मिला जिसके परिणामस्वरूप उनकी उपस्थिति दर्ज नहीं हुई और मामले को खारिज कर दिया गया।
अदालत ने अधिवक्ता मुकेश कुमार के माध्यम से दायर एक अन्य आवेदन पर भी नोटिस जारी कर संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है। अधिवक्ता ने कहा कि बार-बार अनुरोध के बावजूद, श्रम अदालतों, राजस्व मामलों को संभालने वाली अन्य अदालतों और राज्य कार्यालयों सहित अधिकांश अर्ध न्यायिक निकाय हाइब्रिड सुनवाई की अनुमति नहीं दे रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनकी उपस्थिति नहीं लगी।
नई दिल्ली। उच्च न्यायालय ने सभी जिला न्यायाधीशों से रिपोर्ट मांगी है जो अदालतें संबंधित पक्षों के अनुरोध पर हाइब्रिड या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा की अनुमति देने के निर्देश का पालन नहीं कर रही हैं। अदालत ने कहा पूरे विवरण सहित दो सप्ताह में रिपोर्ट पेश करें। इसके अलावा अदालत ने वकील के आग्रह पर उन्हें विडियो कांफ्रेंसिंग से पेश होने की इजाजत न देने पर संबंधित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ अनिल कुमार हजले द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में उन वकीलों को हाइब्रिड सुनवाई के जरिये पेश होने की छूट की मांग की गई है जो बीमारी से पीड़ित हैं और कोविड के कारण शारीरिक रूप से अदालत के सामने पेश होने में असमर्थ हैं। उन्होंने पीठ को बताया कि जिला अदालतें हाईकोर्ट की फुल कोर्ट के इस मुद्दे पर दिए निर्देशों के बावजूद हाइब्रिड सुनवाई की अनुमति नहीं दे रही हैं।
याची ने कहा उनके द्वारा वर्चुअल सुनवाई के अनुरोध के बाद पटियाला हाउस कोर्ट में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा उनके एक निजी मामले को खारिज कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अदालत के कर्मचारियों को बार-बार ईमेल और संचार करने के बावजूद, कोई जवाब नहीं मिला जिसके परिणामस्वरूप उनकी उपस्थिति दर्ज नहीं हुई और मामले को खारिज कर दिया गया।
अदालत ने अधिवक्ता मुकेश कुमार के माध्यम से दायर एक अन्य आवेदन पर भी नोटिस जारी कर संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है। अधिवक्ता ने कहा कि बार-बार अनुरोध के बावजूद, श्रम अदालतों, राजस्व मामलों को संभालने वाली अन्य अदालतों और राज्य कार्यालयों सहित अधिकांश अर्ध न्यायिक निकाय हाइब्रिड सुनवाई की अनुमति नहीं दे रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनकी उपस्थिति नहीं लगी।