Corruption Free India News : "किसानों से मारपीट करने वाले तहसीलकर्मियों को बर्खास्त कर जेल भेजो, नहीं तो होगा उग्र आंदोलन!", करप्शन फ्री इंडिया संगठन ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन, वीडियो के आधार पर FIR और गिरफ्तारी की मांग

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे।
गौतम बुद्ध नगर जिले की सदर तहसील में किसानों के साथ कथित तौर पर हुए दुर्व्यवहार, गाली-गलौज और मारपीट की घटना ने अब तूल पकड़ लिया है। पाली गांव निवासी एक किसान और उसके परिवार के साथ हुए इस बर्ताव को लेकर करप्शन फ्री इंडिया संगठन पूरी तरह से मुखर हो गया है। संगठन के प्रमुख सलाहकार डॉ. दीपक शर्मा और संस्थापक चौधरी प्रवीण भारतीय के नेतृत्व में मंगलवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम वेद प्रकाश को जिलाधिकारी के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा।
इस ज्ञापन में संगठन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि दोषी कानूनगो, पटवारी और अन्य कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त कर जेल नहीं भेजा गया, तो वृहद स्तर पर जनआंदोलन छेड़ा जाएगा।
🌾 जब अन्नदाता ही तहसील में पिटने लगे, तो कैसा लोकतंत्र?
संगठन के संस्थापक चौधरी प्रवीण भारतीय ने बेहद तीखे शब्दों में इस घटना की निंदा करते हुए कहा:
“देश के अन्नदाता को यदि सरकारी दफ्तरों में गालियां और थप्पड़ मिलेंगे, तो लोकतंत्र की आत्मा कराह उठेगी। पाली गांव के किसान और उसके परिजनों के साथ जो कुछ हुआ, वह सरकारी तंत्र में छिपे तानाशाही वायरस को उजागर करता है।”
उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब तहसील में कर्मचारियों ने इस तरह का व्यवहार किया है। सदर तहसील में भ्रष्टाचार, मनमानी और किसान विरोधी रवैये की शिकायतें आए दिन सामने आती हैं, लेकिन अब सब्र का बांध टूट चुका है।
🎥 वीडियो है सबूत – FIR दर्ज कर गिरफ्तारी हो: डॉ दीपक शर्मा
संगठन के प्रमुख सलाहकार डॉ. दीपक शर्मा ने बताया कि घटना की वीडियो फुटेज उपलब्ध है, जिसमें कर्मचारियों द्वारा किसान परिवार के साथ दुर्व्यवहार साफ-साफ देखा जा सकता है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि:
- वीडियो के आधार पर तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए।
- जिन कर्मचारियों की पहचान हो चुकी है, उन्हें सेवा से बर्खास्त कर जेल भेजा जाए।
- तहसील कार्यालय में काम करने वाले सभी कर्मचारियों की प्रशासनिक समीक्षा कराई जाए।
⚠️ नहीं हुआ न्याय तो तहसील पर होगा धरना, अनशन और प्रदर्शन
संगठन ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने एक सप्ताह के भीतर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, तो सदर तहसील कार्यालय पर धरना, आमरण अनशन और बड़े पैमाने पर किसान प्रदर्शन किया जाएगा। इस आंदोलन में न केवल पाली गांव के किसान बल्कि पूरे गौतम बुद्ध नगर के अन्य गांवों के लोग भी भाग लेंगे।
🧾 ज्ञापन सौंपते समय मौजूद थे ये प्रमुख चेहरे
इस दौरान करप्शन फ्री इंडिया संगठन की ओर से ज्ञापन देने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे:
- चौधरी प्रवीण भारतीय – संस्थापक, करप्शन फ्री इंडिया
- डॉ. दीपक शर्मा – प्रमुख सलाहकार
- दुलीचंद नागर – वरिष्ठ समाजसेवी
- कपिल कसाना – अधिवक्ता
- बॉबी गुर्जर – युवा किसान नेता
- अन्य स्थानीय नागरिक व सामाजिक कार्यकर्ता
📢 “किसानों की इज्जत न बची, तो ये आंदोलन एक जनक्रांति बनेगा” – चौधरी प्रवीण
प्रेस से बातचीत में चौधरी प्रवीण भारतीय ने कहा:
“यदि इस देश के किसान को न्याय नहीं मिला, तो ये आंदोलन केवल तहसील तक सीमित नहीं रहेगा। यह गांव-गांव से उठती जनक्रांति में तब्दील होगा। तहसीलें जनता की सेवा के लिए होती हैं, ना कि किसानों की बेइज्जती के अड्डे बनने के लिए।”
🧭 क्या है आगे की रणनीति?
संगठन ने ऐलान किया है कि यदि मांगें नहीं मानी जातीं तो:
- 7 दिन के भीतर चेतावनी प्रदर्शन होगा।
- 10 दिन बाद तहसील गेट पर आमरण अनशन शुरू होगा।
- 15 दिन बाद दिल्ली की ओर कूच किया जाएगा।
📲 जनता से अपील – सामने आएं, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं
संगठन ने गौतम बुद्ध नगर के सभी किसान संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों से अपील की है कि वे इस मुद्दे को केवल पाली गांव तक सीमित ना समझें।
“ये हमला एक किसान पर नहीं, बल्कि हर उस मेहनतकश नागरिक पर है, जो अपनी आवाज़ लेकर सरकारी दफ्तरों में जाता है।”
📌 प्रशासन की प्रतिक्रिया अब तक न के बराबर
रफ्तार टुडे की पड़ताल में यह सामने आया है कि अब तक प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई स्पष्ट कार्रवाई या बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि एसडीएम वेद प्रकाश ने ज्ञापन को स्वीकार किया और कहा कि वे इसे जिलाधिकारी को अग्रेषित करेंगे। लेकिन FIR या सस्पेंशन जैसी कोई कार्यवाही सामने नहीं आई है।
✍️ निष्कर्ष – अब जनता की चुप्पी नहीं, न्याय के लिए सड़कों पर उतरने का वक्त
इस घटनाक्रम ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि जनता चुप रही, तो सरकारी कार्यालयों में सत्ता का दुरुपयोग और बढ़ेगा। करप्शन फ्री इंडिया संगठन का यह आंदोलन लोकतांत्रिक विरोध की एक मजबूत मिसाल बन सकता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन जनता के साथ खड़ा होता है या कर्मचारियों की ढाल बनता है।
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