Samajwadi Party MLA On Kisan News: सरधना विधायक अतुल प्रधान को किसानों से मिलने से रोका, बील सिरसा टोल पर पुलिस से तीखी नोकझोंक, आंदोलन को लेकर बढ़ा विवाद, पुलिस और किसान नेताओं के बीच तीखी बहस
ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। गौतम बुद्ध नगर में चल रहे किसान आंदोलन ने शनिवार को उस समय और तूल पकड़ लिया, जब सरधना विधायक अतुल प्रधान को जेल में बंद किसानों से मिलने के लिए जाते समय बील सिरसा टोल पर पुलिस प्रशासन द्वारा रोक दिया गया। इस दौरान पुलिस और विधायक के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।
किसान आंदोलन से जुड़ी यह घटना उस समय हुई जब विधायक अतुल प्रधान के साथ किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आलोक नागर, किसान नेता टीकम नागर, बबली नागर, लोकेश भाटी, और कई अन्य किसान नेता भी मौजूद थे।
किसानों से मिलने पर अड़े अतुल प्रधान
पुलिस द्वारा रोके जाने पर सरधना विधायक अतुल प्रधान ने स्पष्ट कहा, “मैं शांतिपूर्वक किसानों से मिलने जा रहा था। उन्हें धमकाया जा रहा है, जेल में डाला जा रहा है। यह तानाशाही नहीं चलेगी। जब तक जेल में बंद किसानों से मिल नहीं लूंगा, यहां से नहीं जाऊंगा।”
उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध नगर में आंदोलनरत किसान शांतिपूर्ण धरने पर बैठे हैं, लेकिन प्रशासन उन्हें डराने और धमकाने में जुटा है। अतुल प्रधान ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि वे हर हाल में उनके साथ खड़े हैं।
पुलिस और नेताओं के बीच तीखी बहस
बील सिरसा टोल पर पुलिस प्रशासन ने विधायक को आगे बढ़ने से रोका। इस पर विधायक अतुल प्रधान और पुलिस अधिकारियों के बीच काफी नोकझोंक हुई। प्रशासन का कहना था कि जेल के आसपास कानून व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है।
वहीं, विधायक और किसान नेताओं ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया। इस बीच, किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा के उपाध्यक्ष आलोक नागर ने प्रशासन की इस कार्रवाई को तानाशाही रवैया करार दिया। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन किसानों के अधिकारों की लड़ाई है और इसे दबाने का हर प्रयास नाकाम होगा।
किसानों के प्रति तानाशाही बर्दाश्त नहीं: अतुल प्रधान
अतुल प्रधान ने किसानों की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर सरकार का यह रवैया लोकतंत्र के खिलाफ है।
उन्होंने कहा, “हम किसानों के अधिकारों के लिए आखिरी दम तक खड़े रहेंगे। प्रशासन का यह रवैया अन्यायपूर्ण है और हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि गौतम बुद्ध नगर के किसानों के साथ सरकार का व्यवहार अवांछनीय है। किसान अपने हक के लिए लड़ रहे हैं और इस लड़ाई में वे अकेले नहीं हैं।
किसान नेताओं की मौजूदगी और समर्थन
घटना के दौरान बड़ी संख्या में किसान नेता और समर्थक मौके पर मौजूद थे। इनमें प्रमुख रूप से आलोक नागर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा, टीकम नागर, किसान नेता, बबली नागर, प्रमुख किसान नेता, लोकेश भाटी, युवा किसान नेता, नितिन अवाना और गोलू विपिन नागर इन सभी ने एक स्वर में कहा कि किसानों के साथ हो रहे अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
किसान आंदोलन: बढ़ती जा रही है तनाव की स्थिति
गौतम बुद्ध नगर में किसान आंदोलन के दौरान प्रशासन और किसानों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।
किसानों की मांगें: भूमि अधिग्रहण का उचित मुआवजा, लीजबैक, और अन्य वादों का पालन।
प्रशासन का रुख: कानून व्यवस्था बनाए रखना और प्रदर्शनकारियों को सीमित करना। हालांकि, इस घटनाक्रम ने आंदोलन को और उग्र बना दिया है। किसान अब पहले से ज्यादा आक्रामक रूप में नजर आ रहे हैं।
आंदोलन को और धार देने की तैयारी
किसानों और उनके नेताओं ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे आंदोलन को और व्यापक बनाएंगे। अतुल प्रधान ने कहा कि वे किसानों के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कितनी भी चुनौती झेलनी पड़े।
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