प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि क़ानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद आज संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक चल रही है। बैठक के बाद किसानों की अगली रणनीति का एलान किया जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी की बैठक शुरू हुई। बैठक में आगे की रणनीति तैयार करने पर मंथन किया जा रहा है। बैठक के बाद किसानों की अगली रणनीति का एलान किया जाएगा। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि क़ानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी।
एमएसपी की गारंटी वाले कानून तक जारी रहेगा आंदोलन: संयुक्त मोर्चा
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को बयान जारी किया है कि अभी उनकी लड़ाई पूरी नहीं हुई। न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून लागू होने तक आंदोलन जारी रहेगा। कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा को किसानों के धैर्य की ऐतिहासिक जीत करार देते हुए मोर्चा ने कहा, कानून वापसी की संसदीय प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने मोदी के फैसले का स्वागत तो किया लेकिन साथ ही आंदोलन के एक वर्ष के दौरान लगभग 700 किसानों की मौत के लिए केंद्र सरकार की जिद को जिम्मेदार ठहराया। जारी बयान में मोर्चा ने कहा, लखीमपुर में किसानों की हत्या भी सरकार के रवैये का ही नतीजा है।
मोर्चा ने इस मामले में केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी की मांग भी दोहराई। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य ऋषि पाल अंबावत ने अमर उजाला को बताया कि अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग को लेकर मोर्चे का 22 नवंबर को लखनऊ में होने वाला आंदोलन जस का तस रहेगा। यही नहीं, मोर्चे के सदस्य अपनी मांगों को माने जाने तक पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव के दौरान हर क्षेत्र में बीजेपी के उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार भी करेंगे।
मोर्चे के सदस्य अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, अगले दो दिनों में होने वाली मोर्चा की बैठक में आंदोलन के अगले स्वरूप पर फैसला लिया जाएगा। फिलहाल अधिकतर सदस्यों में अनौपचारिक बातचीत के बाद आंदोलन आगे जारी रखने पर सहमति बनी है।
बाकी है अभी ये मांगें
संसद के शीत सत्र में ही विधेयक लाकर निरस्त हों कानून
फसलों के एमएसपी पर कानूनी गारंटी दें
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करें
शांतिपूर्ण आंदोलन करने वाले किसानों के खिलाफ मामले वापस लें
जल्द वार्ता की उम्मीद
संयुक्त किसान मोर्चा को उम्मीद है कि सरकार संसद सत्र से पहले ही शेष मांगों के निपटारे के लिए मोर्चे के साथ एक बैठक बुलाएगी। आरंभिक दौर में हुई वार्ता के दौरान सरकार पराली और बिजली शुल्क जैसे मामलों पर फैसला ले चुकी थी। लेकिन आदेश पारित होने अभी बाकी हैं। मोर्चे की अपेक्षा है कि इन्हीं के साथ एमएसपी पर भी फैसला हो जाए।
विस्तार
संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी की बैठक शुरू हुई। बैठक में आगे की रणनीति तैयार करने पर मंथन किया जा रहा है। बैठक के बाद किसानों की अगली रणनीति का एलान किया जाएगा। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि क़ानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी।
एमएसपी की गारंटी वाले कानून तक जारी रहेगा आंदोलन: संयुक्त मोर्चा
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को बयान जारी किया है कि अभी उनकी लड़ाई पूरी नहीं हुई। न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून लागू होने तक आंदोलन जारी रहेगा। कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा को किसानों के धैर्य की ऐतिहासिक जीत करार देते हुए मोर्चा ने कहा, कानून वापसी की संसदीय प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने मोदी के फैसले का स्वागत तो किया लेकिन साथ ही आंदोलन के एक वर्ष के दौरान लगभग 700 किसानों की मौत के लिए केंद्र सरकार की जिद को जिम्मेदार ठहराया। जारी बयान में मोर्चा ने कहा, लखीमपुर में किसानों की हत्या भी सरकार के रवैये का ही नतीजा है।
मोर्चा ने इस मामले में केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी की मांग भी दोहराई। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य ऋषि पाल अंबावत ने अमर उजाला को बताया कि अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग को लेकर मोर्चे का 22 नवंबर को लखनऊ में होने वाला आंदोलन जस का तस रहेगा। यही नहीं, मोर्चे के सदस्य अपनी मांगों को माने जाने तक पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव के दौरान हर क्षेत्र में बीजेपी के उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार भी करेंगे।