श्री धार्मिक रामलीला कमेटी सेक्टर पाई-1के मंचन की शुरुआत रावण की अशोक वाटिका में भगवान बजरंगबली के फल तोड़कर खाने और उसको तहस.नहस करने सी हुई
ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के तत्वाधान में सेक्टर पाई स्थित रामलीला मैदान में गोस्वामी सुशील जी महाराज के दिशा दिशा निर्देशन में रामलीला का मंचन राजस्थान के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों द्वारा किया जा रहा है। मंगलवार को लीला के मंचन में मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली से भाजपा सांसद रमेश विधूडी, एमएलसी शिक्षक श्रीचंद शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष अमित चौधरी, गौतमबुद्धनगर भाजपा जिलाध्यक्ष विजय भाटी, जिला पंचायत सदस्य देवा भाटी और विशिष्ठ अतिथियों में भाजपा नेता मनवीर नागर, मुकेश नागर, रालोद नेता अजीत सिंह दौला,मुस्लिम धर्म गुरू मौहम्मद शकील, जज अनिल सिंह और स्नेहलता आदि ने विधिवत पूजा अर्चना के बाद रामलीला का शुभारंभ किया। भाजपा दिल्ली सासंद रमेश विधडू और एमएलसी शिक्षक श्रीचंद शर्मा मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके आदर्शो पर चलने की बात कही। श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने मुख्य अतिथि और विशिष्ठ अतिथियों का स्वागत पटका पहना और स्मृति चिन्ह भेंट करके किया।
श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के अध्यक्ष आनंद भाटी ने बताया कि मंगलवार को मंचन की शुरुआत रावण की अशोक वाटिका में भगवान बजरंगबली के फल तोड़कर खाने और उसको तहस.नहस करने सी हुई।
अशोक वाटिका का तहस.नहस करने के पीछे हनुमान जी का एक उद्देश्य था, जिससे वह शत्रु की शक्ति का अंदाजा भी लगा सके, वहां पर रावण का पुत्र अक्षय कुमार हनुमान जी को बंदी बनाने आता है और हनुमान जी उसका वध कर देते हैं फिर रावण का बड़ा और सबसे शक्तिशाली बेटा मेघनाथ आता है ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करता है, वरदान के कारण राम भक्तों को कुछ नहीं हो सकता था, लेकिन ब्रह्मा का अस्त्र होने के कारण हनुमान जी खुद उस के बंधन में बंध गए और रावण के समक्ष प्रस्तुत हुए। उन्होंने बताया कि रावण ने अंत में हनुमान जी को सजा देने के लिए उनकी पूछ में आग लगाने का आदेश दे दिया। आग लगाई गई परिणाम यह हुआ कि पूरी सोने की लंका जलकर खाक हो गई। श्री धार्मिक रामलीला कमेटी की महासचिव ममता तिवारी ने बताया कि हनुमान जी की सूचना के बाद भगवान श्रीराम ने पूरी वानर सेना के साथ लंका की तरफ प्रस्थान कर दिया। कोषाध्यक्ष अजय नागर ने बताया कि भगवान श्री राम रावण को एक अंतिम मौका देना चाहते थे इसीलिए अंगद को दूत बनाकर रावण के पास भेजा।
मीडिया प्रभारी धीरेंद्र भाटी ने बताया कि उसके बाद श्री राम की सेना और रावण की सेना में युद्ध छिड़ गया और भयंकर युद्ध हुआ । भगवान लक्ष्मण और मेघनाथ का युद्ध होता है और भगवान लक्ष्मण के द्वारा मेघनाथ का वध होता है, उसके पश्चात कुंभकरण के साथ भगवान श्री राम का युद्ध होता है और कुंभकरण भी मृत्यु को प्राप्त हो जाता है, तत्पश्चात रावण और भगवान श्री राम का अति भयंकर युद्ध होता है।
विभीषण जाकर भगवान राम को बताते हैं कि इसके नाभि में अमृत है उसपर अग्निबाण का प्रहार करें, जिससे वह अमृत जल जाएगा तब इसकी मृत्यु होगी और इस प्रकार रावण का भी अंत हो जाता है और यह पृथ्वी इस अताताई से हमेशा हमेशा के लिए मुक्त हो जाती है और फिर असत्य पर सत्य की विजय होती है पूरे संसार में धर्म की पुनः स्थापना होती है।
इस अवसर पर कमेटी के संस्थापक एडवोकेट राजकुमार नागर, शेर सिंह भाटी, संरक्षक सिंह हरवीर मावी, सुशील नागर, बालकिशन सफीपुर, सतीश भाटी, पंडित प्रदीप शर्मा, अध्यक्ष आनंद भाटी, महासचिव श्रीमती ममता तिवारी, कोषाध्यक्ष अजय नागर, मीडिया प्रभारी धीरेंद्र भाटी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेश शर्मा बदौली और जितेंद्र भाटी, सुभाष भाटी, योगेंद्र भाटी, उमेश गौतम, नरेंद्र भाटी, मनोज गुप्ता, रोशनी सिंह, फिरे प्रधान, सतवीर मुखिया, प्रधान सुनील खारी, गजेंद्र शर्मा, वीरपाल मावी, अरुणा शर्मा, अतुल आनंद सिंह, ज्योति सिंह आदि उपस्थित रहे।