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Stones being removed by crane, present at Delhi Police Border; The police themselves are cutting barbed wire with a cutter | टिकैत बोले- रास्ते खुले तो हम भी फसल बेचने संसद जाएंगे, बॉर्डर पर फोर्स तैनात

गाजियाबाद9 मिनट पहले

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गाजीपुर बॉर्डर से 11 महीने बाद दिल्ली पुलिस बैरीकेड्स हटा रही है। अब जल्द ही रास्ता खुलने की उम्मीद है। - Dainik Bhaskar

गाजीपुर बॉर्डर से 11 महीने बाद दिल्ली पुलिस बैरीकेड्स हटा रही है। अब जल्द ही रास्ता खुलने की उम्मीद है।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद दिल्ली पुलिस ने यूपी-दिल्ली बॉर्डर (गाजीपुर) से शुक्रवार सुबह बैरिकेड्स हटाने शुरू कर दिए हैं। अभी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के ऊपर बैरिकेड्स हटाए जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस के अधिकारी और फोर्स मौके पर है। क्रेन से बड़े-बड़े पत्थरों को हटाकर साइड में रखा जा रहा है।

बैरिकेडिंग के ऊपर लगे लोहे के कंटीले तारोंं को पुलिस खुद कटर से काट रही है। मौके पर मौजूद दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि हमें ऊपर से आदेश हैं, इसलिए बैरिकेडिंग हटा रहे हैं।

उम्मीद है कि अब जल्द ही यूपी से दिल्ली जाने वाला रास्ता खुल सकेगा। जो 11 महीने से बंद चल रहा है। एक दिन पहले दिल्ली पुलिस ने दिल्ली से हरियाणा जाने वाली एक लेन पर बैरिकेड्स हटाए थे, जो टीकरी बॉर्डर के नजदीक लगे हुए थे।

किसानों के प्रदर्शन की वजह से यह बॉर्डर 11 महीने से बंद चल रहा था।

किसानों के प्रदर्शन की वजह से यह बॉर्डर 11 महीने से बंद चल रहा था।

हमारी लड़ाई रास्ते की कभी नहीं रही
इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का बड़ा बयान आया है। टिकैत ने कहा कि रास्ते खुलेंगे, हम भी अपनी फसल बेचने के लिए संसद भवन जाएंगे। हम 11 महीने से बॉर्डर पर बैठे हैं। हमें दिल्ली जाना है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसान अपनी फसल कहीं भी बेच सकते हैं।

जिन किसानों की फसल नहीं बिक रही है, पहले उस फसल को ट्रैक्टर में संसद भवन के नजदीक ले जाकर बेचा जाएगा। टिकैत ने कहा कि हमने कभी रास्ते नहीं रोके। न ही यह हमारा काम है। हमारी लड़ाई रास्ते की कभी नहीं रही। हमारी लड़ाई तीन कृषि कानूनों को लेकर है।

पत्थरों और कंटीले तारों को हटाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है।

पत्थरों और कंटीले तारों को हटाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है।

26 नवंबर 2020 से धरने पर हैं किसान
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर 2020 को यूपी के किसान जब दिल्ली जा रहे थे, दिल्ली पुलिस ने उन्हें गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया था। उसी वक्त किसान बॉर्डर पर टैंट-तंबू लगाकर धरने पर बैठ गए थे। गाजीपुर की तरह सिंघु, टीकरी और शाहजहांपुर बॉर्डर पर भी किसान पिछले 11 महीने से धरने पर बैठे हैं।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से हरकत में दिल्ली पुलिस
पिछले दिनों रास्ता रोकने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि किसान प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन रास्ता नहीं रोक सकते। इसके बाद गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने एक बड़े तंबू का पर्दा हटाकर यह दिखाने का प्रयास किया था कि रास्ते हमने नहीं, पुलिस ने रोके हैंं। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद दिल्ली पुलिस बैरिकेडिंग हटा रही है।

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