राधा चौधरी एंड पार्टी, कर्मवीर बैंसला और सहकलाकार सुंदर जेनई, मुस्कान, बेबी, मिनी सपना चौधरी, बिशन फजलगढ आदि कलाकारांं की रही रागनियांं की धूम
माता पिता सा दुनियां में मंदिर कोई आलीशान नही। माता पिता सा उंचा दर्जा ले सकता भगवान नही। भजन की प्रस्तुति देते हुए लोगांं को मंत्रमुग्ध कर दिया
सूरजपुर रफ्तार टुडे । सूरजपुर में चल रहे प्राचीन ऐतिहासिक बाराही मेला-2022 के तीसरे दिन शनिवार को रागनियों की धूम रही। राधा चौधरी एंड पार्टी, कर्मवीर बैंसला और बिशन फजलगढ रागनी कलाकारों ने धार्मिक, सामाजिक और ऐतिहासिक प्रसंग से रागनियों की प्रस्तुत देते हुए समा बांध दिया। वहीं लोक कला संस्कृति मंच से राजस्थान से आए राजबाल सपेरा एंड पार्टी के कलाकारों ने कार्यक्रमांं की प्रस्तुतियां देते हुए हरियाणा और राजस्थान की संस्कृति की छटा बिखेरी। कच्ची घोडी, बीन पार्टी और भंगडा, फांग डांस की प्रस्तुतियां दर्शकों को बरबस की अपनी ओर खींचती हुई दिखाई पड रही हैं। शनिवार को बाराही मेला-2022 देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड उमडती हुई दिखाई दी। बाराही मेले में खेल तमाशांं की श्रंखला मेंं 12 डी राईजर इनोवेशन सिनेमा, जो पहली आया है जहां दर्शकों का कोतुहल देखा गया।
इसके अलावा शहनाज- मेटिंग गर्ल यानी रूप बदलने वाली लडकियां, न्यू राजधानी म्युजिकल सर्कस यानी जादूगर शो, भूत बंगला जहां घने अंधरे में भूतांं का खुला तांडव दिखाई दिया, हैरत अंग्रेज कारनामेंं के साथ जियो सर्कस, मौत का कुआ जहां 2 बाइकें और 1 कार एक साथ दौडती हुई लोगों को दांतों तले उंगली दबाने के लिए मजबूर रही थी, इसके साथ ही अलग अलग तरह के झूले और बच्चों के लिए मिक्की माउस लगतार मनोरंजन करते हुए खास आकषर्ण का केंद्र बने हुए हैं। बाराही मेले की प्राचीनता पर सरोवर जहां स्नान करने भर से ही चर्म रोग छू मंतर हो जाते हैं बच्चे स्नान करते हुए अठखेलियां करते हुए नजर आते हैं।
जनजीवन पर आधारित दैनिक उपयोग की वस्तुओं में प्राचीनकालीन बाराही मेले की प्रमुख धरोहर चौपाल पर विशाल रूप और आकर का हुक्का, रई, पीढा और खाट यानी चारपाई आदि प्रमुख आकषर्ण का केंद्र बनी हुई हैं। शनिवार को प्रति दिन की भांति बाराही मेले के सर्वोत्तम मंच संस्कृति मंच से रात्रिकालीन कार्यक्रमों की शुरूआत सरस्वती वंदना और आरती के साथ हुई।
राधा चौधरी एंड पार्टी, कर्मवीर बैंसला और बिशन फजलगढ रागनी कलाकारों ने धार्मिक, सामाजिक और ऐतिहासिक विषयों से रागनियों की प्रस्तुत देते हुए समा बांध दिया। नन्ही बेटी पलक राजपूत ने ओम नमः शिवाय की शास्त्रीय संगीत के साथ प्रस्तुति देते हुए लोगांं को मंत्रमुग्ध कर दिया। नवोदित कलाकार वंश नागर ने तीर ऐसा लगा, दर्द ऐसा लगा- सांग की प्रस्तित देते हुए खूब तालियां बटोरीं।
रागनी कालाकारों में सुंदर जेनई ने- माता पिता सा दुनियां में मंदिर कोई आलीशान नही। माता पिता सा उंचा दर्जा ले सकता भगवान नही।। भजन की प्रस्तुति देते हुए लोगांं को मंत्रमुग्ध कर दिया। राधा चौधरी ने आजादी के दीवानों को याद करते हुए- आसमान तक गूंज गई, आजादी के नारों की। मरने वाले मरे देश पे, मौज रही गद्दारों की।। की रागनी प्रस्तुत की। कर्मवीर बैंसला, बिशन फजलगढ ने कई तरह की रागनियां प्रस्तुत कीं।
मुस्कान बेबी ने कीचक और द्रौपदी प्रसंग से रागनी की प्रस्तुति में सुंदर जेनई का खूब साथ निभाया। अंत में राधा चौधरी ने भ्रण हत्या पर आधारित — ओ बाबुल प्यारे, बेटी करती पुकार, क्यां गर्भ में दिया मार, छिना जीने का अधिकार- रागनी प्रस्तुत करते हुए खूब वाहवाही बटोरी। हरियाणा से आई मिनी सपना चौधरी डांसर ने नृत्य प्रस्तुत कर खूब धमाल मचाया। मीडिया प्रभारी मूलचंद शर्मा ने बताया कि दिनांक 18 अप्रैल-2022, सोमवार की सांय हरियाणा और राजस्थानके कलाकारों तथा विभिन्न स्कूलांं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।
जब कि रात्रिकालीन रागनियों के रंगारंग कार्यक्रमों में नरेश भाटी, हरेंद्र नागर, सुषमा, डॉली और पिंकी आदि कलाकार खास प्रस्तुतियां देंगे। उन्होंने बताया कि 26 अप्रैल-2022 तक प्रतिदिन प्राचीनकलीन बाराही मेले में अलग अलग लोक कलाकारों की मंडलियां रागनियों की खास प्रस्तुतियां देती रहेंगी। साथ उंट की सवारी भी बाराही मेले में खासा आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। बाराही मेले के अंतिम दिन 26 अप्रैल को दोपहर 2.30 बजे से 101 रूपये से लेकर 31000 रूपये तक के दंगल में दूर दूर से आकर पहलवान अपनी मल्ल कला का प्रदर्शन करेंगे।
इस मौके पर कार्यक्रम मे चौधरी धर्मपाल भाटी प्रधान, ओमवीर बैंसला, लक्ष्मण सिंघल, मूलचंद शर्मा और धर्मवीर तंवर, हरिकिशन, प0 राजेश ठेकेदार, सुनील सौनिक, ब्रहम सिंह नागर, रवि भाटी, राजवीर शर्मा, तोलाराम आदि मेला समिति के पदाधिकारी और गणमान्यजन उपस्थित रहे।