दिसंबर की शुरुआत में रोहिणी जिला कोर्ट में हुए बम धमाके के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक भारत भूषण कटारिया को गिरफ्तार किया है। पुलिस का आरोप है कि वैज्ञानिक ने अपने पड़ोसी वकील अमित वशिष्ठ को जान से मारने के इरादे से एक टिफिन बॉक्स में आईईडी रखकर उसे कोर्ट के कमरा नंबर 102 में रखा था। 9 दिसंबर को हुए इस धमाके में हवलदार राजीव घायल हो गए थे। पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के मुताबिक रोहिणी कोर्ट में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगालने के बाद पुलिस आरोपी तक पहुंची। 47 वर्षीय कटारिया 9 दिसंबर को वकील के कपड़ों में सुबह 9:33 बजे कोर्ट में दाखिल हुआ। उसके हाथ में दो बैग थे। 10:35 बजे जब वह बाहर निकला, तो उसके हाथ में एक ही बैग था। कटारिया ने कोर्ट के कमरा नंबर 102 में अपना एक बैग छोड़ा था, इसमें एक टिफिन था जिसके अंदर उसने आईईडी रखा था।
कोर्ट से बाहर निकल कर उसने रिमोट के जरिये धमाका किया। दिल्ली पुलिस ने जब कटारिया के घर की तलाशी ली तो वहां से घटना से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री और आईईडी भी जब्त किये।
40 दिन से धमाके की साजिश रच रहा था वैज्ञानिक
रोहिणी अदालत में धमाका करने के लिए वैज्ञानिक 40 दिन से साजिश रच रहा था। बम को तैयार करने के लिए उसने अलग-अलग जगहों से सामान खरीदा था। कुछ सामान की उसने ऑनलाइन खरीदारी की थी। उसके बाद उसने रिमोट से संचालित होने वाला विस्फोटक तैयार कर लिया।
विस्फोटक की जांच में पता चला कि धमाका के दौरान विस्फोट वाली सामग्री में नहीं बल्कि डेटोनेटर में धमाका हुआ था। इसलिए नुकसान कम हुआ था। अगर पूरी तरह से धमाका होता तो नुकसान काफी होता। वैज्ञानिक ने टिफिन बम को रिमोट आधारित बनाया।
जिसमें लोहे की कील, छर्रे और मोटरसाइकिल में इस्तेमाल होने वाली बैटरी, कांच के टुकड़े, वायर सार्किट, रिमोट और सफेद रंग का अमोनियम नाइट्रेट पाउडर का इस्तेमाल किया था। बम को प्लांट करने के लिए उसने वकील के कोर्ट पहुंचने का समय पता किया। उसके आने के बाद उसकी कुर्सी के पीछे बैग को रख दिया और रिमोट से उसमें धमाका कर दिया।