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LG Chowk To Sharda University Road News : 20 साल पुराना रोड ब्लॉक हटेगा!, एलजी चौक से शारदा गोलचक्कर तक अधूरी सड़क को मिलेगी नई रफ्तार, टी-सीरीज़ की ज़मीन का होगा अनिवार्य अधिग्रहण, अब कोर्ट नहीं, क्रेन चलेगी!

रवि कुमार एनजी, सीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने रफ़्तार टुडे से बातचीत में बताया कि पब्लिक की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सड़क का निर्माण बहुत आवश्यक है। एलजी चौक से शारदा गोलचक्कर तक अधूरी पड़ी सड़क का निर्माण भी प्राधिकरण की प्राथमिकता है। सिर्फ रोड की जमीन के लिए अधिग्रहण की प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है। जिला प्रशासन ने जारी की अधिसूचना की तैयारी, ग्रेटर नोएडा में ट्रैफिक राहत की बड़ी सौगात,


ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।
ग्रेटर नोएडा में एक बहुप्रतीक्षित अधूरी सड़क को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। एलजी चौक से शारदा गोलचक्कर तक की अधूरी सड़क, जो पिछले दो दशकों से कानूनी पेंच और ज़मीन विवादों में उलझी हुई थी, अब आखिरकार पूरी होगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 19.8 हेक्टेयर विवादित जमीन का अनिवार्य अधिग्रहण करने का निर्णय लिया है, जिससे न केवल सड़क का निर्माण शुरू हो सकेगा, बल्कि क्षेत्र के लाखों निवासियों को ट्रैफिक से राहत भी मिलेगी।


जहां सड़क खत्म होती थी, वहीं से अब विकास शुरू होगा

इस सड़क की अधूरी स्थिति ने परी चौक, नॉलेज पार्क, इंडिया एक्सपो मार्ट और हिंडन पुल क्षेत्र के यातायात को बुरी तरह प्रभावित किया था। मात्र एक किलोमीटर की यह अधूरी कड़ी पूरा ग्रेटर नोएडा और नोएडा सेक्टर 150 के बीच की कनेक्टिविटी को छिन्न-भिन्न किए बैठी थी। अब जब इसपर प्रशासन की सख्ती से कार्रवाई शुरू हुई है, तो उम्मीद है कि यह इलाका यातायात के साथ-साथ आर्थिक विकास में भी तेज़ी देखेगा।


2009 में बनी आधी सड़क, 2025 में होगा काम पूरा!

एलजी चौक से शारदा गोलचक्कर तक की यह सड़क पहले 2009 में ही प्रस्तावित थी। एक तरफ की सड़क बना दी गई थी लेकिन दूसरी ओर का काम टी-सीरीज कंपनी और प्राधिकरण के बीच ज़मीन के विवाद के चलते लटक गया। गुलशन कुमार द्वारा 1987 में खरीदी गई 300 एकड़ जमीन में से एक हिस्सा सड़क निर्माण के लिए लिया गया, जिसके बदले जमीन देने का वादा किया गया, लेकिन वह पूरा नहीं हो सका।


कोर्ट तक पहुंचा विवाद, अब प्रशासन लेगा ज़मीन अपने अधिकार में

जब प्राधिकरण ने अपना वादा पूरा नहीं किया, तो टी-सीरीज कंपनी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका डाल दी और अदालत ने प्राधिकरण को सड़क निर्माण से रोक दिया। इसके चलते इस इलाके में सड़क के दूसरी ओर का निर्माण बंद पड़ा रहा। अब प्रशासन ने धारा 11 के तहत अधिसूचना जारी कर अनिवार्य अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।


मार्च 2025 में समझौता प्रस्ताव भी हुआ था नामंजूर

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 29 मार्च 2025 को आयोजित अपनी बोर्ड बैठक में एक सशर्त समझौता प्रस्ताव पास किया था, जिसके अनुसार:

  • 196 एकड़ में से 40% ज़मीन को बाहरी विकास शुल्क के तहत वापस किया जाता।
  • 60% ज़मीन सर्किल रेट पर अधिग्रहित की जाती।

लेकिन टी-सीरीज कंपनी इस प्रस्ताव से भी संतुष्ट नहीं हुई, और नतीजतन प्राधिकरण को कानूनी प्रावधानों के तहत अनिवार्य अधिग्रहण का मार्ग चुनना पड़ा।


🚦 इस अधूरी सड़क ने रोका पूरे शहर का ट्रैफिक फ्लो

यह अधूरी सड़क न केवल परी चौक पर जाम की मुख्य वजह बनती रही, बल्कि नॉलेज पार्क के 60 से अधिक शिक्षण संस्थानों, इंडिया एक्सपो मार्ट, और नोएडा से ग्रेटर नोएडा के लिंकिंग पॉइंट्स को बुरी तरह प्रभावित करती रही। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू होने के बाद इस मार्ग की आवश्यकता और अधिक बढ़ जाएगी, क्योंकि तब ट्रैफिक दबाव कई गुना हो जाएगा।


क्या बोले प्राधिकरण के सीईओ?

रवि कुमार एनजी, सीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने रफ़्तार टुडे से बातचीत में बताया कि पब्लिक की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सड़क का निर्माण बहुत आवश्यक है। एलजी चौक से शारदा गोलचक्कर तक अधूरी पड़ी सड़क का निर्माण भी प्राधिकरण की प्राथमिकता है। सिर्फ रोड की जमीन के लिए अधिग्रहण की प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है।

“एलजी चौक से शारदा गोलचक्कर तक अधूरी पड़ी सड़क का निर्माण अब प्राथमिकता है। इसके लिए टी-सीरीज के कब्जे वाली 19.8 हेक्टेयर ज़मीन का अनिवार्य अधिग्रहण किया जाएगा। प्रस्ताव तैयार कर जिला प्रशासन को भेज दिया गया है।”


इस निर्माण से जुड़ी होंगी ये मुख्य सुविधाएं:

  • 🚗 परी चौक पर ट्रैफिक लोड में कमी
  • 🏫 नॉलेज पार्क 1, 2, 3 के कॉलेजों से बेहतर कनेक्टिविटी
  • 🌉 हिंडन नदी पर बन रहे पुल से सीधा लिंक
  • 🛣️ नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच वैकल्पिक मार्ग
  • 🛫 एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी का स्मार्ट नेटवर्क

सोशल मीडिया पर ट्रेंड में आया मुद्दा

जैसे ही अनिवार्य अधिग्रहण की खबर फैली, सोशल मीडिया पर इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं और मीम्स भी वायरल होने लगे। क्षेत्र की कई रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन्स (RWAs) ने इस निर्णय का स्वागत किया और इसे “विकास की रफ्तार का नया गियर” बताया।


अब आगे क्या?

जिला प्रशासन की अधिसूचना के बाद, अगले कुछ हफ्तों में:

  • मुआवजा प्रक्रिया शुरू होगी
  • जमीन चिन्हांकन और अधिग्रहण की ज़मीनी कार्रवाई
  • निर्माण एजेंसी को स्थल सौंपा जाएगा
  • निर्माण कार्य शुरू होकर अगले 12-18 महीनों में पूरी सड़क बन सकती है

निष्कर्ष: अब विकास नहीं रुकेगा!

ग्रेटर नोएडा की जनता को जिस सड़क का इंतज़ार 20 साल से था, वह अब साकार होती दिख रही है। प्रशासन की दृढ़ता और कानूनी प्रावधानों के इस्तेमाल से, यह अधूरी कड़ी भी शहर के विकास में शामिल होने जा रही है।

अब यह देखना रोचक होगा कि क्या टी-सीरीज कोई नया कानूनी दांव चलती है या यह मामला यहीं शांत होकर “सड़क विकास की दिशा में मील का पत्थर” बन जाता है।


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