Breaking News : कलेक्ट्रेट परिसर में भक्ति, सेवा और समर्पण का संगम, बड़े मंगलवार के पावन अवसर पर जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने की पूजा, श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया प्रसाद
Breaking News : कलेक्ट्रेट परिसर में भक्ति, सेवा और समर्पण का संगम, बड़े मंगलवार के पावन अवसर पर जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने की पूजा, श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया प्रसाद

गौतम बुद्ध नगर, रफ़्तार टुडे।
ज्येष्ठ माह के पावन “बड़े मंगलवार” के शुभ अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर में श्रद्धा, भक्ति और सौहार्द की अद्भुत झलक देखने को मिली। जिले की शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी, जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने स्वयं विधिवत पूजा-अर्चना कर इस पुण्य आयोजन की शुरुआत की। वैदिक मंत्रोच्चारण और धार्मिक रीति-रिवाज़ों के साथ पूरे माहौल में भक्ति की गूंज सुनाई दी।
शानदार भंडारे में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
इस विशेष दिन के उपलक्ष्य में आयोजित भंडारे में नगर सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन पहुंचे। भक्ति से ओतप्रोत माहौल में सभी ने पंक्तिबद्ध होकर प्रसाद ग्रहण किया और पुण्य लाभ अर्जित किया। कई श्रद्धालुओं ने इसे “प्रशासन और जनमानस के बीच सेतु” बताया, जहाँ सेवा और श्रद्धा दोनों का अद्भुत संगम देखने को मिला।
अधिकारियों-कर्मचारियों ने निभाई भूमिका, बने भक्ति रस के सहभागी
भंडारे की व्यवस्था को सफल और सुव्यवस्थित बनाने में कलेक्ट्रेट के अधिकारी और कर्मचारीगण भी पूरी तन्मयता से जुड़े रहे। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) श्री अरुण कुमार राय, कोषाधिकारी श्री अतुल पांडेय, एवं अन्य विभागीय अधिकारियों ने सेवा भाव से आयोजन में सहभागिता निभाई।
सभी ने न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से, बल्कि एक आम श्रद्धालु की तरह प्रसाद वितरण में भाग लिया। स्वयंसेवकों और कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों से यह आयोजन अत्यंत सुव्यवस्थित और सफल रहा।
डीएम दिव्या मित्तल का संदेश: “सामाजिक समरसता का प्रतीक हैं ऐसे आयोजन”
भंडारे के समापन अवसर पर जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने अपने संक्षिप्त लेकिन प्रेरक संबोधन में कहा:
“भक्ति, सेवा और समर्पण से जुड़े ऐसे आयोजनों से सामाजिक समरसता, आपसी सौहार्द और जनसेवा की भावना को बल मिलता है। यह देखकर प्रसन्नता होती है कि पूरे प्रशासनिक परिवार ने इस आयोजन को अपने प्रयासों से एक पर्व का स्वरूप दे दिया।”
उन्होंने आयोजन को सफल बनाने में जुटे अधिकारियों, कर्मचारियों, स्वयंसेवकों और जनसामान्य को धन्यवाद देते हुए कहा कि आगे भी इस तरह के आयोजन निरंतर होते रहने चाहिए, जिससे शासन और जनता के बीच आत्मीयता और भरोसा बढ़े।
भक्ति, श्रद्धा और प्रसाद — एक अध्यात्मिक अनुभव
पूरा कलेक्ट्रेट परिसर इस आयोजन के दौरान आध्यात्मिक रंग में रंगा नजर आया। जय बजरंगबली के जयकारों के बीच लोगों ने पूजा में भाग लिया, माथा टेका और प्रसाद ग्रहण कर आत्मिक संतोष का अनुभव किया।
श्रद्धालुओं ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा इस प्रकार के धार्मिक-सामाजिक आयोजनों को समर्थन देना, उनकी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि प्रशासनिक सौम्यता और जन सरोकारों का जीवंत उदाहरण बनकर सामने आया।