Paramount Golf Forests News : अंधेर नगरी, चौपट राजा!, पैरामाउंट बिल्डर का नया खेल बिना सुविधा बढ़ाए मेंटेनेंस चार्ज में भारी इजाफा से भड़के लोग, सुविधाएं नहीं, चार्ज क्यों बढ़ा, निवासियों में उबाल

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे।
ग्रेटर नोएडा की पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट सोसाइटी के निवासियों के लिए यह किसी झटके से कम नहीं था, जब बिल्डर ने मेंटेनेंस चार्ज में अचानक हजारों रुपये की बढ़ोतरी कर दी। पहले से ही बदहाल सुविधाओं, लचर सुरक्षा, आवारा कुत्तों और बंदरों की समस्या से जूझ रहे निवासियों के लिए यह फैसला किसी आपदा से कम नहीं था।
क्या बढ़ा? क्यों बढ़ा? जवाब किसी के पास नहीं!
निवासियों का कहना है कि बिल्डर ने मेंटेनेंस चार्ज में बढ़ोतरी का कोई ठोस कारण नहीं बताया। एक निवासी सोमेश त्रिपाठी ने नाराजगी जताते हुए कहा,
“सिक्योरिटी है नहीं, सफाई का बुरा हाल, लिफ्ट खराब रहती है, कुत्ते-बंदरों का आतंक अलग से, फिर चार्ज क्यों बढ़ाया गया? बिल्डर से पूछो तो कोई जवाब नहीं मिलता, बस पैसा ऐंठने का नया तरीका निकाल लिया है।”
लोगों का कहना है कि बिल्डर और उसकी मेंटेनेंस टीम हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर मामले को टाल देते हैं। इससे पहले भी सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने और कुत्तों-बंदरों की समस्या से निपटने के वादे किए गए थे, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
सिक्योरिटी की पोल खुली – जब चाहो, घुस जाओ!
मनीष चौधरी जो कि सोसाइटी निवासी है उन्होंने कहा कि सोसाइटी में सुरक्षा को लेकर हालात इतने खराब हैं कि कोई भी व्यक्ति बिना रोक-टोक के अंदर आ-जा सकता है। सोसाइटी के कुल 5 गेट हैं, लेकिन वहां सिर्फ 12-15 गार्ड तैनात हैं, जो अक्सर सोते पाए जाते हैं। निवासी मनीष चौधरी ने तंज कसते हुए कहा,
“यहां चोर भी VIP ट्रीटमेंट पाते हैं, कोई भी बिना पूछे अंदर आ सकता है, लेकिन बिल्डर को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।”
CBRE और SIS मेंटेनेंस एजेंसियों पर भी उठे सवाल
सोसाइटी की मेंटेनेंस एजेंसियां CBRE और SIS पहले से ही लोगों के निशाने पर थीं, लेकिन अब चार्ज में वृद्धि के बाद लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है।
निशांत सक्सेना ने ट्वीट कर पैरामाउंट ग्रुप और CBRE इंडिया को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने लिखा,
“104 एकड़ की सोसाइटी में सिर्फ 12-15 गार्ड, कोई भी अंदर घुस सकता है, कोई सिक्योरिटी चेक नहीं, गार्ड सोते रहते हैं, बस पैसे वसूले जा रहे हैं वो भी GST के साथ!”
RWA गठन की मांग तेज, बड़ा आंदोलन संभव
निवासी गौरव सिंह का कहना है कि अब पानी सिर से ऊपर जा चुका है। RWA (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) गठन की मांग तेज हो गई है। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर चार्ज वापस नहीं लिया गया, तो बड़ा आंदोलन होगा।
निवासी रमाकांत पाठक ने कहा,
“अब RWA बनाना जरूरी हो गया है। बिल्डर की मनमानी अब बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर हमारी आवाज नहीं सुनी गई, तो हम कानूनी कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।”
सुरक्षा और सुविधाओं की हालत बदतर
राजश्री बिष्ट ने अपनी चिंता व्यक्त की:
“सोसाइटी में सिक्योरिटी नाम मात्र की है। कोई भी गेट से अंदर आ सकता है। गार्ड्स बस नाम के हैं। कुछ लोग कॉमन एरिया पर कब्जा कर रहे हैं, लेकिन सिक्योरिटी कुछ नहीं कर रही। ऐसा लगता है कि मेंटेनेंस और सुरक्षा का कोई नियंत्रण नहीं है।”
कुत्तों और बंदरों का आतंक, लेकिन बिल्डर बेपरवाह
पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट में आवारा कुत्तों और बंदरों की समस्या से लोग पहले ही परेशान हैं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए सोसाइटी में घूमना तक मुश्किल हो गया है, लेकिन बिल्डर ने इस पर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा।
रजनीश यादव ने कहा,
“मच्छरों और गंदगी के कारण हालात और खराब हो गए हैं। बिल्डर फॉगिंग तक करवाने को तैयार नहीं, कोई योजना नहीं, कोई एक्शन नहीं!” जब भी मेंटेनेंस टीम से पूछो, तो बहाने मिलते हैं। आखिरकार हमारी सोसाइटी के लिए कोई ठोस योजना क्यों नहीं बनाई जाती?”
सोशल मीडिया पर बिल्डर की जबरदस्त फजीहत
सोसाइटी के निवासी सोशल मीडिया पर बिल्डर के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप्स में लोग अपनी समस्याएं साझा कर रहे हैं।
संदीप पांडे ने तंज कसते हुए लिखा,
“टीवी पर रोज खबरें देखने से लगता है कि भारत-पाकिस्तान या भारत-चीन युद्ध होने ही वाला है, लेकिन जैसे ही टीवी बंद करो, सब नॉर्मल लगने लगता है। पैरामाउंट भी ऐसा ही है – जब तक इस ग्रुप में नहीं था, लगा सब ठीक है, अब समझ आ गया कि यह देश की सबसे घटिया सोसाइटी में से एक है!”
“पैसे वसूलने की मशीन बन चुका है बिल्डर!”
PGF की श्वेता ने कहा:
“बिल्डर को हमारी सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है। हमें मेंटेनेंस चार्ज पर जीएसटी लगाए जाने का विरोध करना चाहिए। जब मेंटेनेंस का कोई फायदा ही नहीं, तो ये चार्ज क्यों?”
निवासियों की मांगे क्या हैं?
निवासियों ने कुछ प्रमुख मांगें रखी हैं:
✔️ मेंटेनेंस चार्ज बढ़ोतरी तुरंत वापस ली जाए।
✔️ सिक्योरिटी सिस्टम को मजबूत किया जाए।
✔️ आवारा कुत्तों और बंदरों से निजात दिलाई जाए।
✔️ RWA का गठन जल्द किया जाए।
अब क्या करेगा बिल्डर?
फिलहाल बिल्डर की ओर से इस मुद्दे पर कोई ठोस बयान नहीं आया है। लेकिन अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो सोसाइटी में विरोध प्रदर्शन होना तय है।
क्या पैरामाउंट बिल्डर निवासियों की आवाज सुनेगा या फिर वही पुरानी अनदेखी जारी रहेगी? यह देखने वाली बात होगी!
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