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Yoga Day News : “तीन हफ्तों तक चला योग का महोत्सव, गलगोटिया विश्वविद्यालय ने भव्य समापन समारोह के साथ मनाया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025”, एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ की थीम पर आधारित अनूठे आयोजनों की रही धूम, युवाओं से लेकर शिक्षकों तक सभी ने अपनाया योग का वैज्ञानिक और सांस्कृतिक स्वरूप

समापन दिवस पर गलगोटिया विश्वविद्यालय के सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा “गलगोटिया विश्वविद्यालय में योग दिवस सिर्फ एक ‘औपचारिक दिवस’ नहीं है, बल्कि यह एक सतत चेतना का अभियान है। हम योग को आधुनिक युवा के जीवन में आत्मसात होते देखना चाहते हैं।


ग्रेटर नोएडा, 21 जून 2025 | रफ़्तार टुडे।
गलगोटिया विश्वविद्यालय, जो अपने शैक्षणिक नवाचारों और समग्र विकास की दृष्टि से पहचाना जाता है, ने इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 को महज़ एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि 21 दिवसीय योग महोत्सव के रूप में मनाया।
31 मई से शुरू हुआ यह आयोजन 21 जून को एक भव्य समापन समारोह के साथ संपन्न हुआ, जिसमें विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राओं, प्रोफेसरों, अधिकारियों और एनसीसी-एनएसएस जैसे युवा संगठन इकाइयों ने भाग लिया।


“योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” थीम के साथ कार्यक्रमों की समृद्ध श्रृंखला

भारत सरकार द्वारा निर्धारित इस वर्ष की थीम ‘योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’ को आधार बनाकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐसे कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जो शारीरिक, मानसिक और सामाजिक संतुलन को केंद्र में रखती थी।

इन तीन हफ्तों में आयोजित हुए कार्यक्रमों की प्रमुख झलकियाँ:

  • म्यूजिकल योग सेशंस — जिसमें संगीत और श्वास की लय ने मन को शांति दी
  • फ्लैश मॉब “योग अनप्लग्ड” — छात्रों ने आम स्थानों पर योग मुद्राएं दिखाकर लोगों को चौंकाया और आकर्षित किया
  • सोशल मीडिया रील प्रतियोगिता — डिजिटल मंच पर युवाओं ने योग को क्रिएटिव अंदाज़ में दिखाया
  • राजयोग ध्यान कार्यशाला — मानसिक शांति और चेतना जागरण के लिए गहन ध्यान सत्र
  • मानसिक स्वास्थ्य पर एक्सपर्ट पैनल चर्चा — आधुनिक तनाव से निपटने में योग की भूमिका पर चर्चा
  • शांति और मानव विकास पर सेमिनार — योग दर्शन और वैश्विक समाज में उसकी प्रासंगिकता पर विमर्श
  • कम्युनिटी रिसर्च प्रोजेक्ट्स — ग्रामीण समुदायों में योग की उपयोगिता पर सर्वे और संवाद
  • एनसीसी, NSS और खेल विभाग का सक्रिय भागीदारी — योग को अनुशासन और लचीलापन से जोड़ा गया

डॉ. ध्रुव गलगोटिया का संदेश: “योग परंपरा नहीं, युवा सशक्तिकरण का साधन है”

समापन दिवस पर गलगोटिया विश्वविद्यालय के सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा:

“गलगोटिया विश्वविद्यालय में योग दिवस सिर्फ एक ‘औपचारिक दिवस’ नहीं है, बल्कि यह एक सतत चेतना का अभियान है। हम योग को आधुनिक युवा के जीवन में आत्मसात होते देखना चाहते हैं। यह आयोजन हमारी प्राचीन परंपराओं को आज के डिजिटल दौर में प्रासंगिक बनाने का प्रयास है।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस आयोजन को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के प्रेरणादायी मार्गदर्शन और आयुष मंत्रालय की दिशा-निर्देशों से बल मिला है। यह केवल शारीरिक स्वास्थ्य का नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य सशक्तिकरण का भी अभियान है।


छात्रों और शिक्षकों की शानदार भागीदारी

तीन सप्ताह तक चले इस महोत्सव में विश्वविद्यालय के सभी विभागों – इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, लॉ, मीडिया, एजुकेशन, फार्मेसी, नर्सिंग आदि से हजारों छात्रों ने भाग लिया।

राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC), खेल विभाग, मीडिया स्टडीज विभाग और अन्य शिक्षण विभागों ने मिलकर कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुँचाया।
विशेषकर छात्राओं की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली। कई महिला योग प्रशिक्षकों ने भी अपनी योग यात्रा साझा कर छात्राओं को प्रेरित किया।


सोशल मीडिया हुआ ‘योग मीडिया’ — छात्रों ने डिजिटल स्पेस में मचाया धमाल

योग महोत्सव के दौरान #YogaUnplugged, #YogaAtCampus, #OneEarthOneHealth, #GalgotiansDoYoga जैसे हैशटैग्स सोशल मीडिया पर ट्रेंड में रहे।

छात्रों द्वारा बनाई गई Instagram रील्स, Facebook पोस्ट, और YouTube शॉर्ट्स ने इस आयोजन को ऑनलाइन हजारों लोगों तक पहुँचाया। कई रील्स को लाखों व्यूज मिले, जिससे पता चलता है कि आज की युवा पीढ़ी योग को सिर्फ अभ्यास नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति का माध्यम मानती है।


समापन दिवस: संकल्प के साथ योग साधना की दिशा में नई शुरुआत

21 जून 2025 को समापन दिवस पर आयोजित सामूहिक योग सत्र में, गलगोटिया विश्वविद्यालय के ओपन ग्राउंड में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षकों ने एक साथ ताड़ासन, भुजंगासन, वज्रासन, प्राणायाम और ध्यान योग का अभ्यास किया।

शिक्षकों द्वारा सभी छात्रों को ‘नियमित योग को जीवनशैली में शामिल करने’ का संकल्प दिलाया गया।
इसके अलावा विशेष प्रशस्ति पत्र भी उन विद्यार्थियों को प्रदान किए गए जिन्होंने आयोजन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


निष्कर्ष: योग अब एक दिवस नहीं, बल्कि गलगोटिया की संस्कृति बन चुका है

गलगोटिया विश्वविद्यालय ने यह साबित कर दिया कि योग दिवस को महज़ परंपरा के नाम पर मनाना पर्याप्त नहीं, बल्कि उसे जीवन का हिस्सा बनाना समय की मांग है।
आने वाले वर्षों में गलगोटिया विश्वविद्यालय ने इस तरह के आयोजनों को और व्यापक रूप में आयोजित करने का संकल्प लिया है।

“योग एक विज्ञान है, योग एक संस्कृति है, योग एक जिम्मेदारी है — और गलगोटिया इसका सशक्त मंच बन चुका है।”


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