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नई दिल्ली। रोहिणी साउथ इलाके में नामी जूता-चप्पल बनाने वाली कंपनी के मालिक से गैंगस्टर नीरज बवाना के नाम पर 30 लाख रुपये रंगदारी मांगने की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। स्पेशल स्टाफ ने पीड़ित के यहां पहले सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने वाले शख्स को गिरफ्तार किया है। इसकी पहचान अलवर, राजस्थान निवासी महावीर शर्मा (29) के रूप में हुई है।
महावीर पहले पीड़ित की कंपनी में ही काम करता था। अनुशासन हीनता के आरोप में उसे नौकरी से निकाल दिया गया था। तभी से वह कंपनी के मालिक से बदला लेने की फिराक में था। दूसरी जगह नौकरी शुरू करने के बाद आरोपी ने अपने हाथ से धमकी भरी चिट्ठी लिखकर पीड़ित से रंगदारी मांगी। दोबारा जब आरोपी ने चिट्ठी भेजी तो पुलिस उस तक पहुंच गई। आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि इसी साल पांच अगस्त को नामी जूता-चप्पल बनाने वाले कारोबारी ने रंगदारी मांगे जाने की शिकायत दी थी। पीड़ित ने बताया कि वह परिवार के साथ पंजाबी बाग इलाके में रहते हैं। इनका साउथ रोहिणी इलाके में दफ्तर है। इनके दफ्तर के पते पर किसी ने चिट्ठी भेजकर खुद को नीरज बवाना का आदमी बता रकम मांगी थी।
पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। स्थानीय पुलिस के अलावा जिले के स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह व अन्यों की टीम ने जांच शुरू की। पुलिस टीम उस कूरियर कंपनी के दफ्तर पहुंची, जहां से आरोपी ने पीड़ित को चिट्ठी भेजी थी। लेकिन उसका सुराग नहीं मिला। आरोपी ने 30 अक्तूबर को एक और चिट्ठी दोबारा पीड़ित को भेजकर अपनी मांग दोहराई।
फौरन पुलिस ने जांच शुरू की। इस बार पुलिस को सीसीटीवी से सुराग मिल गए। पुलिस उसकी तलाश करते हुए शालीमार बाग पहुंच गई। वहां आरोपी एक निजी बैंक के बाहर सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहा था।
पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की। उसने बताया कि पहले वह जूता कंपनी के मालिक के यहां नौकरी करता था। उस पर लापरवाही के आरोप लगाकर छह माह पूर्व नौकरी से निकाल दिया गया। इस बात का बदला लेने की नियत से उसने कारोबारी को खुद ही चिट्ठी लिखकर रंगदारी की मांगी।
नई दिल्ली। रोहिणी साउथ इलाके में नामी जूता-चप्पल बनाने वाली कंपनी के मालिक से गैंगस्टर नीरज बवाना के नाम पर 30 लाख रुपये रंगदारी मांगने की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। स्पेशल स्टाफ ने पीड़ित के यहां पहले सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने वाले शख्स को गिरफ्तार किया है। इसकी पहचान अलवर, राजस्थान निवासी महावीर शर्मा (29) के रूप में हुई है।
महावीर पहले पीड़ित की कंपनी में ही काम करता था। अनुशासन हीनता के आरोप में उसे नौकरी से निकाल दिया गया था। तभी से वह कंपनी के मालिक से बदला लेने की फिराक में था। दूसरी जगह नौकरी शुरू करने के बाद आरोपी ने अपने हाथ से धमकी भरी चिट्ठी लिखकर पीड़ित से रंगदारी मांगी। दोबारा जब आरोपी ने चिट्ठी भेजी तो पुलिस उस तक पहुंच गई। आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि इसी साल पांच अगस्त को नामी जूता-चप्पल बनाने वाले कारोबारी ने रंगदारी मांगे जाने की शिकायत दी थी। पीड़ित ने बताया कि वह परिवार के साथ पंजाबी बाग इलाके में रहते हैं। इनका साउथ रोहिणी इलाके में दफ्तर है। इनके दफ्तर के पते पर किसी ने चिट्ठी भेजकर खुद को नीरज बवाना का आदमी बता रकम मांगी थी।
पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। स्थानीय पुलिस के अलावा जिले के स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह व अन्यों की टीम ने जांच शुरू की। पुलिस टीम उस कूरियर कंपनी के दफ्तर पहुंची, जहां से आरोपी ने पीड़ित को चिट्ठी भेजी थी। लेकिन उसका सुराग नहीं मिला। आरोपी ने 30 अक्तूबर को एक और चिट्ठी दोबारा पीड़ित को भेजकर अपनी मांग दोहराई।
फौरन पुलिस ने जांच शुरू की। इस बार पुलिस को सीसीटीवी से सुराग मिल गए। पुलिस उसकी तलाश करते हुए शालीमार बाग पहुंच गई। वहां आरोपी एक निजी बैंक के बाहर सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहा था।
पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की। उसने बताया कि पहले वह जूता कंपनी के मालिक के यहां नौकरी करता था। उस पर लापरवाही के आरोप लगाकर छह माह पूर्व नौकरी से निकाल दिया गया। इस बात का बदला लेने की नियत से उसने कारोबारी को खुद ही चिट्ठी लिखकर रंगदारी की मांगी।