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Breaking News : नूरपुर गांव में खुलेआम अवैध खनन का खेल!, एनटीपीसी नाले की पटरी काटी, विरोध करने पर किसान से मारपीट, प्रशासन मौन क्यों?

📍 दादरी, रफ्तार टुडे।
ग्रेटर नोएडा के ग्रामीण क्षेत्र में एक बार फिर से अवैध खनन का जिन्न न सिर्फ बाहर आ गया है, बल्कि अब यह किसानों के अस्तित्व को सीधी चुनौती दे रहा है। थाना जारचा क्षेत्र के नूरपुर गांव और खंडेरा के बीच बहने वाले एनटीपीसी नाले की पटरी पर दिनदहाड़े मिट्टी की अवैध खुदाई की गई। और जब एक जागरूक किसान ने इसका विरोध किया, तो दबंगों ने उस पर हमला कर दिया। अब सवाल ये उठता है कि क्या प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह निष्क्रिय हो चुका है?


नाले की पटरी पर अवैध खनन, खेतों पर मंडराया जलभराव का खतरा

घटना के अनुसार, नूरपुर गांव के कुछ दबंग किस्म के लोगों ने ट्रैक्टर और जेसीबी मशीन की मदद से एनटीपीसी नाले की मिट्टी खोदनी शुरू कर दी। धीरे-धीरे पूरी पटरी को काट डाला गया। यह पटरी नाले के किनारे बहाव को रोकने के लिए बनाई गई थी ताकि बगल के खेतों में पानी न घुसे, लेकिन अब यह अवरोध हट गया है। यदि मानसून में नाले में पानी बढ़ा, तो सैकड़ों बीघा खेत डूबने का खतरा उत्पन्न हो जाएगा।


किसान ने किया विरोध, दबंगों ने की मारपीट और मोबाइल तोड़ा

घटना की जानकारी जैसे ही किसान रविन्द्र को मिली, वे मौके पर पहुंचे और खनन रुकवाने की कोशिश की। लेकिन खनन माफिया के लोगों ने उनके साथ जमकर मारपीट की और उनका मोबाइल फोन भी तोड़ डाला ताकि कोई वीडियो या सबूत न रह जाए।

ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब इन दबंगों ने ऐसा किया हो, बल्कि लगातार नाले, सड़क और सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा और खनन किया जा रहा है।


प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई पूरी कहानी

स्थानीय लोगों ने बताया कि ये दबंग राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण के बल पर ऐसा कर रहे हैं। घटनास्थल पर दिनदहाड़े 4 ट्रैक्टर और 1 जेसीबी मशीन अवैध खनन में जुटी हुई थी। कुछ ग्रामीणों ने जब वीडियो बनाना चाहा तो उन्हें धमकाया गया।


प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप, आंदोलन की चेतावनी

ग्रामीणों ने प्रशासन की चुप्पी और निष्क्रियता को लेकर नाराज़गी जाहिर की है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने पहले ही सख्ती दिखाई होती तो आज यह स्थिति नहीं आती। गांव के बुजुर्ग किसान चंद्रपाल सिंह का कहना है:

“हमने कई बार खनन विभाग और लेखपाल को इसकी जानकारी दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। दबंगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि अब किसान भी सुरक्षित नहीं हैं।”

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि अगले कुछ दिनों में दोषियों पर सख्त कार्यवाही और नाले की पटरी की मरम्मत नहीं की गई, तो वे जिला मुख्यालय पर आंदोलन और धरना प्रदर्शन करेंगे।


पर्यावरणीय और कृषि क्षति की आशंका

विशेषज्ञों का कहना है कि नालों की पटरियां कटने से न सिर्फ जलभराव बढ़ेगा, बल्कि क्षेत्र के जलस्तर पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा। साथ ही इससे खेतों में मिट्टी का कटाव होगा और फसलें बर्बाद होंगी। मानसून के समय यह खतरा और भी बढ़ जाएगा।


क्या बोले पुलिस और प्रशासन?

हालांकि घटना की शिकायत थाना जारचा में दर्ज कराई गई है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी या ठोस कार्रवाई नहीं हुई है
एसडीएम दादरी से बात करने पर उन्होंने कहा:

“जांच के आदेश दिए गए हैं। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और नाले की मरम्मत का प्रस्ताव भेजा गया है।”

परंतु यह बयान ग्रामीणों के गुस्से और भय को शांत करने के लिए काफी नहीं है। वे ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।


📣 निष्कर्ष: सवालों के घेरे में कानून का शासन

नूरपुर गांव की यह घटना न सिर्फ खनन माफिया के बेलगाम हो जाने का संकेत देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि प्रशासनिक व्यवस्था कहीं न कहीं विफल हो रही है। अगर जल्द ही इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो क्षेत्र के और गांव भी इस अवैध खनन के शिकार हो सकते हैं।


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