Galgotia University News : "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य" के मंत्र के साथ गलगोटिया विश्वविद्यालय में योग महोत्सव का भव्य शुभारंभ!

📍 ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे | 1 जून 2025
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 को भव्यता के साथ मनाने के लिए गलगोटिया विश्वविद्यालय ने योग कार्यक्रमों की एक अनूठी और बहुआयामी श्रृंखला का आरंभ किया है। 31 मई से लेकर 21 जून 2025 तक चलने वाले इस तीन सप्ताह के “योग महोत्सव” की शुरुआत रंगारंग प्रस्तुतियों और समर्पित योगाभ्यास सत्रों के साथ हुई। इस आयोजन में केवल आसनों तक सीमित न रहकर योग की वैज्ञानिक, सांस्कृतिक और मानसिक उपयोगिता को समर्पित कार्यक्रमों का समावेश किया गया है।
🇮🇳 “योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” – भारत सरकार की थीम पर आधारित प्रेरणादायक शुरुआत
भारत सरकार द्वारा इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की जो थीम निर्धारित की गई है, वह है — “Yoga for One Earth, One Health” यानी “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग”। इसी उद्देश्य को आत्मसात करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्यक्रमों को चार मुख्य भागों में बांटा है, जो छात्रों, शिक्षकों, शोधार्थियों और समाज को योग से जोड़ने की दिशा में अग्रसर हैं।
31 मई को आयोजित उद्घाटन समारोह में लयबद्ध योग की आकर्षक प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विभिन्न योग मुद्राओं को संगीत की ताल के साथ संयोजन कर प्रस्तुत किया गया, जिससे शारीरिक लय और मानसिक एकाग्रता का संदेश दिया गया।
🎭 तीन सप्ताह, दस दिन और हर दिन कुछ नया – योग के साथ रंग भी, राग भी और विज्ञान भी
गलगोटिया विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित यह योग महोत्सव केवल पारंपरिक योगाभ्यास तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे नवाचार और समकालीन सोच से जोड़ा गया है। प्रत्येक दिन अलग-अलग थीम और उद्देश्य के साथ आयोजन किए जा रहे हैं:
📅 दूसरा दिन – समकालीन योग शैलियों की विविधता
इस दिन आधुनिक योग शैलियों जैसे पावर योग, विन्यासा फ्लो, एरियल योग आदि का प्रदर्शन किया गया, जिससे योग की बदलती प्रकृति और विविध आयामों को उजागर किया गया।
🎶 तीसरा दिन – ‘योग अनप्लग्ड’ : संगीत और फ्लैश मॉब का संगम
“Yoga Unplugged” के अंतर्गत छात्रों ने कैंपस में अलग-अलग स्थानों पर फ्लैश मॉब और संगीतबद्ध योग सत्र प्रस्तुत किए। यह एक आधुनिक युवाप्रिय प्रयोग था, जिसने योग को उत्सव की भावना से जोड़ा।
📱 चौथा दिन – सोशल मीडिया पर थीम आधारित क्रिएटिविटी
“एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” थीम पर आधारित रील और डिजिटल कंटेंट प्रतियोगिता कराई गई, जिसमें छात्रों ने पर्यावरण, स्वास्थ्य और योग को जोड़ते हुए जागरूकता फैलाने का प्रयास किया।
🧘♀️ आंतरिक शांति से लेकर वैश्विक संवाद तक – हर स्तर पर योग की बात
🕊️ पांचवां दिन – योग और मानव विकास के संबंध पर जागरूकता कार्यक्रम
इस दिन “योग समावेश” के अंतर्गत मानसिक शांति, आत्मविकास और सामाजिक समरसता के संदर्भ में जागरूकता सत्र आयोजित किए गए। विद्यार्थियों ने पोस्टर, स्लोगन और नाटक के माध्यम से संदेश दिया।
🧠 छठा दिन – राज योग और ध्यान की कार्यशाला
गलगोटिया विश्वविद्यालय के योग विभाग और बाहरी विशेषज्ञों के सहयोग से राज योग ध्यान की एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें आंतरिक शक्ति, चेतना और मानसिक स्पष्टता को लेकर अनुभव साझा किए गए।
🏥 सातवां दिन – योग का आधुनिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
“समयोग” नामक कार्यक्रम के अंतर्गत यह दर्शाया गया कि योग कैसे आधुनिक चिकित्सा पद्धति का पूरक बन सकता है। विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने क्लीनिकल स्टडीज और वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर प्रस्तुति दी।
🧑⚕️ विशेषज्ञों की बहस में उभरी नई दिशा – मानसिक स्वास्थ्य और न्यूरो रिहैब में योग
🧩 आठवां दिन – विशेषज्ञ पैनल चर्चा
एक विशेष पैनल डिस्कशन आयोजित किया गया जिसमें देश के जाने-माने योग विशेषज्ञ, न्यूरोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक शामिल हुए। इसमें बताया गया कि किस प्रकार नियमित योग अभ्यास से:
- अवसाद (डिप्रेशन)
- चिंता (Anxiety)
- न्यूरो डिजीज़ेज़ (जैसे पार्किंसन और स्ट्रोक रिकवरी)
पर सकारात्मक असर पड़ता है।
🌐 अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का योग – ‘योग बंधन’ का भव्य आयोजन
🌏 9-10 जून – राजदूतों के साथ योग सत्र
‘Yoga Bandhan’ नामक इस कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न देशों के राजदूत और राजनयिक प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर अंतरराष्ट्रीय योग सत्र आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य है कि विश्व समुदाय में भारत की योग परंपरा की वैज्ञानिकता और सार्वभौमिक उपयोगिता को और अधिक मजबूत किया जाए।
🌟 21 जून – भव्य योग उत्सव और प्रमाणपत्र वितरण
पूरे योग महोत्सव का समापन 21 जून को किया जाएगा, जो अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य दिन है। इस दिन:
- सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
- योग प्रदर्शन
- प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरण
- लाइव म्यूज़िक और मेडिटेशन
- ओपन योगा फ़ॉर ऑल सत्र
आयोजित किए जाएंगे। पूरे ग्रेटर नोएडा क्षेत्र से छात्रों, शिक्षकों, आम नागरिकों और अतिथियों के भाग लेने की उम्मीद की जा रही है।
🗣️ ध्रुव गलगोटिया का संदेश – “भारत की योग परंपरा को विश्व मंच पर और ऊंचा ले जाना है”
गलगोटिया विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा:
“योग भारत की धरोहर है, और हमारा उद्देश्य है कि इसे केवल 21 जून तक सीमित न रखकर जीवनशैली का हिस्सा बनाया जाए। इस योग महोत्सव से युवा न केवल फिट और मानसिक रूप से स्वस्थ बनेंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति के प्रतिनिधि भी बनेंगे।”
उन्होंने उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के दिशा-निर्देशों की सराहना की और कहा कि इस पहल से प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर नई जागरूकता फैली है।
🤝 एनएसएस, एनसीसी, खेल विभाग और मीडिया की संयुक्त भागीदारी
गलगोटिया विश्वविद्यालय की यह खास बात रही कि इस आयोजन में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), एनसीसी, खेल विभाग, मीडिया विभाग और विभिन्न शैक्षणिक विभागों की साझा भागीदारी रही। इससे यह योग महोत्सव केवल आयोजन नहीं, बल्कि एक संपूर्ण सामूहिक आंदोलन बनकर उभरा है।
📢 निष्कर्ष: योग को त्योहार बना रहा है गलगोटिया, और संदेश दे रहा है – “स्वस्थ मन, समर्पित तन और सजग समाज”
गलगोटिया विश्वविद्यालय ने यह सिद्ध कर दिया है कि योग केवल एक प्राचीन अभ्यास नहीं, बल्कि आधुनिक जीवन का अनिवार्य अंग बन चुका है। जब योग को संगीत, विज्ञान, तकनीक, संस्कृति और समाज सेवा से जोड़ा जाता है, तो वह जनांदोलन का रूप ले लेता है। यही इस आयोजन की सबसे बड़ी सफलता है।
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