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Breaking News : ग्रेटर नोएडा वेस्ट के चार मूर्ति चौक पर हुआ दिल दहला देने वाला हादसा, तेज रफ्तार, अधूरी सावधानी और लापरवाही ने दो जिंदगियों को लील लिया!, निर्माणाधीन अंडरपास बना काल का गड्ढा, उठे सवाल प्राधिकरण की तैयारियों पर

प्राधिकरण ने जताया दुख, CCTV में दिखी तेज रफ्तार और रोशनी, लेकिन डायवर्जन न होने पर उठे गंभीर सवाल, जब स्मार्ट सिटी की चमक में छिप गई ज़िम्मेदारी की परछाईं, निर्माणाधीन अंडरपास बना काल का गड्ढा, उठे सवाल प्राधिकरण की तैयारियों पर


ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।
तेज रफ्तार बाइक, अधूरी बैरिकेडिंग और रोशनी के बावजूद निर्माणाधीन अंडरपास में गिरकर एक युवक और एक युवती की दर्दनाक मौत ने पूरे ग्रेटर नोएडा को झकझोर कर रख दिया है।
चार मूर्ति चौक जैसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में हुई यह घटना केवल एक हादसा नहीं, बल्कि स्मार्ट सिटी सिस्टम की एक बड़ी चूक का प्रतीक बन चुकी है।


हादसे की पृष्ठभूमि: रात के अंधेरे में टूटी ज़िंदगी की रफ्तार

चार मूर्ति चौक पर एक निर्माणाधीन अंडरपास में गिरकर युवक-युवती की मौके पर ही मौत हो गई।
सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि बाइक काफी तेज रफ्तार में थी।
मौके पर मौजूद डबल बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए बाइक अंडरपास के गड्ढे में जा गिरी, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।


CCTV में दिखी सच्चाई: थी रोशनी, पर नहीं था कोई वॉर्निंग अलर्ट!

प्राधिकरण द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि:

  • पर्याप्त रोशनी मौजूद थी
  • डबल बैरिकेडिंग भी की गई थी
  • हादसा बाइक की रफ्तार के कारण हुआ

लेकिन CCTV फुटेज देखने वाले आम लोग ये सवाल कर रहे हैं कि क्या बैरिकेडिंग पर्याप्त ऊंचाई और चेतावनी बोर्डों से युक्त थी?
क्या तेज रफ्तार वाले वाहन को रोकने के लिए कोई फिजिकल स्टॉपर या रिफ्लेक्टिव साइनेज मौजूद था?

प्राधिकरण का बयान, रफ्तार थी ज़िम्मेदार, बैरिकेडिंग थी मौजूद

घटना की सूचना मिलते ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार और एसीईओ प्रेरणा सिंह ने मृतकों के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि परियोजना विभाग की टीम तत्काल मौके पर जाकर सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा ले।

सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद प्राधिकरण की टीम ने बताया कि:

बाइक की रफ्तार काफी तेज थी

डबल बैरिकेडिंग पहले से मौजूद थी

घटनास्थल पर पर्याप्त स्ट्रीट लाइट भी लगाई गई थी


डायवर्जन का अभाव: 130 मीटर रोड पर कोई डायवर्जन नहीं, जनता में आक्रोश

प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार:

  • 60 मीटर रोड पर ट्रैफिक डायवर्जन लगाया गया था
  • लेकिन 130 मीटर रोड (जहां से बाइक आ रही थी) पर कोई डायवर्जन नहीं था

यह सबसे बड़ा प्रशासनिक लूपहोल बनकर उभरा। जनता का कहना है कि यदि वहां सही समय पर डायवर्जन या स्पष्ट साइन बोर्ड होते, तो यह हादसा टल सकता था।


प्राधिकरण ने जताई संवेदना, पर सवालों के घेरे में सुरक्षा प्रबंधन

प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार और एसीईओ प्रेरणा सिंह ने मृतकों के प्रति संवेदना जताई है।
उन्होंने परियोजना विभाग को तत्काल जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए हैं।
लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि केवल संवेदना नहीं, जवाबदेही और मुआवज़ा ज़रूरी है।

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तेज रफ्तार, अधूरी सावधानी और लापरवाही ने दो जिंदगियों को लील लिया!, निर्माणाधीन अंडरपास बना काल का गड्ढा


स्थानीय निवासियों के तीखे सवाल: क्या स्मार्ट सिटी केवल ब्रोशर में ही स्मार्ट है?

चार मूर्ति चौक ग्रेटर नोएडा वेस्ट का एक अत्यधिक व्यस्त जंक्शन है।
यहां पर सैकड़ों गाड़ियाँ रोजाना गुज़रती हैं।

स्थानीय निवासी अब पूछ रहे हैं:

  • क्या रात में निर्माणस्थल की निगरानी नहीं होती?
  • क्यों नहीं लगाए गए रिफ्लेक्टिव बोर्ड और चेतावनी साइनेज?
  • हादसे के बाद ही क्यों जागता है सिस्टम?

अभी तक की जांच में क्या सामने आया?

तथ्यविवरण
स्थानचार मूर्ति चौक, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
घटनानिर्माणाधीन अंडरपास में बाइक गिरने से दो मौतें
बाइक रफ्तारअत्यधिक तेज (CCTV में साफ दिखी)
बैरिकेडिंगमौजूद थी, लेकिन नाकाफी साबित हुई
डायवर्जन60 मीटर रोड पर था, 130 मीटर पर नहीं
प्रकाश व्यवस्थावीडियो फुटेज में पर्याप्त नजर आई
जवाबदेहीजांच जारी, कोई स्पष्ट जिम्मेदार अब तक नहीं

क्या होनी चाहिए भविष्य की रणनीति? – सुरक्षा के लिए सुझाव

  1. रात में निर्माण स्थलों पर सुरक्षा गार्ड और फ्लैशिंग लाइट अनिवार्य हों
  2. हर निर्माण स्थल पर रिफ्लेक्टिव बोर्ड, डायवर्जन और स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं
  3. साप्ताहिक निगरानी समिति का गठन किया जाए
  4. हादसे में मृतकों के परिवार को शीघ्र आर्थिक सहायता और नौकरी का आश्वासन
  5. प्राधिकरण स्तर पर हेल्पलाइन नंबर और त्वरित शिकायत निवारण व्यवस्था

जनता की मांग: हादसे की न्यायिक जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित हो!

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की कई RWA और सामाजिक संगठनों ने घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
उनका कहना है कि प्राधिकरण की लापरवाही अगर उजागर होती है, तो ज़िम्मेदार अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।


जिन्होंने गंवाई जानें, वो सिर्फ आंकड़े नहीं – वो किसी का सपना थे

मृत युवक-युवती की पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देने वालों की संख्या यह बताती है कि इस हादसे ने पूरे समाज को हिला दिया है।
हर कोई यही सवाल कर रहा है –

“क्या हम इतनी असुरक्षित सड़क पर जी रहे हैं?”


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