Galgotia University News : गलगोटिया विश्वविद्यालय और एम्स नई दिल्ली की ऐतिहासिक पहल, ‘नेवर अलोन’ ऐप के जरिए मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई क्रांति का आगाज़, छात्रों से लेकर समाज तक हर दिल तक पहुँचने की कोशिश

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे।
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर आज के समय में जितनी जागरूकता जरूरी है, उतनी ही तेजी से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की भी जरूरत महसूस की जा रही है। इसी कड़ी में शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 को गलगोटिया विश्वविद्यालय ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली के सहयोग से विकसित एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित मोबाइल ऐप ‘नेवर अलोन’ के संबंध में एक महत्वपूर्ण समझौता (एमओयू) किया। इस पहल के जरिए छात्रों से लेकर आम नागरिकों तक मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और प्रभावी बनाने की दिशा में एक नई उम्मीद जगी है।
‘नेवर अलोन’: अकेलेपन को कहिए अलविदा, तकनीक के सहारे हर किसी तक पहुँचेगी मानसिक स्वास्थ्य सहायता
कार्यक्रम की शुरुआत गलगोटिया विश्वविद्यालय परिसर में अत्यंत जोश और उत्साह के साथ हुई।
परामर्श मनोवैज्ञानिक डॉ. दीपिका दहिमा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि ‘नेवर अलोन’ ऐप विशेष रूप से उन लोगों के लिए बनाया गया है जो मानसिक तनाव, चिंता, डिप्रेशन जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं लेकिन समाज के डर या संसाधनों की कमी के कारण मदद नहीं मांग पाते। यह प्लेटफॉर्म ऐसे हर व्यक्ति को बिना किसी झिझक, गोपनीय तरीके से मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करेगा।
डॉ. दहिमा ने कहा,
“हम चाहते हैं कि कोई भी इंसान खुद को अकेला महसूस न करे। ‘नेवर अलोन’ ऐप आपके सबसे भरोसेमंद साथी की तरह हर समय आपके साथ रहेगा।”
डॉ. निशांत अहमद का प्रेरक संदेश: मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में आएगा नए युग का सूत्रपात
इसके बाद एम्स नई दिल्ली के मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. निशांत अहमद ने छात्रों और उपस्थित अतिथियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात करना समय की मांग है। उन्होंने कहा,
“नेवर अलोन जैसी पहलें समाज में एक सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य संस्कृति विकसित करेंगी, जहाँ सहानुभूति, समझ और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे यह एमओयू केवल एक औपचारिक दस्तावेज नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में आने वाले सुनहरे भविष्य की नींव है।
गलगोटिया विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री सुनील गलगोटिया ने दिखाई नई राह, छात्रों को दी जीवन बदलने वाली सीख
गलगोटिया विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री सुनील गलगोटिया ने इस अवसर पर कहा,
“आज का युवा अगर मानसिक रूप से मजबूत होगा, तभी वह शारीरिक, शैक्षणिक और सामाजिक हर क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन कर सकेगा। मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना ही आने वाले कल को संवारने का सबसे सशक्त माध्यम है।”
उन्होंने कहा कि ‘नेवर अलोन’ ऐप के माध्यम से छात्रों में इमोशनल इंटेलिजेंस (भावनात्मक बुद्धिमत्ता) को बढ़ावा मिलेगा, जो उनके करियर और निजी जीवन दोनों में उन्हें ऊंचाइयों तक पहुँचाने में मदद करेगा।

एमओयू पर हस्ताक्षर के साथ हुई पहल की औपचारिक शुरुआत, उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने सराहा कदम
कार्यक्रम के अंतिम चरण में गलगोटिया विश्वविद्यालय और एम्स के प्रतिनिधियों ने आधिकारिक रूप से एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
समारोह में श्रीमती मीता मिश्रा सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे, जिन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए इसे समाज के हर तबके के लिए उपयोगी बताया।
हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान उपस्थित छात्रों और फैकल्टी सदस्यों ने तालियों की गड़गड़ाहट से इस ऐतिहासिक कदम का स्वागत किया।
क्या है ‘नेवर अलोन’ ऐप की खासियतें? जानिए क्यों है यह दूसरों से अलग
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्लेटफॉर्म: यूजर के इमोशनल स्टेट को पहचानकर तत्काल सहायता प्रदान करता है।
- 24×7 सपोर्ट सिस्टम: किसी भी समय, कहीं भी सलाह और मार्गदर्शन उपलब्ध।
- गोपनीयता की गारंटी: यूजर की जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रखी जाएगी।
- योग्यता प्राप्त काउंसलर्स से जुड़ने की सुविधा: लाइव चैट और वीडियो सेशन्स के जरिए विशेषज्ञों से सीधे संपर्क।
- मेडिटेशन और माइंडफुलनेस कंटेंट: तनाव को कम करने में सहायक विशेष संसाधन।
मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम
गलगोटिया विश्वविद्यालय की यह पहल केवल विश्वविद्यालय स्तर तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आने वाले समय में पूरे क्षेत्र और देश भर के संस्थानों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनेगी। ‘नेवर अलोन’ ऐप समाज के उन कोनों तक भी पहुंचेगा जहाँ अब तक मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता की किरण नहीं पहुँच पाई थी।
यह पहल युवा पीढ़ी को मानसिक रूप से सशक्त बनाकर भविष्य में एक खुशहाल और संतुलित समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगी।
अंत में – अब कोई भी नहीं रहेगा अकेला, ‘नेवर अलोन’ के साथ हर कदम पर मिलेगी साथ
गलगोटिया विश्वविद्यालय और एम्स नई दिल्ली का यह प्रयास निश्चित रूप से उन लाखों लोगों की उम्मीदों को नया आसमान देगा जो चुपचाप अपने मानसिक संघर्षों से लड़ते रहे हैं। ‘नेवर अलोन’ ऐप के साथ अब मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नई और रोशनी से भरी शुरुआत हो चुकी है।
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