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Dadri News : "रूपबास बायपास की खस्ताहाल सड़कें, गड्ढों में दबी जिम्मेदारी, यात्रियों की जान खतरे में, प्राधिकरण की खामोशी पर उठे सवाल", प्रदर्शन की चेतावनी, जन आंदोलन तैयार

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।
ग्रेटर नोएडा के रूपबास-दादरी बायपास आरओबी रोड की बदहाल स्थिति ने स्थानीय निवासियों और यात्रियों के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर दी है। सड़क की हालत इतनी खराब है कि यह पहचानना मुश्किल हो जाता है कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क। रोजाना इस मार्ग से हजारों वाहन गुजरते हैं, लेकिन खराब सड़क, उड़ती धूल, और गड्ढों ने यात्रियों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।


सड़क की दुर्दशा: रोजाना हादसों की आशंका

स्थानीय निवासियों और यात्रियों का कहना है कि इस सड़क पर यात्रा करना किसी जोखिम से कम नहीं है। बड़े-बड़े गड्ढे, बिखरे पत्थर और उड़ती हुई धूल न केवल यातायात में बाधा डालते हैं, बल्कि हादसों का कारण भी बनते हैं। कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें बड़े वाहनों की वजह से छोटे वाहनों को टक्कर लगी और यात्री घायल हुए।


शिकायतें बेअसर, प्राधिकरण ने झाड़ा पल्ला

स्थानीय लोगों का आरोप है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को बार-बार शिकायतें करने के बावजूद सड़क की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। प्राधिकरण द्वारा की गई मरम्मत केवल खानापूर्ति साबित हुई। शिकायतों के बाद गड्ढों में मिट्टी भर दी जाती है, जो बरसात में कीचड़ बन जाती है। इस कारण वाहन फिसलते हैं और हादसे बढ़ जाते हैं।

स्थानीय निवासी राजेश शर्मा ने कहा, “यह सड़क कई वर्षों से खराब स्थिति में है। प्राधिकरण केवल आश्वासन देता है, लेकिन किसी ठोस कदम की उम्मीद करना अब असंभव लगने लगा है।”


पॉल्यूशन और धूल ने बढ़ाई परेशानी

खराब सड़क के साथ-साथ उड़ती धूल ने पॉल्यूशन की समस्या को और गंभीर बना दिया है। आसपास के निवासियों का कहना है कि लगातार उड़ती धूल से सांस लेना मुश्किल हो गया है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्माण कार्य रोकने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन इस सड़क की स्थिति को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है।

Potholes and Bumps
रूपबास बायपास की खस्ताहाल सड़कें, गड्ढों में दबी जिम्मेदारी, यात्रियों की जान खतरे में

स्थानीय निवासी सीमा चौधरी ने कहा, “सड़क पर धूल इतनी ज्यादा उड़ती है कि खिड़कियां बंद रखने के बावजूद घरों में धूल जमा हो जाती है। यह हमारे बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है।”


प्रदर्शन की चेतावनी, जन आंदोलन तैयार

जन आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमवीर आर्य एडवोकेट ने प्राधिकरण की उदासीनता पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि सड़क निर्माण जल्द शुरू नहीं हुआ, तो बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी। उन्होंने कहा, “हमने कई बार प्राधिकरण के अधिकारियों से इस मुद्दे पर बात की, लेकिन वे केवल आश्वासन देते हैं। अब हमें सड़कों पर उतरना पड़ेगा।”


स्थायी समाधान की मांग

स्थानीय लोगों की मांग है कि इस समस्या को तुरंत हल किया जाए।

  1. सड़क की स्थायी मरम्मत कर इसे सुरक्षित बनाया जाए।
  2. गड्ढों को मिट्टी से भरने की बजाय ठोस निर्माण हो।
  3. उड़ती धूल को रोकने के लिए नियमित सफाई और पानी का छिड़काव किया जाए।
  4. यातायात को सुचारू बनाने के लिए सड़क पर बिखरे पत्थर हटाए जाएं।

स्थानीय निवासी मुकेश त्यागी ने कहा, “यह सड़क हमारी जिंदगी का हिस्सा है, और इसकी दुर्दशा देखकर लगता है कि हमारी जिंदगी से कोई सरोकार नहीं है।”


प्राधिकरण की उदासीनता पर सवाल

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि लाखों लोगों की जिंदगी खतरे में डालने वाली इस सड़क की हालत सुधारने के लिए प्राधिकरण कब जागेगा? इस मार्ग पर ट्रैफिक जाम और हादसों की बढ़ती घटनाओं ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

स्थानीय निवासी विपिन वर्मा ने कहा, “यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो हमें विरोध प्रदर्शन के माध्यम से अपनी बात रखनी पड़ेगी।”


नागरिकों की एकजुटता: बदलाव की उम्मीद

स्थानीय निवासियों, यात्रियों, और सामाजिक संगठनों ने मिलकर इस मुद्दे पर आवाज उठाई है। प्राधिकरण को चेतावनी दी गई है कि यदि सड़क निर्माण कार्य जल्दी शुरू नहीं हुआ, तो व्यापक जन आंदोलन होगा।


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