Authority News : खैरपुर में आबादी लीजबैक प्रकरणों की तह तक पहुंचने में जुटी एसआईटी, लगातार दूसरे दिन चली किसानों की सुनवाई, अब 14 मई को अंतिम मौका, जमीन की लड़ाई नहीं, अधिकार की पुकार है यह सुनवाई
डॉ. अरुणवीर सिंह की अगुवाई में एसआईटी ने किया मौका मुआयना

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे आबादी लीजबैक प्रकरणों की जांच को पारदर्शी व निष्पक्ष बनाने के लिए गठित एसआईटी (विशेष जांच टीम) ने गुरुवार को भी खैरपुर गांव में किसानों की सुनवाई की। इससे पहले बुधवार को 42 प्रकरणों की सुनवाई हो चुकी थी। लेकिन कुछ किसान मौके पर उपस्थित नहीं हो सके थे, जिसके चलते एसआईटी ने उन्हें एक और अवसर प्रदान करते हुए गुरुवार को भी उनका पक्ष सुना, दस्तावेज लिए और बयान दर्ज किए।
यह कार्यवाही ग्रेटर नोएडा की जमीनी हकीकत को समझने और लीजबैक में हुई गड़बड़ियों की जड़ों तक पहुंचने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। किसानों और उनके परिवारों की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए एसआईटी पूरी संवेदनशीलता और गंभीरता से कार्य कर रही है।
डॉ. अरुणवीर सिंह की अगुवाई में एसआईटी ने किया मौका मुआयना
एसआईटी अध्यक्ष एवं यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सुनील कुमार सिंह, ओएसडी गिरीश कुमार झा और जितेंद्र गौतम समेत अन्य संबंधित अधिकारीगण तथा क्षेत्रीय लेखपाल मौके पर पहुंचे।
उन्होंने खैरपुर गुर्जर गांव में पहुंचकर उन किसानों से बातचीत की जो किसी कारणवश बुधवार को उपस्थित नहीं हो सके थे। सभी किसानों से उनके दस्तावेज लिए गए, साक्ष्य एकत्र किए गए और उनके बयान औपचारिक रूप से दर्ज किए गए।
14 मई को मिलेगा अंतिम अवसर, बोर्ड रूम में होगी सुनवाई
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सुनील कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि यदि कोई किसान किसी कारणवश इन दोनों दिनों में एसआईटी के सामने अपना पक्ष नहीं रख सका है, तो उसे एक और मौका दिया जाएगा।
आगामी बुधवार, 14 मई 2025 को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक प्राधिकरण के चतुर्थ तल स्थित बोर्ड रूम में किसान एसआईटी अध्यक्ष डॉ. अरुणवीर सिंह के समक्ष अपने दस्तावेज, साक्ष्य और बयान प्रस्तुत कर सकेंगे।
1451 प्रकरणों को मिल चुकी है लीजबैक की अनुमति, बाकी 86 प्रकरणों की जांच जारी
गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में आबादी लीजबैक को लेकर लंबे समय से शिकायतें आ रही थीं कि कुछ मामलों में नियमों की अनदेखी कर गड़बड़ी की गई।
इन्हीं शिकायतों के आधार पर शासन ने यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच टीम गठित की थी।
अब तक 1451 प्रकरणों में लीजबैक की अनुमति शासन द्वारा दी जा चुकी है, जो कि एसआईटी की सिफारिशों पर आधारित थी।
वर्तमान में 86 प्रकरणों में जांच प्रक्रिया चल रही है, जिन पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

जमीन की लड़ाई नहीं, अधिकार की पुकार है यह सुनवाई
एसआईटी की यह कार्यवाही न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया है, बल्कि यह उन किसानों की वर्षों पुरानी उम्मीदों की कसौटी भी है, जो लीजबैक के नाम पर कभी कागजी उलझनों, तो कभी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते रहे।
अब शासन की इस पहल से उन सभी किसानों में आशा की किरण जगी है कि उन्हें न्याय मिलेगा और उनकी जमीन को लेकर किसी प्रकार का अन्याय नहीं होगा।
खैरपुर में हो रही यह सुनवाई एक नजीर बन सकती है, जिससे दूसरे गांवों में भी इसी तरह की पारदर्शी जांच सुनिश्चित की जा सकेगी।
शासन की मंशा साफ: पारदर्शिता और न्याय सर्वोपरि
एसआईटी की कार्यवाही यह दर्शाती है कि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के हक में कोई कोताही नहीं बरतेगी।
सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की निगरानी में हो रही यह जांच यह सुनिश्चित कर रही है कि हर किसान की बात सुनी जाए, हर दस्तावेज की जांच हो और हर फैसला निष्पक्ष हो।
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