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UP Bypass Road News : यूपी के इस बाईपास को मिलेगी जाम से मुक्ति!, शुरू हुआ बहुप्रतीक्षित बाईपास प्रोजेक्ट, शिकोहाबाद-भोगांव हाईवे से जुड़ेगा नया मार्ग, पश्चिमी यूपी के यातायात को मिलेगा बड़ा फायदा


रफ़्तार टुडे | मैनपुरी, उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जनपद के निवासियों के लिए राहत की बड़ी खबर आई है। अब जाम में फंसी सड़कों, घंटों की देरी और वाहनों की रेंगती रफ्तार से छुटकारा मिलने वाला है। राज्य सरकार ने मैनपुरी शहर को ट्रैफिक की समस्या से स्थायी मुक्ति दिलाने के लिए एक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है — शिकोहाबाद-भोगांव फोरलेन हाईवे से होकर गुजरने वाला मैनपुरी बाईपास अब हकीकत बनने जा रहा है।

56 करोड़ रुपये की स्वीकृति, पहले चरण में बनेगा 15.1 किमी लंबा बाईपास

इस परियोजना के पहले चरण के लिए 56 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल चुकी है। शुरुआत में 15.1 किलोमीटर लंबे बाईपास का निर्माण किया जाएगा, जिससे मैनपुरी नगर के भीतर प्रवेश करने वाले भारी वाहनों को बाहरी मार्ग से डायवर्ट किया जा सकेगा। प्रशासन के मुताबिक जमीन की मार्किंग प्रक्रिया जून के पहले सप्ताह तक पूरी कर ली जाएगी, और इसके बाद भूमि अधिग्रहण का कार्य तेज़ी से शुरू होगा।


जाम से जूझता मैनपुरी — अब होगी राहत की शुरुआत

मैनपुरी नगर क्षेत्र होकर गुजरने वाला नेशनल हाईवे-84, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई बड़े जिलों को जोड़ता है — जिनमें आगरा, मथुरा, फर्रुखाबाद, कन्नौज, शाहजहांपुर और हरदोई शामिल हैं। प्रतिदिन हजारों की संख्या में भारी वाहन इस रूट से गुजरते हैं, जिससे मैनपुरी शहर के भीतर भीषण ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है।

इस बाईपास के निर्माण से न केवल मैनपुरी को राहत मिलेगी, बल्कि इन सभी जिलों के यात्रियों को भी समय और ईंधन की बचत होगी। साथ ही पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा, क्योंकि वाहनों का ठहराव कम होगा और कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।


इन गांवों की होगी भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया, किसानों को मिलेगा भरपूर मुआवजा

इस बाईपास निर्माण के लिए भोगांव और मैनपुरी तहसीलों के नौ गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इनमें शामिल गांव हैं:

  • राजलपुर
  • कछपुरा
  • दिवन्नपुर चौधरी
  • टिकसुरी
  • ब्यौंती खुर्द
  • सिवाई भदौरा
  • मेरपुरा सूजापुर
  • मंछना
  • औडेन्य पडरिया

प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को पारदर्शी और संवेदनशील बनाए रखने के लिए 6 सदस्यीय समिति गठित की है, जिसकी अध्यक्षता अपर जिलाधिकारी (एडीएम) करेंगे। किसानों से सीधे संवाद किया जाएगा और उन्हें सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा मिलने की संभावना है। यह प्रक्रिया न सिर्फ कानूनी दृष्टिकोण से उचित है, बल्कि किसानों के लिए आर्थिक रूप से भी लाभकारी साबित हो सकती है।


मार्किंग के बाद बनेगी काश्तकारों की सूची, जून में नाम तय होने की उम्मीद

प्रशासन का कहना है कि पहले चरण में जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित होगी, उनकी सूची जून के पहले सप्ताह तक तैयार कर ली जाएगी। इसके बाद जमीन की नपाई और चिन्हांकन (मार्किंग) का काम शुरू किया जाएगा। प्रशासन की मंशा है कि परियोजना का कार्य यथाशीघ्र आरंभ हो, ताकि जाम से जूझते मैनपुरी को जल्द राहत मिल सके।


प्रशासन की रणनीति — “विकास और संवेदनशीलता का संतुलन जरूरी”

यह बाईपास महज़ एक सड़क परियोजना नहीं, बल्कि मैनपुरी और उससे जुड़े पूरे क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक गतिशीलता को नई दिशा देने वाला प्रोजेक्ट है। जहां एक ओर यह नगरवासियों को जाम से निजात दिलाएगा, वहीं दूसरी ओर प्रशासन के लिए यह सुनिश्चित करना भी जरूरी होगा कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया न्यायपूर्ण, संवादात्मक और संवेदनशील हो।

प्रशासन की रणनीति साफ है — “विकास और विस्थापन के बीच संतुलन बनाकर चलना होगा।” यदि परियोजना समय पर पूरी होती है, तो यह न केवल स्थानीय नागरिकों के लिए जीवन आसान बनाएगी, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में प्रस्तुत हो सकती है।


क्या होंगे प्रमुख लाभ?

✔️ मैनपुरी नगर में ट्रैफिक जाम की समस्या का स्थायी समाधान
✔️ शिकोहाबाद, भोगांव, फर्रुखाबाद, आगरा आदि जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी
✔️ परिवहन समय और ईंधन की बचत
✔️ प्रदूषण में कमी
✔️ किसानों को लाभकारी मुआवजा
✔️ क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा


यूपी सरकार का इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस जारी

बीते कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्यभर में सड़क और हाईवे नेटवर्क को मजबूत करने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स के बाद अब सरकार स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर के बाईपास प्रोजेक्ट्स पर भी ध्यान दे रही है, जिससे छोटे जिलों के विकास को गति मिले।


नागरिकों की उम्मीदें और प्रशासन की तैयारी

मैनपुरी के स्थानीय निवासी इस निर्णय से बेहद उत्साहित हैं। नगर के व्यापारी वर्ग और स्कूली बच्चों के परिजन लंबे समय से जाम की समस्या से परेशान थे। लोगों को उम्मीद है कि बाईपास बनने से मैनपुरी शहर का चेहरा बदलेगा और निवेश व विकास की नई संभावनाएं भी खुलेंगी।

प्रशासन ने यह भी साफ कर दिया है कि यदि कोई किसान या भूमि स्वामी मुआवजा राशि या भूमि चिन्हांकन से संबंधित जानकारी चाहता है, तो वह तहसील कार्यालय या जिला मुख्यालय से सीधे संपर्क कर सकता है।


निष्कर्ष : एक शहर, एक समाधान — बाईपास का नया सपना

मैनपुरी बाईपास परियोजना केवल एक कंक्रीट सड़क नहीं, बल्कि एक आधुनिक और योजनाबद्ध शहर की नींव है। यदि प्रशासन की गति और पारदर्शिता बरकरार रहती है, तो यह परियोजना मैनपुरी को न केवल ट्रैफिक मुक्त बनाएगी, बल्कि यातायात, व्यापार और क्षेत्रीय संपर्कता में भी एक नया अध्याय जोड़ेगी।


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