Jewar International Airport News : तीन महीने में तीन डेडलाइन!, जेवर एयरपोर्ट बना यूपी की उम्मीदों का रनवे या 'डिले स्टेशन'?, गेहूं की कटाई, श्रमिकों की वापसी और अधूरे प्लांट्स ने फिर फंसा दिया उड़ान का सपना
जेवर एयरपोर्ट को मिली एक और डेडलाइन, अब 30 जून तक पूरे करने होंगे अधूरे काम, अप्रैल मई और अब जून की डेडलाइन आई सामने

जेवर, रफ्तार टुडे।
उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में शामिल नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट एक बार फिर सुर्खियों में है। वजह है—लगातार बदलती डेडलाइन! पहले अप्रैल, फिर मई और अब जून के आखिरी दिन तक काम पूरा करने की तीसरी समयसीमा तय कर दी गई है। इस डेडलाइन गेम में अब सवाल यह है कि क्या जेवर एयरपोर्ट समय पर उड़ान भर पाएगा या फिर देरी की यह उड़ान और लंबी खिंचती जाएगी?
तीसरी बार डेडलाइन में बदलाव, अब 30 जून तक काम पूरा करने का अल्टीमेटम
बुधवार को प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने एयरपोर्ट साइट का निरीक्षण किया और साफ निर्देश दिए कि हर हाल में 30 जून तक अधूरे काम पूरे किए जाएं। उनके साथ यमुना प्राधिकरण और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
मुख्य सचिव ने सभी एजेंसियों को चेताया कि अब किसी भी कीमत पर आगे डेडलाइन नहीं बढ़ाई जाएगी। यह तीसरा मौका है जब इस परियोजना की समयसीमा को पीछे खिसकाया गया है, जिससे निवेशकों और आम जनता की उम्मीदें बार-बार टलती जा रही हैं।
गेहूं की फसल ने उड़ान में डाली रुकावट, 2000 से अधिक श्रमिक लौटे गांव
एयरपोर्ट निर्माण कार्य में देरी की सबसे बड़ी वजह सामने आई है—गेहूं की फसल की कटाई। करीब 2000 से अधिक श्रमिक जो एयरपोर्ट साइट पर विभिन्न निर्माण कार्यों में लगे थे, वो कटाई के सीजन में अपने गांव लौट गए हैं। इस वजह से साइट पर मजदूरों की भारी कमी हो गई है, और कई अहम कार्य रुक गए हैं।

यह स्थिति बताती है कि योजना में स्थानीय कृषि परिस्थितियों को ध्यान में नहीं रखा गया, जो अब एक बड़ी प्रशासनिक चूक बनकर सामने आई है।
AIP प्रक्रिया अंतिम चरण में, 10 मई को होगा महत्वपूर्ण निरीक्षण
वहीं, वैमानिकी सूचना प्रकाशन (AIP – Aeronautical Information Publication) की प्रक्रिया लगभग पूरी होने को है। 6 मार्च से शुरू हुई यह 70 दिनों की प्रक्रिया 15 मई तक पूरी होनी है। इस बीच AAI (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया), DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय), और BCAS (ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी) की संयुक्त टीम 10 मई को एयरपोर्ट का फाइनल निरीक्षण करेगी।
अगर निरीक्षण में एयरपोर्ट की व्यवस्थाएं तकनीकी और सुरक्षा मानकों पर खरी उतरती हैं, तो फिर एयरोड्रम लाइसेंस की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा। यह पहली उड़ान से पहले का सबसे जरूरी कदम है।
AAI ने पहले भी जताई थी खामियां, अब देखना होगा कितना सुधार हुआ
AAI की पिछली निरीक्षण रिपोर्ट में एयरपोर्ट की कई व्यवस्थाओं में तकनीकी और संरचनात्मक कमियों की ओर इशारा किया गया था। उस समय एयरपोर्ट के रनवे, टैक्सीवे, एटीसी टॉवर, टर्मिनल बिल्डिंग और सुरक्षा उपायों में कई सुधार सुझाए गए थे।
अब इस बात पर सबकी निगाहें टिकी हैं कि क्या इन सुझावों को गंभीरता से लागू किया गया है या फिर सिर्फ रिपोर्ट की खानापूर्ति की गई है। यदि इस बार भी निरीक्षण रिपोर्ट में खामियां आती हैं तो उड़ान का सपना फिर टल सकता है।
टर्मिनल पर 10 एयरोब्रिज, रनवे और एटीसी टॉवर तैयार, लेकिन STP और WTP बना सिरदर्द
परियोजना में ट्रायल उड़ानों के लिए जरूरी तमाम संरचनात्मक कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार:
- टर्मिनल भवन का ढांचा तैयार हो चुका है
- 10 एयरोब्रिज लगाए जा चुके हैं
- रनवे और एप्रन का काम पूरा हो चुका है
- एटीसी (Air Traffic Control) टॉवर भी तैयार है
- बैगेज हैंडलिंग सिस्टम और एलिवेटर भी इंस्टॉल हो चुके हैं
लेकिन एयरपोर्ट संचालन के लिए जरूरी दो मुख्य यूनिट—सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) और वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (WTP)—अभी तक अधूरे हैं। इनका केवल 40% कार्य ही पूरा हो सका है, जिससे वैकल्पिक व्यवस्थाएं तलाशने की कवायद शुरू हो गई है।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए जरूरी सूचनाएं IATA वेबसाइट पर अपडेट
AAI की ओर से AIP प्रकाशित कर दिया गया है, जिससे दुनिया भर की एयरलाइंस को यह सूचना मिल चुकी है कि नोएडा में एक नया इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू होने वाला है। AIP में रनवे की लंबाई, चौड़ाई, एयर ट्रैफिक नियम, अप्रोच टेक्नोलॉजी, टर्मिनल सुविधाएं आदि की पूरी जानकारी होती है।
यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) की वेबसाइट पर उपलब्ध है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उड़ानों की योजना बनाने में मदद करती है।

क्या जून डेडलाइन में उड़ान संभव है?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है—क्या 30 जून तक जेवर एयरपोर्ट उड़ान भरने की स्थिति में होगा? अभी तक के हालात देखे जाएं तो निर्माण कार्य के कई हिस्से अधूरे हैं, श्रमिकों की कमी है और निरीक्षण रिपोर्ट भी लंबित है।
हालांकि सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से पूरा प्रयास किया जा रहा है कि डेडलाइन से पहले सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएं, लेकिन जमीन पर वास्तविकता क्या है, यह 10 मई के निरीक्षण के बाद ही साफ हो सकेगा।
जेवर एयरपोर्ट से जुड़े बड़े तथ्य एक नजर में
- कुल लागत: करीब 29,560 करोड़ रुपये
- चरणबद्ध निर्माण: 4 चरणों में एयरपोर्ट का निर्माण
- पहला चरण: 2025 तक उड़ान शुरू करने का लक्ष्य
- रनवे: पहला रनवे तैयार, कुल 6 रनवे प्रस्तावित
- उड़ान क्षमता: पहले चरण में 1.2 करोड़ यात्री सालाना
- टर्मिनल क्षेत्र: 1,33,000 वर्ग मीटर
निष्कर्ष: उम्मीदों की उड़ान या तारीखों का इंतज़ार?
जेवर एयरपोर्ट को लेकर जनता में उत्साह है, लेकिन बार-बार की डेडलाइन और अधूरे काम इस परियोजना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहे हैं। यह जरूरी है कि निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर त्वरित कार्रवाई हो और वास्तविक उड़ान की तारीख घोषित की जाए, ताकि लोगों का विश्वास बना रहे।
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